World Heart Day : क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड हार्ट डे? जानिए इसका इतिहास

World Heart Day : प्रतिवर्ष 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ड डे यानी विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है.

By Shreya Ojha | September 30, 2024 12:22 AM
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World Heart Day : प्रतिवर्ष 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ड डे यानी विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है. विश्व हृदय दिवस कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों के बारे में लोगों को जागरूक करने के दृष्टिकोण से मनाया जाता है. इसके अतिरिक्त वैश्विक स्तर पर हृदय रोगों के प्रभाव और बचाव के लिए लोगों को जागरूक भी किया जाता है.

World Heart Day : वर्ल्ड हार्ट डे का इतिहास ?

वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन (World Heart Federation) ने वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (World Health Organization) के साथ मिलकर वर्ष 1999, दिनांक 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे के रूप में मनाने की स्थापना की. इस सामाजिक कार्यक्रम के सुझाव के पीछे एंटोनी बॉयस दी लूना का हांथ था जो, 1997 से 1999 तक वर्ल्ड हेल्थ फेडरेशन की प्रेसिडेंट रह चुके हैं. वर्ल्ड हार्ट डे वर्ष 2011 तक सितंबर महीने के आखिरी रविवार के दिन मनाया जाता था और इसे पहली बार 24 सितंबर वर्ष 2000 में मनाया गया था.

World Heart Day : Cardiovascular Disease : क्या है कार्डियोवैस्कुलर डिजीज ?

कार्डियोवैस्कुलर बीमारियां हृदय कि धमनियों और रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करने वाला डिसॉर्डर है, जिसका मुख्य कारण है उछ रक्तचाप, मोटापा, कोलेस्ट्रॉल के कारण होने वाला ब्लोकेज, आदि. कार्डियोवैस्कुलर बीमारियां वैश्विक स्तर पर होने वाली बहुत ही आम समस्या है. वर्ष 2000 की शुरुआत में विश्व भर में लगभग 17 मिलियन लोग कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों की वजह से मारे थे.

इनमें से औसतन मृत्यु कोरोनरी हार्ट डिजीज (coronary heart disease )और स्ट्रोक के कारण हुई थी. कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का कारण बड़े और विकसित शहर में रहने को माना जाता था, जहां पर जीवन शैली काफी सुस्त या फिर इनएक्टिव होती है. शहरी परिवेश में रहने वाले लोग शारीरिक गतिविधियों में कम और मानसिक गतिविधियों में ज्यादा इंवॉल्व होते हैं, जबकि हृदय रोगों से होने वाली 80% मृत्यु कम या फिर मध्यम आय वाले देशों में होती है.

World Heart Day : क्या है कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का कारण?

कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से इनके होने का प्राथमिक कारण है:

  • संतुलित आहार न लेना
  • प्रतिदिन व्यायाम न करना
  • धूम्रपान या शराब पीना
  • उच्च रक्तचाप
  • उच्च कोलेस्ट्रॉल
  • मोटापा

इन लक्षणों को जानने के बाद विकासशील देशों में जहां पर बेहतर और आधुनिक तकनीक वाली स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं है, वहाँ भी बहुत सी ऐसी बीमारियों को रोका जा सकता था, अगर लोग अपनी दिनचर्या और जीवन शैली में कुछ जरूरी परिवर्तन कर लें तो. लोगों को अपनी आदतों में जरूरी बदलाव करने से कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों से मुक्ति मिल सकती है और उनसे बचाव भी किया जा सकता है.

World Heart Day : हृदय रोगों की वजह से देश को उठानी पड़ती है आर्थिक क्षति

हृदय रोगों की वजह से देश की स्वास्थ्य सुविधाओं और इलाज का खर्चा और वह लोग जो लोग बीमारी की वजह से काम नहीं कर पा रहे हैं, इसके कारण भी देश को आर्थिक रूप से क्षति उठानी पड़ती है.

आप सभी पाठकों से या गुजारिश है कि आज 29 सितंबर वर्ल्ड हार्ट डे के दिन आप यह संकल्प लें कि आप अपने हृदय स्वास्थ्य का ध्यान रखेंगे. संतुलित आहार के साथ, रोज व्यायाम करेंगे और धूम्रपान और शराब जैसी चीजों से दूर रहेंगे. मात्र इतना करने से आपका हृदय ही नहीं बल्कि पूरा शरीर स्वस्थ एवं निरोगी रहेगा.

स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का विकास होता है और अगर आपका मन स्वस्थ रहेगा तो आप अपने काम और जीवन में बेहतर प्रदर्शन करेंगे, इस तरह से आप अपने ही नहीं बल्कि अपने देश के विकास में भी अपनी भागीदारी दर्ज कर पाएंगे.

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