World Mental Health Day 2022: ‘वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे’ आज, जानें इसका महत्व और इतिहास

World Mental Health Day 2022: दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य की महत्ता को समझाने के लिए आज के दिन यानी 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है. इस दिन का मकसद यह है कि लोगों के बीच मानसिक दिक्कतों को लेकर जागरूकता फैलाई जा सके.

By Shaurya Punj | October 10, 2022 7:15 AM
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World Mental Health Day 2022: मानसिक समस्याओं के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए हर वर्ष 10 अक्टूबर को वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे (World Mental Health Day) मनाया जाता है.  इसका मकसद यह है कि लोगों के बीच मानसिक दिक्कतों को लेकर जागरूकता फैलाई जा सके.  


क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे

आजकल की इस दौड़ती भागती जिंदगी में हर कोई कर कोई मानसिक दबाव से गुजर रहा है. लेकिन, बहुत कम लोग ही इसे अहमित देते हैं. इस अनदेखी के कारण वह मेंटल स्ट्रेस, डिप्रेशन, एंजाइटी से लेकर हिस्टीरिया, डिमेंशिया, फोबिया जैसी मानसिक बीमारी का शिकार हो जाते हैं. दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य की महत्ता को समझाने के लिए आज के दिन यानी 10 अक्टूबर को विश्व  मानसिक स्वास्थ्य दिवस (World Mental Health Day) मनाया जाता है.

World Mental Health Day 2022: थीम

2022 के लिए विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की थीम “Mental Health in an Unequal World” है और विश्व मानसिक स्वास्थ्य संघ द्वारा आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा की गई है.

World Mental Health Day 2022: इतिहास

दुनियाभर में मानसिक बीमारियों के मरीजों की संख्या में वृद्धि और पीड़ित लोगों द्वारा खुद को नुकसान पहुंचाने के मामलों में बढ़ोत्तरी के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ ने साल 1992 में विश्व मानसिक सेहत दिवस मनाने की शुरुआत की. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को मानसिक सेहत के लिए जागरुक करना है. साथ ही पीड़ित व्यक्ति के मन-मस्तिष्क में आशा की किरण जगाना है. इस मौके पर दुनियाभर में कई मेन्टल हेल्थ को लेकर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें लोगों को मानसिक और शारीरिक रूप से सेहतमंद रहने के तरीके बताए जाते हैं.  साथ ही तनावग्रस्त लोगों की समस्याओं को सुनकर उन्हें सही राह दिखाया जाता है.

वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे का महत्व

मानसिक स्वास्थ्य सबसे ज्यादा नकारा जाने वाला स्वास्थ्य क्षेत्र रहा है जिस पर ज्यादातर लोग ध्यान नहीं देते. रिपोर्ट के अनुसार आज करीब 1 मिलियन से अधिक लोग मानसिक विकार के साथ जी रहे हैं जिसके फलस्वरूप प्रत्येक 40 सेकंड में एक व्यक्ति आत्महत्या करके खुद की जान का दुश्मन बनता जा रहा है. ज्यादतर मानसिक रोगों में से लगभग 50 फीसदी मामले 14 वर्ष की आयु तक शुरू होते हैं. ऐसे में हमें इस विषय पर ख़ासा ध्यान देने की आवश्यकता है और जल्द ही इस पर ठीक प्रकार से काम नहीं किया गया तो आने वाले समय में स्थिति और खराब हो सकती है.

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