Himachal Pradesh Election 2022: हिमाचल प्रदेश की सत्ता से भारतीय जनता पार्टी (BJP) को बेदखल करने की कोशिश में जुटी कांग्रेस के सामने कई चुनौतियां है. इसी के साथ 2022 के चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की हिमाचल के चुनाव में एंट्री ने कांग्रेस और बीजेपी के लिए नई परेशानी खड़ी दी है. सियासी गतिविधियों के लिहाज से बीजेपी के लिए भी अपनी साख को बचाए रखना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. इसी को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार चुनावी मुद्दों से ज्यादा पीएम नरेंद्र मोदी के नाम पर भरोसा करती नजर आ रही है.
हिमाचल प्रदेश में साल 2017 में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य की कई सीटों पर करीबी मुकाबला देखने को मिला था. आंकड़ों पर गौर करे तो विधानसभा की कुल 68 में से 20 सीटों पर जीत का अंतर तीन हजार वोट से भी कम था. जबकि, राज्य में विधानसभा की छह सीटें ऐसी थीं, जहां जीत का अंतर एक हजार वोटों से भी कम था. हालांकि, उस दौरान हिमाचल प्रदेश में महज दो प्रमुख पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला था. जबकि, 2022 में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की एंट्री से मुकाबला रोचक होता दिख रहा है.
बताते चलें कि हिमाचल प्रदेश में फिलहाल बीजेपी की अगुवाई में जयराम ठाकुर की सरकार है. वहीं, खबरों के मुताबिक, प्रदेश में शासन से जुड़े कई मुद्दों पर बीजेपी चुनौतियों का सामना कर रही है और पार्टी पर खराब शासन के आरोप लग रहे हैं. इन सबके बीच, बीते दिनों एबीपी न्यूज-सीवोटर के सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश के 66 प्रतिशत आम लोगों का कहना है कि पीएम मोदी का कामकाज अच्छा है. वहीं, 19 प्रतिशत लोगों ने प्रधानमंत्री के काम को खराब बताया, जबकि 15 प्रतिशत ने पीएम के काम को औसत बताया है. सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कामकाज को लेकर राज्य की जनता की राय उनके पक्ष में नहीं है. रिपोर्ट में सबसे ज्यादा 35 प्रतिशत लोगों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कामकाज को खराब बताया है. वहीं, 33 प्रतिशत ने सीएम जयराम के काम को अच्छा बताया है, जबकि 32 प्रतिशत लोगों ने इसे औसत करार दिया.
हिमाचल की सत्ता में वापसी की तैयारी में जुटी कांग्रेस बीजेपी पर लगातार हमलावर है. आरोप लगाए जा रहे है कि मुख्यमंत्री कार्यालय में बीते पांच सालों में छह मुख्य सचिव बदले जा चुके हैं. इधर, चुनावी माहौल बनते ही पीएम मोदी और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर से जीत हासिल करने के मिशन में जुट गए थे. इसी कड़ी में पीएम मोदी लगातार राज्य के दौरे कर रहे हैं और अक्टूबर में वे दो बार हिमाचल पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कई विकास परियोजनाओं का ऐलान किया. इधर, सीएम ठाकुर भी हालिया जनसभाओं में मुख्यमंत्री गृहिणी योजना, मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना, मुख्यमंत्री शगुन योजना, नारी को नमन योजना के बारे में जोर देकर बात कर रहे हैं. पीएम भी राज्यों में डबल इंजन सरकार की जरूरत की बात कहते रहे हैं.
हिमाचल प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में नई-पुरानी पेंशन स्कीम, सेव उत्पादन में खर्च, महंगाई, बीजेपी का शासन, फ्री बिजली, महिलाओं को भत्ता, गोबर खरीद समेत कई मुद्दे अहम भूमिका निभा सकते हैं. संभावना यह भी हैं कि हिमाचल में सेव आंदोलन तीन दशक के बाद फिर बड़ा मुद्दा साबित होगा. बताते चलें कि बीते कुछ महीनों से सेव पैदा करने वाले कार्टन पर जीएसटी में इजाफा, डिब्बे के अंदर यूज होने वाले ट्रे की बढ़ती कीमतों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.