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Himachal Pradesh Election 2022: हिमाचल प्रदेश में जानिए क्या है राजनीतिक दलों के दावे-वादे और इरादे

Himachal Pradesh Assembly Election 2022: हिमाचल में होने जा रहे चुनाव में कांग्रेस और आप महंगाई तथा बेरोजगारी को मुख्य मुद्दा बनाकर बीजेपी को घेरने में जुटी हुई है. बीजेपी सरकार पर आरोप है कि पार्टी के शासन के दौरान 5 साल तक बेरोजगारों की उपेक्षा की गई है.

By Samir Kumar | October 26, 2022 7:00 PM

Himachal Pradesh Assembly Election 2022: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी महंगाई तथा बेरोजगारी को मुख्य मुद्दा बनाकर बीजेपी को घेरने में जुटी हुई है. बीजेपी सरकार पर आरोप है कि पार्टी के शासन के दौरान 5 साल तक बेरोजगारों की उपेक्षा की गई है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी भी एक बार फिर से प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने के इरादे से आम लोगों से कई तरह के वादे करती दिख रही है. इधर, अपनी साख बचाने में जुटी कांग्रेस के लिए आम आदमी पार्टी भी किसी चुनौती से कम नहीं है. आइए विस्तार से जानते है, राजनीतिक पार्टियां हिमाचल की जनता से क्या चुनावी वादे कर रही हैं.

आम आदमी पार्टी के चुनावी दावे पर एक नजर

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पहली बार रण में उतरी आम आदमी पार्टी की मजबूती उसकी ईमानदार छवि और दिल्ली मॉडल है. दिल्ली के बाद पंजाब में भी स्कूल और अस्पताल को ही आगे रखकर जनता का दिल जीत चुकी आम आदमी पार्टी की नजर अब हिमाचल और गुजरात पर जा टिकी है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद हिमाचल के लोगों को अच्छी शिक्षा, मुफ्त इलाज, फ्री बिजली देने का वादा कर चुके हैं. इसके अलावा, हिमाचल में बेरोजगारों को नौकरी और भत्ता देने, आम आदमी पार्टी के कई ऐसे दावे हैं, जो लोगों के बीच चर्चा का विषय हैं. यहां बताते चलें कि आम आदमी पार्टी के लिए हिमाचल में चुनाव लड़ने का अनुभव नया है और सांगठनिक तौर पर भी पार्टी बीजेपी-कांग्रेस जितनी मजबूत नहीं है. इसके अलावा, पार्टी गुजरात चुनाव पर ज्यादा ध्यान दे रही है. ऐसे में हिमाचल में पार्टी के बड़े नेताओं की सक्रियता नहीं के बराबर है.

हिमाचल की जनता से कांग्रेस के चुनावी वादे

उल्लेखनीय है कि हिमाचल की जनता हर पांच साल के बाद सरकार बदलती रही है. ऐसे में इस बार के चुनाव में कांग्रेस को उम्मीद है कि वह बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने में कामयाब हो पाएगी और एक बार फिर से वह हिमाचल की सत्ता पर काबिज हो पाएगी. इसी के मद्देनजर हिमाचल में चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस पूरा जोर लगा रही है. इसके लिए कांग्रेस छत्तीसगढ़ मॉडल के जरिए यह बताने की कोशिश में जुटी है कि हिमाचल को भी कैसे विकास के रास्ते पर दौड़ाया जा सकता है. बताया जा रहा है कि कई जगह यह मॉडल पसंद भी किया जा रहा है. पुरानी पेंशन स्कीम वापस लाने का ऐलान और पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह का नाम भी पार्टी को मजबूत बना रहा है. इसके साथ ही कांग्रेस ने एक लाख नौकरियां देने का भी ऐलान किया है, जो पार्टी के लिए मजबूत कड़ी बन रहा है. हालांकि, कांग्रेस के लिए एक बड़ी समस्या यह है कि पार्टी में सीएम पद के कई दावेदार हैं, इसी कारण गुटबाजी और कलह भी हावी है.

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बीजेपी को वोट दिलाने में सहायक होंगे ये मुद्दे

हिमाचल प्रदेश में बीजेपी को सबसे बड़ी उम्मीद पीएम मोदी के मैजिक से है. इसके साथ ही प्रदेश में हुए विकास कार्य भी बीजेपी की ताकत बढ़ाने का काम कर रहा है. बड़ी बात यह भी है कि सांगठनिक तौर पर भी बीजेपी अपने विरोधियों से अधिक मजबूत स्थिति में नजर आ रही है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और कैबिनेट मंत्री अनुराग ठाकुर भी हिमाचल प्रदेश से ही हैं. वहीं, पीएम मोदी भी कई मंचों से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की पीठ थपथपा चुके हैं. वंदेभारत ट्रेन की शुरुआत, हाटी समुदाय को जनजातीय का दर्जा दिया जाना, बिलासपुर एम्स, बल्क ड्रग पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क भी बीजेपी को वोट दिलाने में सहायक हो सकते हैं. हालांकि, पुरानी पेंशन योजना को लेकर हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को विरोध का सामना करना पड़ रहा है.

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