वर्ल्ड लिवर डे: झारखंड की 10-15% आबादी है पीड़ित, जानें इसकी वजह और ऐसे रखें स्वास्थ्य

आज विश्व लिवर दिवस है, और झारखंड की 10 से 15 फीसदी आबादी सी ग्रसित है, लिवर का ठीक रहना बेहद जरूरी है क्यों कि इसका सीधा असर हमारे पाचन तंत्र पर पड़ता है, मतलब हमारे खान पान से संबंधित है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 19, 2022 9:24 AM

खान-पान का सीधा असर हमारे पाचन तंत्र पर पड़ता है. इससे शरीर में कमजोरी आ जाती है और कई बीमारियां हो जाती हैं. लिवर की कोशिकाओं में जब बहुत ज्यादा फैट जम जाता है, तो उसे फैटी लिवर कहा जाता है. फैटी लिवर का तीन ग्रेड होता है. इसी ग्रेड से यह पता चलता है कि लिवर कितना खराब हो गया है. ग्रेड थ्री के बाद लिवर को ठीक करना आसान नहीं होता है.

इसके बाद लिवर सिरोसिस की समस्या हो जाती है अौर व्यक्ति को लिवर ट्रांसप्लांट करना पड़ता है. सामान्य लिवर लचीला होता है, लेकिन खराबी आने पर यह धीरे-धीरे सिकुड़ने लगता है. सिरोसिस की स्थिति में लिवर सख्त यानी कठोर हो जाता है.

राज्य की 10-15% आबादी को समस्या

राज्य की 10 से 15 फीसदी आबादी लिवर की समस्या से पीड़ित है. मोटापा और डायबिटीज से पीड़ित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. शहरी आबादी के साथ-साथ ग्रामीण भी लाइफस्टाइल डिजीज से पीड़ित हो रहे हैं. ऐसे में लिवर की समस्या वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है. वहीं शराब के सेवन से भी लिवर को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचता है, जिसका सेवन यहां ज्यादा देखने को मिलता है.

मेडिसिन और गेस्ट्रो ओपीडी में पहुंचते हैं एक तिहाई मरीज

मेडिसिन और पेट के ओपीडी में आनेवाले कुल मरीजों में एक तिहाई मरीज लिवर की समस्या से पीड़ित होते हैं. रिम्स के मेडिसिन ओपीडी और निजी अस्पतालों के गेस्ट्रोइंंट्रोलॉजिस्ट (पेट रोग) के ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है़ रिम्स मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ विद्यापति ने बताया कि हर ओपीडी में 10-15 मरीज लिवर की समस्या वाले आते हैं.

लिवर प्रोफाइल की जांच जरूरी

विशेषज्ञ कहते हैं : लिवर की समस्या का पता लगाने के लिए लिवर प्रोफाइल और फाइब्रोस्कैन जांच जरूरी है. शुगर, बीपी और मोटापा से पीड़ित को तीन से छह माह में एक बार लिवर प्रोफाइल की जांच करानी चाहिए. इसमें एसजीपीटी, एसजीओटी, एल्बुमिन और बिलिरुबीन का आकलन होता है.

खाने की आदत को सुधारें

आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में ज्यादातर लोगों का खान-पान असंतुलित हो गया है़ दिनचर्या अनियमित हो गयी है़ अधिकतर लोग सुबह समय पर नहीं उठते हैं. वहीं समय पर ड्यूटी पहुंचने की वजह से खान-पान से समझौता करने लगते हैं. जल्दबाजी में भोजन को बिना अच्छी तरह चबाये निगल जाते है. वहीं फास्ट फूड खाने, तेल, मिर्च, मसाला व चटपटी चीजों को खाने से लिवर पर असर पड़ता है.

वायरल या बैक्टीरियल बीमारी भी कारण

लिवर की बीमारी के लिए वायरल या बैक्टीरियल रोग भी कारण है. लिवर खराब होने में हेपेटाइटिस ए, बी और सी को एक प्रमुख कारण माना जाता है. कोरोना काल में यह देखने को मिला कि संक्रमित व्यक्ति के ठीक होने के बाद उसका एसजीपीटी और एसजीओटी बढ़ा रहता था. अत्यधिक प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के सेवन से लिवर की समस्या होने लगी थी.

योग से भी लिवर को रख सकते हैं स्वस्थ

डॉक्टर्स के मुताबिक स्वस्थ लिवर के लिए बेहतर खान-पान जरूरी है़ साथ ही कुछ योग का अभ्यास भी लिवर को स्वस्थ बनाता है. इसके लिए शलभासन, बालासन, कपालभाति, अर्ध मत्स्येंद्रासन और धनुरासन फायदेमंद है़ इन आसन का प्रतिदिन सुबह या शाम पांच से 10 मिनट तक अभ्यास करना चाहिए. इसके अलावा नियमित आधा घंटा टहलना चाहिए़

Posted By: Sameer Oraon

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

Next Article

Exit mobile version