हिमाचल प्रदेश चुनाव 2022: महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं के निर्मला सीतारमण के साथ सेल्फी के क्या है मायने ?
कांग्रेस की महिला कार्यकर्ता पार्टी नेता प्रियंका गांधी वाड्रा का इंतजार कर रही थीं. इस वक्त उनकी नजर शिमला क्लब के पास मॉल रोड से गुजर रहे केंद्रीय वित्त मंत्री के काफिले पर पड़ी. कांग्रेस महासचिव प्रियंका को दोपहर में माल रोड पर एक जन संपर्क अभियान में हिस्सा लेना था.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव का प्रचार थम चुका है. प्रचार के अंतिम दिन कुछ ऐसा हुआ जिसकी चर्चा राजनीति में हो रही है. दरअसल, चुनाव के लिए आक्रामक प्रचार अभियान के आखिरी दिन कांग्रेस की महिला कार्यकर्ताओं ने भाजपा की नेता और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ सेल्फी ली जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. बताया जा रहा है कि सीतारमण प्रदेश की राजधानी शिमला में भाजपा के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने पहुंची थीं.
खबरों की मानें तो कांग्रेस की महिला कार्यकर्ता पार्टी नेता प्रियंका गांधी वाड्रा का इंतजार कर रही थीं. इस वक्त उनकी नजर शिमला क्लब के पास मॉल रोड से गुजर रहे केंद्रीय वित्त मंत्री के काफिले पर पड़ी. कांग्रेस महासचिव प्रियंका को दोपहर में माल रोड पर एक जन संपर्क अभियान में हिस्सा लेना था.
पूरे घटनाक्रम पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ मौजूद भाजपा के मीडिया प्रभारी करण नंदा ने कहा कि वित्त मंत्री की जब कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर उनकी नजर गयी, जो हाथ हिला रहे थे तो, उन्होंने अपना काफिला रोक दिया. वह अपने वाहन से उतरीं और उनसे मिलने लगी. इस वक्त कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने वित्त मंत्री के साथ सेल्फी ली. सूत्रों की मानें तो, जब महिला कांग्रेस प्रमुख ने कांग्रेस का पटका पहने पार्टी समर्थकों को बुलाया, तो उन्होंने अपने नेता को अनसुना कर दिया और कहा कि सीतारमण ने महिलाओं को गौरवान्वित किया है और वे उनके साथ सेल्फी लेना चाहती हैं.
Also Read: हिमाचल प्रदेश चुनाव 2022: इन तीन वहज से भाजपा की बढ़ी टेंशन, जानें चुनाव का क्या रहा है इतिहास भाजपा की परेशानी का कारणआपको बता दें कि जहां भाजपा 12 नवंबर को होने वाले चुनावों में सत्ता बरकरार रखने की कोशिश में जुटी है. वहीं पार्टी की का टेंशन कुछ चीजें हैं जो बढ़ा रही हैं. जी हां…ऐसी तीन वजहें है जिसने पार्टी को मतदान से पूर्व टेंशन दे दिया है. पहला पहाड़ी हिमाचल प्रदेश के पिछले तीन दशक का चुनावी इतिहास है जो सत्ता बदलने के संकेत दे रहा है. दूसरा चुनावी मैदान में उतरने वाले भाजपा के बागी नेता हैं वहीं तीसरी वजह ओल्ड पेंशन स्कीम है जो चुनावी मुद्दा बना हुआ है.
भाषा इनपुट के साथ