World Heart Day 2023: वर्ल्‍ड हार्ट डे कल, देश के इस हिस्से में होते हैं सबसे ज्यादा हार्ट ट्रांसप्लांट

World Heart Day 2023: लोगों के जीवन को बचाने और उन्‍हें हार्ट की समस्‍याओं को लेकर जागरुक करने के उद्देश्‍य से हर साल 29 सितंबर को वर्ल्‍ड हार्ट डे मनाया जाता है. भारत में हार्ट ट्रांसप्लांट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में एक मरीज का हार्ट ट्रांसप्लांट किया जाता है.

By Shaurya Punj | September 28, 2023 6:33 PM
an image

World Heart Day 2023: कल वर्ल्ड हॉर्ट डे (World Heart Day) है. हृदय रोगों के मामले में भारत विश्व की राजधानी बनने की दहलीज पर खड़ा पहुंच गया है. यहां 100 में से हर दसवां व्यक्ति आज किसी ना किसी हृदय रोग से जूझ रहा है. हृदय रोग बढ़ने की सबसे बड़ी वजह अनियमित दिनचर्या, खानपान में बदलाव और प्रदूषण माना जा रहा है. कोविड-19 की मार भी सबसे ज़्यादा दिल और डायबिटीज के लोगों पर रही. ऐसे में भारत में हार्ट ट्रांसप्लांट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में एक मरीज का हार्ट ट्रांसप्लांट किया जाता है.

भारत में हार्ट ट्रांसप्लांट की स्थिति

एक रिपोर्ट के अनुसार अभी तक भारत में जबसे ट्रांसप्लांट शुरू हुआ है तब से लेकर अब तक 2500 हार्ट ट्रांसप्लांट हो चुके हैं. हर साल लगभग 80 के आसपास भारत में ट्रांसप्लांट होता है और पूरे भारत में 70 सेंटर है जो हार्ट ट्रांसप्लांट करते हैं. उत्तर भारत में यदि एम्स की बात करें तो साल में 3 से 5 हार्ट ट्रांसप्लांट हो पाते हैं. अनुमान है कि करीबन 1 करोड़ मरीज ऐसे हैं जिनको हार्ट की परेशानी है. इसमें से उन मरीजों की संख्या 50000 के करीब है जिनके हार्ट कमजोर होते हैं या फिर उन्हें ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है.

क्या कहते हैं डॉक्टर

डॉक्टरों का कहना है दिल के रोगियों का बढ़ता आंकड़ा देश के भविष्य के लिए भी बड़ा खतरा है. अब इसमें उम्र का कोई बंधन नहीं है. ऐसे में युवा पीढ़ी का अगर दिल ही धड़कना बंद हो जाएगा तो भविष्य पर भी बड़ा खतरा मंडरा रहा है. चिकित्सकों की सलाह पर कुछ जरूरी उपायों को अपनाया जाए और दिनचर्या में बदलाव लाकर खानपान के तौर-तरीकों को सुधारा जाए तो कुछ हद तक इन रोगों से बचा जा सकता है. इसके साथ ही व्यायाम के लिए रोज 30 मिनट का समय हर किसी को निकालना चाहिए.

जानें क्या है विश्व हृदय दिवस

लोगों के जीवन को बचाने और उन्‍हें हार्ट की समस्‍याओं को लेकर जागरुक करने के उद्देश्‍य से हर साल 29 सितंबर को वर्ल्‍ड हार्ट डे (World Heart Day) मनाया जाता है. पहला वर्ल्ड हार्ट डे साल 2000 में 24 सितंबर को मनाया गया था. लेकिन बाद में इस तारीख को बदलकर 29 सितंबर कर दिया गया. तब से हर साल ये दिन 29 सितंबर को ही सेलिब्रेट किया जाता है.

विश्व हृदय दिवस 2023 की थीम

हर साल इस दिन को सेलिब्रेट करने के लिए एक अलग थीम निर्धारित की जाती है. साल 2023 की की थीम है ‘Use Heart, Know Heart’. इस थीम को वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन ने सर्वसम्मति से घोषित किया है. हर साल इस मौके पर लोगों को जागरुक करने के लिए कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.

अमेरिका में हर 36 सेकेंड में एक मौत का कारण हार्ट की बीमारी

अमेर‍िका में हार्ट के मरीजों की तादाद बढ़ी है. अमेरिका में हार्ट अटैक के चलते बड़ी संख्‍या में लोगों की मौत हो रही है. सेंटर आफ डिसीज कंट्रोल एंड प्र‍िवेंशन यानी सीडीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में हर 36 सेकेंड में एक मौत का कारण हार्ट से जुड़ी बीमारियां हैं. अमेरिका में हर चौथी मौत हार्ट अटैक के कारण हो रही है. अमेरिका में हर 40 सेकेंड में एक व्‍यक्ति को हार्ट अैटक होता है. इस बीमारी का प्रभाव अमेरिकी अर्थव्‍यवस्‍था पर भी पड़ रहा है. हालांकि अमेरिका में हृदय से जुड़ी बीमारियों में कोरोनेरी हार्ट डिसीज सबसे ज्यादा कामन है.

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने हार्ट डिसीज के कारण गिनाए

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के मुताबिक इसकी मौत की वजह हमारा रहन-सहन, खान-पान और जीवन शैली है. अस्‍वास्‍थ्‍यकर भोजन, शारीरिक निष्क्रियता, तंबाकू सेवन और अल्‍कोहल के अधिक सेवन से यह समस्‍या दिनों दिन बड़ी होती जा रही है. संगठन का सुझाव है कि तंबाकू के सेवन बंद करने और खानपान में नमक की मात्रा कम करने और फल-हरी सब्जियों के नियमित खाने से इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है. फ‍िजिकल सक्रियता से भी इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है.

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की एक रिपोर्ट में हुआ ये खुलासा

2021 में विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीमारियों के चलते हार्ट डिसीज से सर्वाधिक मौते हुईं हैं. हार्ट डिसीज के चलते हर साल दुनिया में 179 मिल‍ियन यानी करीब दो करोड़ लोग मर रहे हैं. संगठन का कहना है कि कार्डियोवास्कुलर डिसीजेज (CVDs) इसकी बड़ी वजह है.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

Exit mobile version