Yoga For Belly Fat: यदि आप भी बेली फैट से परेशान हैं, तो जानिए कुछ ऐसे योगासनों के बारे में, जिनका 21 दिनों तक नियमित अभ्यास करके अपने बेली फैट को काफी हद तक कम कर सकते हैं. नियमित अभ्यास से पेट, कमर के पास जमा एक्स्ट्रा फैट कम होने लगेगा और आप शरीर में स्फूर्ति महसूस करेंगे.
इसमें खड़े होकर आगे की ओर झुका जाता है व दोनों हाथों से पैर को छूना पड़ता है. पहले रीढ़ की हड्डी को सीधा करते हुए खड़े हो जाएं. दोनों पंजे एक बराबर में हों. दोनों हाथों को शरीर के पीछे ले जाएं और रिलैक्स करें. अब शरीर का पूरा वजन दोनों पांव पर डालते हुए धीरे-धीरे आगे झुकें. ध्यान रहे, शरीर पर किसी प्रकार का तनाव या जोर न डालें. झुकने के क्रम में पहले हाथों से पैर की उंगलियां छुएं, फिर घुटनों को पकड़ें और गर्दन को ढीला छोड़ दें. इस दौरान आपके पांव व घुटने सीधे हों. अब धीरे-धीरे उठें व गहरी सांस लेकर रिलैक्स करें. इसे रोजाना दस बार दुहराए.
पश्चिमोत्तानासन वजन कम करने में यह बेहद लाभकारी है. इसके नियमित अभ्यास से गर्भाशय एवं मासिक धर्म संबंधी संमस्याओं से भी राहत मिलती है. सबसे पहले दोनों पैरों को बाहर की ओर फैलाते हुए जमीन पर बैठ जाएं. पैर की उंगलियों को आगे और चिपका कर रखें. लंबी गहरी सांस लेते हुए अपनी बाहों को ऊपर उठाएं और जहां तक संभव हो शरीर को आगे की ओर झुका कर पैरों की ऊंगलियों को पकड़ने का प्रयास करें. शरीर को इतना झुकाने की कोशिश करें कि सिर घुटनों को छू लें. यदि ऐसा नहीं हो पाता है, तो अपनी क्षमतानुसार करें.
इसके अभ्यास से वजन कम करने के अलावा गैस एवं कब्ज की समस्या में राहत मिलती है. पीठ के बल लेट जाएं और दोनों पैरों को एक सीध में कर लें. दायें घुटने को छाती के पास लाएं और जांघ को पेट तक लाकर अच्छे से दबाएं. अब ठुड्डी को दायें घुटने से लगा कर और हाथों से पकड़ कर गहरी सांस लें. घुटने को हाथ से अच्छे से पकड़ने पर छाती पर हल्का-सा दबाव महसूस होगा, जो सामान्य है. अब सांस छोड़ते हुए घुटने को ढीला करें. अब इस प्रक्रिया को इसी तरह बायें पैर के साथ करें. दोनों पैरों से एक-एक बार करने के बाद दोनों पैरों के साथ करें. इसका नियमित अभ्यास करने से पेट तथा कमर की चर्बी कम होती है और मांसपेशियों में मजबूती आती है.
पीठ के बल पर लेट कर दोनों पैरों को एक साथ सटाएं. इस दौरान हाथों को शरीर की सीध में ही पास रखें. लंबी गहरी सांस लें और सांस को छोड़ते हुए हाथ, पैर, छाती, सिर आदि को उठाएं. हाथ और पैर एकदम सीधे रखें और घुटनों को न मोड़ें. पैरों को तब तक उठाते रहें जब तक पेट में खिंचाव न महसूस होने लगे. शरीर के पूरे वजन को नितंब पर संतुलित करने का प्रयास करें.
इस योग को करने से पाचन तंत्र बहुत मजबूत होता है. कब्ज, अस्थमा, महिलाओं को होने वाली मासिक धर्म में समस्या से राहत मिलती है. अभ्यास के लिए समतल जमीन पर दरी बिछाएं और उस पर पेट के बल लेट जाएं. उसके बाद पुश-अप्स पोज में आकर शरीर के अगले हिस्से को उठाएं. ध्यान रहे कि इस दौरान आपका धड़ आगे की ओर हो. शारीरिक क्षमतानुसार इस मुद्रा में रहें, फिर पहली अवस्था में आ जाएं. अपनी क्षमतानुसार रोजाना 10 बार इसे करें.
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Tadasana): लंबाई बढ़ाने के लिए
इस योग को करने से लंबाई बढ़ती है. साथ ही पाचन तंत्र मजबूत होता है, शरीर में रक्त संचार सही से होता है, घुटनों, टखनों और भुजाओं में मजबूती आती है. इसे करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं, पैरों के बीच दो फुट का फासला रखें. अब उगंलियों को एक-दूसरे में फंसाकर सांस को अंदर करते हुए उगंलियां ऊपर की ओर ले जाएं. अब एड़ियां उठाएं और पंजों पर खड़े रहते हुए संतुलन बनाने की कोशिश करें. ध्यान रहे कि इस दौरान पैरों से लेकर सिर तक के बॉडी पार्ट्स को ऊपर की ओर स्ट्रेच करें. हाथों और एड़ियों को नीचे लेकर आते हुए सांस बाहर छोड़ें. क्षमतानुसार रोज अभ्यास करें.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.