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Himachal Election 2022:हिमाचल में भ्रष्टाचार होगा बड़ा मुद्दा? कांग्रेस को मिलेगा सत्ता विरोधी लहर का लाभ

Himachal Pradesh Assembly Election 2022: हिमाचल प्रदेश में हमेशा कांग्रेस और बीजेपी के बीच मुकाबला होता था. हालांकि, इस बार आम आदमी पार्टी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में लगी हुई है.

By Samir Kumar | October 26, 2022 2:27 PM

Himachal Pradesh Assembly Election 2022: हिमाचल प्रदेश की सत्ता में एक फिर से वापसी की कोशिश में जुटी बीजेपी के सामने कई चुनौतियां है. दरअसल, इस बार के चुनाव में बीजेपी का मुकाबला कांग्रेस के साथ-साथ आम आदमी पार्टी से भी है. इससे पहले, हिमाचल में हमेशा कांग्रेस और बीजेपी के बीच मुकाबला होता था. हालांकि, इस बार आम आदमी पार्टी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में लगी हुई है.

महंगाई और बेरोजगारी होगा बड़ा चुनावी मुद्दा

सत्ता विरोधी लहर का लाभ लेकर और महंगाई एवं बेरोजगारी जैसे मुद्दों को उठाकर कांग्रेस पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश की सत्ता से बीजेपी को बाहर का रास्ता दिखाकर वापसी करने की कोशिश कर रही है. चुनाव में जाने से पहले कांग्रेस नेता साफ शब्दों में कह चुके हैं कि हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी प्रमुख मुद्दा रहेगा. इधर, अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और माकपा प्रदेश के बेरोजगारों के वोट बैंक पर अपनी नजरें टिकाए हुए हैं. कहा जा रहा है कि युवा बेरोजगारों की कतार में खड़े हैं. इस कारण से विपक्ष दल बेरोजगार युवा वोट बैंक को आकर्षित करने के लिए कोई अवसर नहीं छोड़ना चाहते है. विपक्ष का आरोप है कि बीजेपी सरकार ने प्रदेश में स्थानीय रोजगार किसी को नहीं दिया. हिमाचल में बीजेपी सरकार ने अपने चहेतों को रोजगार दिया और यह बेरोजगारों के साथ धोखा है. वहीं, इस बार के चुनाव में सेब किसानों की मुसीबत भी एक चुनावी मुद्दा बन सकता है. आंकड़ों के मुताबिक, हिमाचल की 17 विधानसभा सीटों पर सेब की पैदावार होती है.

सर्वे रिपोर्ट में सामने आई ये जानकारी

वहीं, सी-वोटर के ओपिनियन पोल की रिपोर्ट के मुताबिक, 63 फीसदी लोगों ने कहा कि हिमाचल चुनाव में भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा रहेगा. इसके अलावा, 37 फीसदी लोगों का कहना है कि भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा नहीं होगा. साथ ही 50 फीसदी लोगों ने कहा कि बीजेपी की सत्ता में वापसी हो सकती है, जबकि 50 फीसदी लोगों ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सत्ता में वापसी नहीं होगी. वहीं, हिमाचल प्रदेश के लोगों ने बताया कि बिजली, पानी, सड़क के अलावा भ्रष्टाचार भी प्रदेश में महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दा है. वहीं, बीते दिनों कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने हिमाचल में ओल्ड पेंशन स्कीम बहाल करने का वादा कर वोटबैंक पर पकड़ बनाने की कोशिश की है.

जानिए कांग्रेस के लिए क्या है परेशानी

बताते चलें कि पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने हिमाचल प्रदेश में जीत दर्ज की थी. बीते कुछ दशकों में इस पहाड़ी राज्य में सत्ताधारी पार्टी का फिर से सत्ता में लौटने में विफल रहने का इतिहास रहा है. इन सबके बीच, सवाल यह उठाया जा रहा है कि क्या बिना वीरभद्र सिंह के कांग्रेस बीजेपी का मुकाबला कर पाएगी. गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता वीरभद्र सिंह का पिछले साल निधन हो गया था.

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