world hypertension day 2020, 8 reason for high bp, causes and treatment लॉकडाउन (Lockdown) के वजह से भाग दौड़ वाली लाइफ जरूर कुछ दिनों से बंद है, लेकिन आर्थिक तंगी, कोरोना का भय आदि तनाव भी हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) का कारण बन रहा है. इधर, 17 मई को वर्ल्ड हाईपरटेंशन (World Hypertension Day 2020) डे मनाया जा रहा है. लेकिन, यह बीमारी कब, किसे और क्यों हो जाती है इसका अंदाजा भी नहीं लग पाता. ऐसे में लोगों को जीवन भर इसे झेलना पड़ता है और दवाईयों के भरोसे जिंदगी की गाड़ी आगे चलानी पड़ती है.
हमारे शरीर को सुचारू ढ़ंग से कार्य करने के लिए ऑक्सीजन युक्त रक्त की ज़रुरत पड़ती है. इस ब्लड को पहुंचाने का काम हमारा सर्कुलेटरी सिस्टम करता है. ऐसे में हमारी नसों पर पड़ने वाले खून के दबाव को ब्लड प्रेशर कहा जाता है. और जब बहाव काफी तेज होता है तो हाई ब्लड प्रेशर या उच्च रक्तचाप या हाईपरटेंशन कहा जाता है.
ऐसा पाया गया है कि यह ज्यादातर बुजूर्गों को ही होता है लेकिन कई बार इसकी शिकार प्रेगनेंट महिलाएं और युवा भी हो जाते हैं. कई ऐसे कारण है जो हमारे ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है.
व्यस्त लाइफस्टाइल के कारण 90% से अधिक मामलों में हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर होने का अंदाजा भी नहीं लग पाता है. जो सबसे खतरनाक हो सकता है. इससे लकवा, हर्ट प्रॉब्लम, किडनी खराब समेत कई अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं.
45-50 के बाद यह बीमारी आम है. किसी को भी हो सकता है. चिंता का विषय यह है कि अब युवाओं में भी यह बीमारी पायी जाने लगी है.
यदि आपके पूर्वजों में किसी को यह बीमारी रही हो तो भी यह आपको हो सकती है. ऐसे में फॅमिली हिस्ट्री भी इसका एक बहुत बड़ा कारण है.
ओवर वेट होना इसका सबसे बड़ा कारण है. हालांकि, मोटापा कई समस्याओं का जड़ होता है. कई शोधों में पाया गया है कि ज्यादा वजन से उच्च रक्तचाप होने का खतरा अधिक होता है.
धूम्रपान करने से ब्लड वेसल सिकुड़ जाता है और ख़ून में ऑक्सीजन की मात्रा घटने लगती है, ऐसे में हमारे ह्रदय को तेजी से पंप करना पड़ता है जिसके कारण उच्च रक्तचाप की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है.
सुख-सुविधाओं से लैस जिंदगी को जीने की आदत भी इस बीमारी को ईजात करने में सहायक है. दरअसल, फिजिकली एक्टिव नहीं होने के कारण सुचारू रूप से ब्लड संचार नहीं कर पाता है. जो बाद में जाकर हाईपरटेंश के खतरे को बढ़ा देता है.
व्यस्त जीवनशैली में ऑफीस, घर-परिवार, बाल-बच्चे की चिंता हो या लॉकडाउन के दौरान कोरोना का भय या आर्थिक तनाव, यह सेहत के लिए कई मामलों में हानिकारक है. यह हमें मानसिक रोगी बनाने से लेकर ब्लड प्रेशर को बढ़ाने तक में कारगार है.
आमतौर पर देखा गया है कि बढ़े हुए तापमान में बीपी की समस्या कम हो जाती है जबकि ठंड के मौसम में ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. हालांकि, ऐसा 60 साल की उम्र के बाद वालों के साथ ज्यादा होता है.
इसके अलावा युवाओं के जंक फूड खाने की आदत हो या प्रेगनेंट महिलाओं के शरीर में हो रहे बदलाव के कारण भी उनमें हाई ब्लड प्रेशर होने का खतरा बढ़ जाता है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.