हैदराबाद : सनराइजर्स हैदराबाद और लखनऊ सुपरजायंट्स के बीच शनिवार को यहां खेले गये मैच के दौरान मैदानी अंपायरों अक्षय तोत्रे, जे मदनगोपाल और टीवी अंपायर यशवंत बार्डे के नो बॉल को लेकर दिये विवादित फैसले के बाद दर्शकों के खराब बर्ताव के कारण खेल को कुछ देर रोकना पड़ा. यह घटना सनराइजर्स हैदराबाद की पारी के 19वें ओवर में घटी जब आवेश खान ने अब्दुल समद को गेंद बीमर की तरह फेंकी और तोत्रे ने इसे नो-बॉल नहीं करार दिया.
सनराइजर्स हैदराबाद ने इसके बाद डीआरएस लिया लेकिन तीसरे अंपायर ने भी इसे वैध गेंद करार दिया. तीसरे अंपायर के फैसले के बाद समद के साथ बल्लेबाजी कर रहे हेनरिच क्लासेन ने मैदानी अंपायरों से बात की क्योंकि टेलीविजन रीप्ले और ‘बॉल ट्रेकर’ में गेंद बल्लेबाज के कमर के साथ विकेट के ऊपर से निकलती हुई दिख रही थी. हैदराबाद के दर्शकों को यह नागवार गुजरा और वे हंगामा करने लगे.
इस घटना के बीच लखनऊ सुपरजायंट्स के मुख्य कोच एंडी फ्लावर और मेंटर गौतम गंभीर को टीम के अन्य सदस्यों के साथ डग-आउट से उठकर सीमा रेखा के पास आते देखा गया. इसके बाद दर्शन कोहली-कोहली के नारे लगाने लगे. बता दें कि आरसीबी और लखनऊ के पिछले मुकाबले में गंभीर और कोहली के बीच तीखी नोकझोक हुई थी, जिसके बाद बीसीसीआई ने दोनों पर 100 फीसदी मैच फीस का जुर्माना लगाया था.
गौतम गंभीर भीड़ की ओर इशारा कर रहे थे, ऐसा लग रहा था कि भीड़ में से किसी ने कुछ फेंक दिया हो. दर्शक इसके साथ ही ‘कोहली-कोहली’ का नारा लगा रहे थे. वे शायद गंभीर को चिढ़ाने की कोशिश कर रहे थे, जिनका कुछ समय पहले भारत के पूर्व कप्तान विराट कोहली के साथ विवाद हो गया था. रुकावट के कारण क्लासेन का ध्यान भटका और मैच फिर से शुरू होते ही वह आउट हो गये.
अपनी पारी के बाद उन्होंने प्रसारकों से बातचीत पर दर्शकों के व्यवहार के साथ अंपायरों के फैसले पर भी निराशा जतायी. उन्होंने कहा कि ईमानदारी से कहूं तो दर्शकों से निराशा हुई. आप ऐसा नहीं चाहते हैं. इससे मेरी लय बिगड़ी। अंपायरिंग भी अच्छी नहीं थी. क्लासेन के इस बयान के बाद उनपर मैच फीस का 10 फीसदी जुर्माना लगाया गया है. आईपीएल ने एक बयान में कहा कि क्लासेन ने अनुच्छेद 2.7 के तहत ‘लेवल एक’ के अपराध को स्वीकार कर लिय. यह अपराध आईपीएल की आचार संहिता में सार्वजनिक आलोचना/अनुचित टिप्पणी के उपयोग को लेकर है.