मेनिनजाइटिस एक गंभीर बीमारी है जिसमें मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के आसपास की झिल्ली, जिसे मेनिन्जेस भी कहा जाता है, संक्रमित होती है और सूज जाती है. इससे सिरदर्द, बुखार, गर्दन में अकड़न, उन्हें ज्यादातर गंभीर रूप से प्रभावित करने वाले लक्षण होते हैं.
इस बीमारी का कारण वायरस, बैक्टीरिया, या फंगस संक्रमण हो सकता है, और इसका इलाज गंभीरता के हिसाब से किया जा सकता है।
Also Read: दिमाग का दिवाला निकाल रही लाइफ स्टाइल की ये आदतें, समय पर हो जाए सतर्कमेनिनजाइटिस के खिलाफ जागरूकता के लिए विश्व मेनिनजाइटिस दिवस का आयोजन पहली बार 2008 में हुआ था. पहले, इस दिन को 24 अप्रैल को मनाया जाता था, लेकिन बाद में इसे 5 अक्टूबर को स्थायी तारीख के रूप में स्वीकार किया गया ताकि अधिक लोग इसमें भाग ले सकें
इस दिन का महत्व उन विशेषज्ञों और संगठनों के साथ है जो मेनिनजाइटिस के बारे में जागरूकता फैलाने और इसके उपचार के तरीकों को प्रमोट करते हैं.
यह एक संक्रमण है जिसे हराने के लिए वैश्विक ध्यान और प्रयास की आवश्यकता है. “2030 तक मेनिनजाइटिस को हराने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन का वैश्विक रोड मैप रोकथाम, निदान और उपचार, रोग निगरानी, स्वास्थ्य वकालत, और समर्थन और देखभाल में सुधार करेगा, जिससे सालाना 200,000 लोगों की जान बचाई जा सकेगी और मेनिनजाइटिस के कारण होने वाली विकलांगता में काफी कमी आएगी
मेनिनजाइटिस के प्रमुख लक्षण में सिरदर्द, बुखार, गर्दन में अकड़न, या अकड़नी होती है. ये लक्षण अक्सर तेजी से विकसित होते हैं और बहुत गंभीर हो सकते हैं, इसलिए त्वरित चिकित्सकीय सहायता की आवश्यकता होती है.
विश्व मेनिनजाइटिस दिवस 2023 एक महत्वपूर्ण दिन है जो हमें मेनिनजाइटिस बीमारी के बारे में जागरूक करता है.
मेनिनजाइटिस रोगियों के इलाज के लिए धन जुटाना इस दिन को नेक तरीके से मनाने का एक और तरीका है.
Also Read: छोटे दानों में है फौलादी दम, डायबिटीज कंट्रोल के साथ सँवारता है फिगरDisclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.