World Hypertension Day 2024: हाइपरटेंशन से खुद को बचाएं और लंबी आयु पाएं

उच्च रक्तचाप के प्रबंधन, नियंत्रण और रोकथाम के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाया जाता है. हाइपरटेंशन आज के दौर की एक आम समस्या है, लेकिन कुछ सावधानियां बरत कर आप स्वयं को इससे बचा सकते हैं...

By Preeti Singh Parihar | May 17, 2024 5:35 PM

World Hypertension Day 2024: दुनिया भर में 17 मई को वर्ल्ड हाइपर टेंशन डे मनाया जाता है. वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे 2024 की थीम है- ‘अपने रक्तचाप को सटीक रूप से मापें, इसे नियंत्रित करें और लंबे समय तक जीवित रहें.’ विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाने का उद्देश्य विश्व स्तर पर मृत्यु का एक प्रमुख कारण हाइपर टेंशन यानी उच्च रक्तचाप के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. इसकी शुरुआत इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ हाइपरटेंशन से संबंद्ध वर्ल्ड हाइपरटेंशन लीग की पहल पर की गयी थी. आज वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे के मौके पर जानें ऐसे ही कुछ उपायों के बारे में.

समय रहते इस पर नियंत्रण है जरूरी

मौजूदा जीवनशैली और काम के बढ़ते दबाव की वजह से बड़े पैमाने पर लोग बहुत कम उम्र में ही हाइपरटेंशन की समस्या से ग्रस्त हो जाते हैं. आजकल हाइपरटेंशन से ग्रस्त लोगों में 18 से 50 वर्ष की आयु वर्ग के लोग अधिक हैं. हाइपरटेंशन कब हाई ब्लड प्रेशर में तब्दील हो जाता है, पता ही नहीं चलता. इसके अलग-अलग कारण हो सकते हैं जैसे- फैमिली हिस्ट्री, तनाव, गलत खानपान और शारीरिक निष्क्रियता, तंबाकू और सिगरेट का सेवन आदि. हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर को साइलेंट किलर भी कहा जाता है, क्योंकि यह हार्ट अटैक, स्ट्रोक और किडनी फेल्योर आदि के खतरे को बढ़ाता है. लेकिन समय रहते कुछ सावधानियां बरत कर आप स्वयं को हाइपरटेंशन से बचा सकते हैं.

हाइपरटेंशन के लक्षण और कारण पहचानें

कई वजहों से हाइपरटेंशन की शिकायत होती है, लेकिन तनाव और अनियंत्रित खानपान इसके मुख्य कारणों में शामिल हैं. हाइपरटेंशन या हाई बीपी में धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाता है. हेल्थ गाइडलाइंस के मुताबिक 130/80 mmHg से ज्यादा रक्त का दबाव होने पर व्यक्ति हाइपरटेंशन या हाई बीपी की श्रेणी में आ जाता है. इससे सबसे ज्यादा नुकसान हार्ट यानी दिल को होता है.

हाइपरटेंशन के लक्षण

हाइपरटेंशन व हाई बीपी में शुरुआत में सिर के पीछे और गर्दन में दर्द रह सकता है. धुंधला दिखने के साथ पेशाब के साथ खून निकलने की भी समस्या हो सकती है. सिर चकराने, थकान और सुस्ती जैसे लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं. हाइपरटेंशन होने पर सांस लेने में तकलीफ होने लगती है. नींद न आने के साथ दिल की धड़कनों के बढ़ जाने की भी समस्या होती है.

हाइपरटेंशन किन कारणों से हो सकता है

हाइपरटेंशन के मामलों में लगभग 90-95 फीसदी प्राइमरी हाई ब्लड प्रेशर होता है, जहां इसका कोई स्पष्ट कारण नहीं होता है. लेकिन आनुवंशिक कारणों और लाइफ स्टाइल की वजह से भी कई बार ब्लड प्रेसर की समस्या हो जाती है. खाने में तेल और नमक की अधिकता, सिगरटे, शराब के सेवन, स्लीप एपनिया (नींद के दौरान ऑक्सीजन का निम्न स्तर) आदि प्राइमरी हाई ब्लड प्रेशर की कुछ प्रमुख वजहें हैं. मौजूदा जीवनशैली, जिसमें काम का दबाव अधिक है और स्वयं के लिए समय बेहद कम है, इस वजह से भी लोगों में हाइपरटेंशन की समस्या देखने को मिल रही है.

ऐसे बचाएं खुद को हाइपरटेंशन से


हाइपरटेंशन से ग्रस्त व्यक्ति को नियमित रूप से अपना ब्लड प्रेशर चेक करना चाहिए. अगर बीपी बढ़ा हुआ आता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. जंक फूड से परहेज करें. शराब और तंबाकू का सेवन करने से भी बचें शारीरिक निष्क्रियता को खत्म करने के लिए नियमित रूप व्यायाम करें और कम से कम 15 मिनट ब्रिक्स वॉक (तेज चलना) करें. चलना व्यायाम का सबसे अच्छा रूप है. रोजाना पोषक तत्वों से भरपूर भोजन, जिसमें फल और सब्जियां, अनार, गाजर, मूली, मेथी, पालक शामिल हों, करना चाहिए. ध्यान रखें कि भोजन में नमक और तेल कम हो. तनाव से बचकर रहना भी बेहद जरूरी है. साथ ही नियमित तौर पर भरपूर नींद लें.

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