World Thalassemia Day 2022: विश्व थैलेसीमिया डे 8 मई को, जानें इस साल की थीम, इतिहास और महत्व

World Thalassemia Day 2022: थैलेसीमिया के बारे में जागरूकता विकसित करना और बीमारी से प्रभावित लोगों की देखभाल करना इस वर्ष के थैलेसीमिया डे आयोजन के प्रमुख उद्देश्य हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 7, 2022 10:03 PM

World Thalassemia Day 2022: थैलेसीमिया एक इनहैरिडेट ब्लड डिसऑर्डर है जिसमें शरीर पर्याप्त हीमोग्लोबिन बनाने में विफल रहता है, जिसके परिणामस्वरूप लाल रक्त कोशिकाएं कमजोर और नष्ट हो जाती हैं. थैलेसीमिया, अल्फा और बीटा दो प्रकार के होते हैं, थैलेसीमिया माइनर, थैलेसीमिया इंटरमीडिया और थैलेसीमिया मेजर सब कैटेगरी हैं. कॉम्प्रोमाइज्ड रेड ब्लड सेल्स एनीमिया, सांस की तकलीफ, अत्यधिक थकान और अनियमित दिल की धड़कन जैसी कई समस्याओं का कारण बनती हैं.

World Thalassemia Day 2022: विश्व थैलेसीमिया दिवस मनाने का उद्देश्य

विश्व थैलेसीमिया दिवस मनाने का उद्देश्य बीमारी के बारे में जागरूकता पैदा करना और रोगियों, उनके परिवारों और स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं को इससे निपटने के लिए जानकारी देना है.

विश्व थैलेसीमिया दिवस तारीख (World Thalassemia Day 2022 Date)

विश्व थैलेसीमिया दिवस हर साल 8 मई को मनाया जाता है. यह आयोजन पहली बार 1994 में थैलेसीमिया इंटरनेशनल फेडरेशन (TIF) द्वारा TIF के संस्थापक पैनोस एंगलजोस के बेटे जॉर्ज एंगलजोस की याद में आयोजित किया गया था. इस बीमारी से उनकी जान चली गई थी. तब से, यह आयोजन हर साल किया जाता है.

विश्व थैलेसीमिया दिवस 2022 थीम (World Thalassemia Day 2022 Theme)

विश्व थैलेसीमिया दिवस के इस वर्ष का थीम है, “अवेयर रहें. शेयर. केयर : थैलेसीमिया नॉलेज में सुधार के लिए वैश्विक समुदाय के साथ काम करना. (“Be Aware. Share. Care: Working with the global community as one to improve Thalassemia knowledge.”)जैसा कि विषय में उल्लेख किया गया है, दुनिया भर में थैलेसीमिया के बारे में जागरूकता विकसित करना और बीमारी से प्रभावित लोगों की देखभाल करना इस वर्ष के आयोजन के प्रमुख उद्देश्य हैं. इसका उद्देश्य व्यक्तियों को बीमारी के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने के लिए प्रेरित करना और रोगियों को स्वास्थ्य और सामाजिक सहायता दोनों के मामले में अत्यधिक देखभाल प्रदान करना है.

विश्व थैलेसीमिया दिवस: महत्व

भारत के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार अनुमान है कि भारत में हर साल लगभग 10,000 से 15,000 शिशु थैलेसीमिया मेजर के साथ पैदा होते हैं. विश्व स्तर पर, यह संख्या लगभग 300,000 से 500,000 बच्चों तक बढ़ जाती है. भारत में लगभग 67,000 मरीज बीटा थैलेसीमिया से पीड़ित हैं. विश्व थैलेसीमिया दिवस कार्यक्रम इस मायने में महत्वपूर्ण है कि इसका उद्देश्य थैलेसीमिया से पैदा होने वाले बच्चों की संख्या को कम करना है. कुछ लोग थैलेसीमिया के मूक वाहक होते हैं और ये दोनों अपने बच्चों को यह बीमारी दे सकते हैं. इसलिए, वाहकों का पता लगाने के लिए उचित जांच आवश्यक है. यह आयोजन इन मुद्दों पर जनता को शिक्षित करता है.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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