World No Tobacco Day 2021, Anti Tobacco Day 2021 Theme, History, Significance, Importance: हर वर्ष की तरह आज 31 मई विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2021 मनाया जा रहा है. इसका मुख्य उद्देश्य है लोगों को इससे होने वाले जोखिम के प्रति अवगत करवाना. खासकर कोरोना के दौरान और वैक्सीन के बाद इसे जारी रखना स्वास्थ्य को बहुत हानि पहुंचा सकता है. इसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन से अन्य छोटे-बड़े संस्थानों में विभिन्न प्रकार के अभियान, कार्यक्रम व व अन्य गतिविधियां आयोजित की जाती हैं. आइये जानते हैं विश्व तंबाकू निषेध दिवस के इतिहास, महत्व और इस बार के थीम के बारे में…
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दरअसल, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) धूम्रपान से होने वाले स्वास्थ्य हानि के प्रति लोगों को जागरूक करती है
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साथ ही साथ दुनिया भर में तंबाकू उत्पादों के उपयोग को कम करने के लिए भी सरकार को प्रोत्साहित करती है.
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डब्ल्यूएचओ की मानें तो तंबाकू के सेवन से हर साल दुनिया भर में 80 लाख से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा रहे है.
क्रिटिकल केयर मेडिसीन के डॉ. हिमांशु कुमार कहते हैं कि सिगरेट या तंबाकू में निकोटीन नाम का एक पदार्थ पाया जाता है जो बेहद खतरनाक हो सकता है. कोरोना काल में तंबाकू का सेवन आपको मौत के कगार पर ला सकता है. इससे कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. जहां कोरोना के दौरान फेफड़ों में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाने से लोगों की जान जा रही है. ऐसे में धूम्रपान करने वाले लोगों में कोविड होने से तुरंत गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती है. वे बताते हैं कि शरीर में तंबाकू निम्नलिखित अंगों को प्रभावित कर सकता है…
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दरअसल, मस्तिष्क में जहरीला पदार्थ निकोटीन जब पहुंचता है तो हमें बेचैनी, चिड़चिड़पन आदि महसूस हो सकता है.
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इससे दिल की बीमारी का खतरा चार गुना अधिक बढ़ जाता है.
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तंबाकू फेफड़ों में एक परत बैठा सकता है जिससे महत्वपूर्ण गैस एक्सचेंज होने में दिक्कत होने लगती है. परिणामस्वरूप ऑक्सीजन की कमी हो सकती है.
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इससे लंग्स व मुंह के कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है.
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इससे शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है जिससे डायबिटीज जैसी बीमारी भी संभव है.
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इसके धुएं में आर्सेनिक, फार्मलाडिहाइड और अमोनिया जैसे हानिकारक रसासन पाए जाते है. जो ब्लड में मिश्रण होकर हमारी आंखों के नाजुक ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकते है जिससे रोशनी तक जा सकती है.
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पुरुष या महिलाओं जो धूम्रपान का सेवन करते है उनमें डिमेंशिया या अल्जाइमर जैसे रोग हो सकते है. जिससे आपकी याददाशत तक जा सकती है.
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इससे महिलाओं की प्रजनन क्षमता भी प्रभावित होती है.
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यह दिल की धड़कन के साथ-साथ ब्लड प्रेशर को भी बढ़ा सकता है.
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तंबाकू के सेवन से लकवा, गठिया, फेफड़े का रोग समेत अन्य समस्याएं हो सकती है.
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हर साल की तरह वर्ल्ड नो टोबैको इस बार विशेष थीम “Commit to quit”के साथ मनाया जा रहा है. जिसका मतलब है तंबाकू छोड़ने के लिए प्रतिबद्ध होना. आपको बता दें कि इस कोरोना महामारी में लाखों लोगों तंबाकू छोड़ चुके है और कुछ छोड़ना भी चाहते हैं.
दरअसल, सबसे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 1987 में एक प्रस्ताव पारित किया गया था. जिसे 7 अप्रैल, 1988 को ‘विश्व धूम्रपान निषेध दिवस’ के रूप में लागू किया गया है. इस अधिनियम के तहत लोगों को कम से कम 24 घंटे तक तंबाकू का उपयोग करने से रोकना था. हालांकि, बाद में इसे 31 मई से विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. वर्ष 2008 में WHO ने तंबाकू से संबंधित किसी भी विज्ञापन या प्रचार पर भी प्रतिबंध लगा दिया. इसका मकसद था कि विज्ञापन देख युवा को धूम्रपान करने के लिए आकर्षित न हों.
Posted By: Sumit Kumar Verma
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.