नई दिल्ली : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंकीपॉक्स महामारी को एक वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है. स्वतंत्र सलाहकारों की समिति (जिसकी गुरुवार 21 जुलाई 2022 को बैठक हुई थी) के सदस्य विश्व स्वास्थ्य संगठन के इस निर्णय पर एकमत नहीं थे कि क्या बढ़ते मंकीपॉक्स के प्रकोप को अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (पीएचईआईसी) कहा जाए, जो उच्चतम स्तर का अलर्ट है.
डब्ल्यूएचओ के प्रमुख डॉ टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने गतिरोध को तोड़ा और प्रकोप को पीएचईआईसी घोषित किया. यह पहली बार है, जब डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने के लिए अपने सलाहकारों को किनारे कर दिया. 1970 में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (तब जायर) में एक बच्चे में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया था. तब से मंकीपॉक्स का प्रकोप आम तौर पर कम और पता लगाने योग्य रहा है, लेकिन हाल ही में एक व्यक्ति एक ऐसे देश से लौटा है, जहां वायरस स्थानिक है – वह है, पश्चिम और मध्य अफ्रीका के देश. लेकिन, वर्तमान प्रकोप अफ्रीका के बाहर किसी भी पिछले प्रकोप के विपरीत है, जिसमें संक्रमण का निरंतर व्यक्ति-से-व्यक्ति संचरण होता है.
बता दें कि 22 जुलाई 2022 तक 68 देशों में 16,593 पुष्ट मामले सामने आए हैं, जहां इससे पहले कभी मंकीपॉक्स होने की जानकारी नहीं थी. सबसे ज्यादा संक्रमण यूरोप से सामने आए हैं. अधिकांश संक्रमण ऐसे पुरुषों में पाए गए हैं, जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं. विशेष रूप से ऐसे पुरुष जो कई लोगों के साथ यौन संबंध रखते हैं. डब्ल्यूएचओ को प्रस्तुत किए गए मॉडल बताते हैं कि बीमारी से संक्रमित एक व्यक्ति से संक्रमित होने वाले लोगों की औसत संख्या (तथाकथित आर नॉट – कोविड महामारी के शुरुआती दिनों से याद है?) पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों में 1.4 और 1.8 के बीच है, लेकिन अन्य आबादी में 1.0 से कम. इसलिए हालांकि कभी-कभी संक्रमण पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों के अलावा अन्य आबादी में फैल सकता है, फिर भी महत्वपूर्ण प्रसार की संभावना नहीं है.
यूरोप में हाल के दिनों में हर हफ्ते नए मंकीपॉक्स के मामलों में वृद्धि की दर धीमी रही है. अधिकांश संक्रमण अभी भी उन पुरुषों में हो रहे हैं, जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं. ब्रिटेन में 97 फीसदी मरीज वही पुरुष हैं, जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि हाल के हफ्तों में महामारी में वृद्धि दर शून्य हो गई है या नकारात्मक भी हो गई है. विशेषज्ञ हाल ही में इस बात पर बहस कर रहे हैं कि क्या मंकीपॉक्स अब एक यौन संचारित रोग है. भले ही मंकीपॉक्स निस्संदेह सेक्स के दौरान फैलता है, इसे एसटीडी के रूप में लेबल करना ठीक नहीं होगा, क्योंकि संक्रमण किसी भी अंतरंग संपर्क से फैल सकता है.
वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने के पक्ष और विपक्ष में तर्क मोटे तौर पर डब्ल्यूएचओ की आपातकालीन समिति ने इसे वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने के पक्ष में तर्क दिया कि मंकीपॉक्स डब्ल्यूएचओ के अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियमों के तहत पीएचईआईसी की परिभाषा के भीतर आता है. पीएचईआईसी की परिभाषा में कहा गया है, ‘एक असाधारण घटना, जो अंतर्राष्ट्रीय प्रसारण के माध्यम से अन्य देशों के लिए एक सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम पैदा करती है और जिसके लिए संभावित रूप से एक समन्वित अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया की आवश्यकता है.’
इसे वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने के खिलाफ तर्कों में यह तथ्य शामिल था कि वर्तमान में यूरोप और उत्तरी अमेरिका के केवल 12 देशों में बड़े पैमाने पर संक्रमण देखे जा रहे हैं और उन देशों में मामलों के स्थिर होने या गिरने के प्रमाण हैं. लगभग सभी मामले उन पुरुषों में होते हैं, जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं और जिनके कई साथी होते हैं, जो इस समूह पर लक्षित उपायों के साथ संचरण को रोकने के अवसर प्रदान करता है. हालांकि, आपातकालीन समिति आम सहमति तक नहीं पहुंच पाई, तो टेड्रोस ने पीएचईआईसी घोषित करने का निर्णय लिया.
Also Read: दिल्ली में मंकीपॉक्स का पहला मामला, सीएम केजरीवाल बोले घबराएं नहीं, पूरी है तैयारी
वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल की इस घोषणा से संभवत: अफ्रीका के बाहर सबसे अधिक प्रभावित देशों में नियंत्रण गतिविधियों में अधिक परिवर्तन नहीं होगा. हालांकि, यह उन देशों को प्रोत्साहित कर सकता है, जहां अब तक कुछ मामले हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यदि संक्रमण उनके देशों में फैलता है, तो उनकी स्वास्थ्य प्रणाली बेहतर प्रबंधन करने में सक्षम है. उम्मीद है कि इससे रोग के प्रबंधन के लिए संबंद्ध देशों में अनुसंधान और क्षमता में सुधार के लिए धन की बेहतर व्यवस्था हो सकेगी.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.