Yoga for weight loss: आसनों से मोटापा कम करना आसान

आजकल की भाग-दौड़ भरी जिन्द़गी में हर कोई फिट रहने का प्रयास कर रहा है. वही योग एक महत्वपुर्ण और प्रभावी विकल्प है. योग से न केवल मानसिक और शारीरिक स्वास्थय को बढावा देता है बल्की मोटापा कम करने में भी सहायक है. आइए जानते है किन योगासन की मदद से मोटापा कम किया जा सकता है.

By Swati Kumari Ray | August 21, 2024 3:25 PM

Yoga for weight loss: मोटापे की मुख्य वजहें हैं- बेवजह खाना, अधिक चर्बीदार भोजन करना, कोई व्यायाम न करना, पाचन प्रणाली का अच्छा न होना, कम पानी पीना आदि. प्रसंस्कृत भोजन, रिफाइन से बने भोज्य पदार्थ, मैदा और कृत्रिम रूप से रंगे गये तथा कृत्रिम सुगंधवाले आहार भी मोटापे की वजह हैं. बच्चों में मोटापे का सबसे बड़ा कारण है- फास्ट फूड. तोंद निकल आना, श्रमयुक्त काम करने पर दम फूलना, थकान, अधिक नींद और शरीर में दर्द होना मोटापे के सामान्य लक्षण हैं. मोटापा से उबरने में ताड़ासन, कटिचक्रासन, धनुरासन, हलासन, पादहस्तासन, सर्वांगासन, भुजंगासन, पश्चिमोत्तानासन, मत्स्यासन, अर्द्धमत्स्येंद्रासन और उष्ट्रासन आदि आसन बहुत लाभकारी हैं.

कटिचक्रासन

इससे कमर की चर्बी दूर होती है और कमर आकर्षक बनता है. यह शरीर में ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाकर आलस्य दूर करता है. इस आसन से पहले उत्तानपादासन करना लाभकारी है.

विधिः दोनों हाथों को सिर के नीचे रखें. कोहनियां जमीन पर रखते हुए बायें पैर को घुटने से मोड़ कर पैर के तलवे को दायीं जंघा पर रखें. सांस छोड़ते हुए बायें घुटने को दायीं ओर कमर को साइड से मोड़ते हुए जमीन पर ले जाने का प्रयास करें. गर्दन को बायीं ओर मोड़ लें. इस स्थिति में आंखें बंद कर सांस को सामान्य होने दें. यथाशक्ति रुकें और उसके बाद सांस भरते हुए घुटने को धीरे से वापस लाकर पैर को सीधा कर लें.

हलासन

यह आसन अतिरिक्त वजन को कम करता है. शरीर की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं.
विधि: पीठ के बल लेटकर दोनों पैरों को आपस में मिलाएं. हथेलियों को कमर के पास जमीन पर रखें. शरीर को ढीला छोड़ दें. अब सांस भरें और पेट को जितना संभव हो, अंदर की ओर सिकोड़ें. अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए पैरों को जमीन से ऊपर उठाएं और सिर के पीछे तक ले जाने का प्रयास करें (शुरुआत में इस स्थिति में आने के लिए शरीर की मांसपेशियों पर जोर पड़ता है, मगर लगातार अभ्यास से आप इस क्रिया पर नियंत्रण पा सकते हैं). इस स्थिति में यथाशक्ति रुकने के बाद धीरे-धीरे सामान्य मुद्रा में आ जाएं.

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मत्स्यासन

इससे पेट और गर्दन दोनों की चर्बी दूर होती है. कब्ज, गैस और दर्द से निजात मिलती है. इसे दो तरीके से किया जाता है.
विधि: पहले तरीके के लिए पैर को मोड़कर दूसरे पैर की जांघ पर रखें. दूसरा पैर सीधा रहे. कोहनियों का सहारा लेकर धीरे-धीरे पीछे की ओर झुकें और धड़ के ऊपरी भाग को जमीन पर धीरे-से रखें. मुड़े हुए पैर के पंजे को दोनों हाथों से पकड़ें. इस स्थिति में यथासंभव रुकने के बाद पूर्व स्थिति में आ जाएं. दूसरी विधि के लिए, दोनों पैरों को सामने की ओर सीधी रखें. शरीर के ऊपरी हिस्से को धीरे-धीरे पीछे की ओर उसी तरह झुकाएं जैसे मत्स्यासन में झुकाते हैं.

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