क्या Lockdown के बाद वापस दूषित हो जाएगा वातारण? जानें क्या है World Environment Day 2020 का इतिहास और इस बार का थीम
world environment day 2020 history, theme, lockdown Impact on paryavaran संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) प्रतिवर्ष विश्व पर्यावरण दिवस के लिए कार्यक्रमों का आयोजन करता है. दुनिया भर में इसे 5 जून को मनाया जाता है. इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य है लोगों को पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जागरूक और प्रोत्साहित करना. हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी विश्व पर्यावरण दिवस 2020 विशेष थीम के साथ मनाया जा रहा है. ऐसे में आइये जानते हैं, क्या है इसका इतिहास और थीम व अन्य..
world environment day 2020 history, theme, lockdown Impact on paryavaran संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) प्रतिवर्ष विश्व पर्यावरण दिवस के लिए कार्यक्रमों का आयोजन करता है. दुनिया भर में इसे 5 जून को मनाया जाता है. इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य है लोगों को पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जागरूक और प्रोत्साहित करना. हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी विश्व पर्यावरण दिवस 2020 विशेष थीम के साथ मनाया जा रहा है. ऐसे में आइये जानते हैं, क्या है इसका इतिहास और थीम व अन्य..
क्या है इस बार विश्व पर्यावरण दिवस का थीम
विश्व पर्यावरण दिवस 2020 को इस बार खास थीम के साथ मनाया जा रहा है. इस बार का थीम है ‘प्रकृति के लिए समय’. बढ़ती मोटर गाड़ियां, कारखाने, लगते उद्योग और कटते वृक्ष, पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचा रहे है. बिना पर्यावरण के जीवन संभव ही नहीं है. ऐसे में हमें वातावरण दूषित करने से बचने के अलावा प्रकृति के साथ तालमेल बिठा कर काम करना होगा.
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क्या है विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास
आज ही के दिन सन 1972 में सबसे पहले संयुक्त राष्ट्र ने इस दिवस को मनाना शुरू किया. इस दौरान स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में एक पर्यावरण सम्मेलन नाम से कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जिसमें करीब 115 देशों ने हिस्सा लिया. इसी के बाद से इसे पूरे देश में मनाने की परंपरा शुरू हो गई. जिसके बाद पर्यावरण संरक्षण को लेकर भारत में भी एक विधेयक पास किया गया. फिर, 19 नवंबर 1986 को इस अधिनियम को लागू कर दिया गया. देश में पहला पर्यावरण दिवस भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में मनाया गया.
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2020 का भारत
कोरोना और लॉकडाउन के वजह से जहां देश-दुनिया परेशान है वहीं, वर्ष 2019 तक पर्यावरण को लेकर गंभीरता से चिंतित भारत को थोड़ी राहत जरूर मिली है. दो महीने से अधिक चले लॉकडाउन के कारण कारखाने, रास्तों पर दौड़ती गाड़ियां, बहती नदियां व सागर थोड़े स्वच्छ हुए हैं. देशभर के विभिन्न स्थानों से खबर आयी कि आसपास के इलाकों के पहाड़-पवर्त्त देखने को मिला. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि लॉकडाउन के बाद भी यही स्थिति बनी रहेगी या वापस हमारा पर्यावरण हो जायेगा दूषित? विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रभात खबर आपसे अपिल करता है कि अपने आसपास पौधे लगाएं और जल, जंगल और जीवन का स्वच्छ बनाएं. हमारा वातावरण तब ही स्वच्छ रह सकता है जब पर्यावरण के साथ तालमेल बिठा कर हम विकास की रफ्तार को आगे बढ़ाये.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.