अनियमित जीवनशैली और खराब खानपान के कारण आंखों से संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. कई लोगों को लगातार कंप्यूटर में काम करने की वजह से आंखें कमजोर हो जाती है, जिसके कारण चश्मा लगाना पड़ता है.
आंखों की ठीक से देखभाल नहीं करने, पोषक तत्वों की कमी या फिर आनुवांशिक कारणों के चलते आंखों की रोशनी कम हो जाती है. ऐसे में अंतरराष्ट्रीय योग गुरु अक्षर से जानें वे तीन विशेष आसन, जिनसे आंखों की ज्योति बढ़ेगी और उनमें वृद्धावस्था के कारण होने वाली परेशानियां कम होंगी.
आंखों की सेहत बनाये रखना बेहद जरूरी है. इसके लिए आप अपने खान-पान का विशेष ख्याल रखें. इसके अलावा योग के माध्यम से आप ये काम घर बैठे महज कुछ मिनटों में ही कर सकते हैं. योगासन करने से आपकी आंखों की रोशनी बढ़ने के साथ-साथ पूरा शरीर स्वस्थ रहेगा.
सुखासन में बैठ जाएं. इसके बाद दोनों पैरों को आगे की ओर लंबा फैलाएं. इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आपके पैर कहीं से भी मुड़े हुए न हो. अब अपने हाथों को ऊपर की तरफ बिना मोड़े खोलें और उनसे अपने पैरों के अंगूठों को पकड़ने का प्रयास करें. अंगूठों को पकड़ते वक्त इस बात का ध्यान रखना होगा कि आपकी छाती आपके घुटनों को छू रही हो. जितनी देर रुक सकते हों, रुकें. फिर आसन से बाहर आ जाना है. तीन बार इसको दुहराएं.
शारीरिक और मानसिक, दोनों प्रकार की समस्याओं से छुटकारा दिलाता है. महिला संबंधी स्वास्थ्य में सुधार होता है.
अस्थमा, दस्त या पीठ में दर्द है, तो इस आसन को करने से बचें.
वज्रासन में बैठ जाएं. धीरे-धीरे दोनों हाथों और पैरों के पंजो को जमीन पर रखें. जमीन पर वजन देते हुए अपनी कमर को त्रिकोणीय आकार की तरह ऊपर जितना बन सके उतना खींचें. आसन के दौरान आपके शरीर का आकार इस प्रकार दिखायी देना चाहिए जैसे कि कोई पर्वत खड़ा हो. लंबी-गहरी श्वास का अभ्यास करें. इस मुद्रा में पंद्रह सेकंड या क्षमतानुसार रुकें, फिर विपरीत क्रम में वापस की स्थिति में आ जाएं. इसे तीन बार दोहराएं.
पैर, कंधे, कमर, गर्दन, फेफड़े सब की कार्यप्रणाली अच्छी होती है.
हाइ ब्लड प्रेशर या दिल के मरीज इसको न करें. कमर, कंधों में दर्द की हालत में भी करने से बचना है.
पैर के पंजों के बल बैठें यानी एड़ियां उठी हुई हों. दोनों हथेलियों को पैरों के सामने जमीन पर टिका दें. अब शरीर का भार दोनों बांहों पर डालते हुए पैरों को जमीन से ऊपर उठा लें. इस अवस्था में मुड़े हुए घुटनों को कोहनियों के पास बाहर की ओर टिका दें. एड़ियां नितम्बों के पास रहें. कोहनियां भी मुड़ी रहेंगी. इसको भी तीन बार दोहराव करना है.
कंधे, कोहनी, कलाई और गुर्दे की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं.
इस आसन को जल्दबाजी में न करें. संतुलन पर पूरा ध्यान रहे. गर्भवती महिलाएं, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग वाले न करें.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.