बुधवार को इंडियन प्रीमियर लीग में एक शानदार मुकाबला देखने को मिला. चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स के मुकाबले में एम एस धोनी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि उम्र उनके लिए केवल एक संख्या है. 41 साल के धोनी एक बार फिर बेस्ट फिनिशर की भूमिका में नजर आये, लेकिन उनकी टीम आखिरी गेंद पर 3 रन से हार गयी. उन्होंने रवींद्र जडेजा के साथ समीकरण को आखिरी ओवर में जीत के लिए 21 रन तक पहुंचा दिया, लेकिन जीत नहीं दिला सके. धोनी 17 गेंद पर 34 रन बनाकर नाबाद रहे.
सीएसके को इससे पहले तीन ओवर में जीत के लिए 54 रनों की जरूरत थी. राजस्थान रॉयल्स के तेज गेंदबाज संदीप शर्मा ने एक सही यॉर्कर फेंकी और मैच को राजस्थान के पाले में डाल दिया. फिर भी हर कोई एमएस धोनी की तारीफ कर रहा था. मैच के बाद धोनी ने कहा कि वह इस बात पर विश्वास करते हैं कि रोमांचक मुकाबले में गेंदबाज पर काफी दबाव होता है और कई बार वह गलती करता है. मैं बस उस गलती का इंतजार करता हूं और बड़े शॉट खेलने का प्रयास करता हूं.
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ऑस्ट्रेलिया के पूर्व ऑलराउंडर और सीएसके में धोनी के साथी शेन वॉटसन ने एमएस धोनी की इस दिलचस्प विश्वास प्रणाली पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने बताया कि यह किस तरह ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट खेलने के तरीके के विपरीत है. धोनी हमेशा कहते रहे हैं कि आखिरी समय में मैच अगर रोमांचक मोड़ पर जाता है तो गेंदबाज पर दबाव होता है और वह गेंदबाज के गलती करने का इंतजार करते हैं. लेकिन वाटसन का मानना है कि लक्ष्य का पीछा करने का यह सामान्य तरीका नहीं है.
वाटसन ने धोनी की तारीफ करते हुए कहा कि एमएस का कौशल खेल के शीर्ष पर है. पिछले कुछ साल थोड़े खराब थे. आप देख सकते थे कि वह बहुत कठिन प्रयास कर रहे थे, लेकिन लगातार अपने बल्ले के बीच से गेंद निकालने में सक्षम नहीं थे. उन्होंने कहा कि एमएस की एक बात मुझे हमेशा याद रहेगी कि उनका लक्ष्य का पीछा करने का एक अलग दृष्टिकोण है, जो सामान्य नहीं है, लेकिन इसने उन्हें इतना अच्छा बना दिया है कि इसमें उनको सफलता मिलती रही है. गेंदबाज के आखिरी ओवर में गलती करने की बहुत अधिक संभावना होती है. इसका मतलब यह है कि अगर धोनी शांत रहते हैं, तो वह उस लड़ाई को जीतने के लिए खुद का समर्थन करते हैं.
वाटसन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में हमें हमेशा सिखाया जाता था कि आप खत्म करो, या इसे जल्दी करने की कोशिश करो और इसे आखिरी ओवर में नहीं जाने दो. जबकि एमएसडी कहते हैं कि मैं इसे आखिरी ओवर में गहराई तक ले जाने वाला हूं. क्योंकि गेंदबाज पर बहुत अधिक दबाव होता है. एमएसडी ने ऐसा लगातार किया है. यह एक अलग दृष्टिकोण है लेकिन इतनी बार वह शीर्ष पर गये हैं. बुधवार की रात भी ऐसा हो सकता था, लेकिन संदीप ने शानदार गेंदबाजी की और एमएस इसे उतना अच्छी तरह से हासिल नहीं कर सके जितना वह चाहते थे, लेकिन यह उतना ही करीबी मैच था जितना धोनी सेट कर सकते थे.