यूपी के गाजियाबाद के इंदिरापुरम के ज्ञानखंड में पत्नी समेत तीन बच्चों की हत्या का मामला
जमशेदपुर : यूपी के गाजियाबाद के इंदिरापुरम के ज्ञानखंड में पत्नी समेत तीन बच्चों की हत्या करनेवाले आदित्यपुर रोड नंबर छह के इंजीनियर सुमित सिंह बेरोजगारी के कारण तनाव में थे. उनके पास घर के किराये तक देने के रुपये नहीं थे. वहीं, प्ले स्कूल (मदर प्राइड प्ले स्कूल) में काम करनेवाली पत्नी अंशुबाला का वेतन भी इतना कम था कि घर का खर्च नहीं चल पा रहा था.
दोनों जुड़वा बच्चे (4 साल) का इसी जुलाई में स्कूल में दाखिला कराना था. इसके लिए उन्हें रुपये की आवश्यकता थी, लेकिन कोई व्यवस्था नहीं होने से वह परेशान थे. सुमित ने गुरुग्राम और नोएडा में नौकरी छोड़ने के बाद बेंगलुरु के यूएसटी ग्लोबल कंपनी में नवंबर में नौकरी पकड़ी थी, लेकिन दो महीने के बाद ही उन्होंने जनवरी में काम छोड़ दिया था. हाइ प्रोफाइल जिंदगी जीने वाले सुमित ने आर्थिक तंगी से हो रही परेशानी की बात किसी को नहीं बतायी थी.
पत्नी व बच्चों की हत्या करने के बाद सुमित फ्लैट के गार्ड से हड़बड़ी में मेन गेट का ताला खुलवाया और सुबह तीन बजे बैग लेकर निकल गये थे. पत्नी अंशुबाला के भाई पंकज सिंह ने बताया कि सुमित की शादी दो जुलाई 2011 में उनकी बहन अंशुबाला के साथ हुई थी. बताया कि वह भी गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर 15 में ही रहते हैं.
छुट्टी पर दीदी के घर आना जाना होता था. फोन पर अक्सर बात होती थी, लेकिन जीजा जी इतने परेशान हैं, यह कभी एहसास नहीं हुआ. पंकज ने सुमित को कैंसर होने की बात से इंकार किया है. उन्होंने कहा कि उन्हें गले में इंफेक्शन था, जो ठीक हो चुका था. पड़ोसियों ने कैंसर होने की गलत जानकारी दी. वहीं, सुमित के बड़े भाई अमित जो वर्तमान में बेंगलुरु में मल्टी नेशनल कंपनी में कार्यरत हैं. फैमिली व्हाट्सअप ग्रुप पर सुमित द्वारा डाली गयी हत्या की वीडियो व आत्महत्या वाले मैसेज को देखते ही सोमवार की सुबह गाजियाबाद पहुंचे.
अगले माह आदित्यपुर आकर रहने की कही थी बात : पंकज सिंह ने बताया कि सुमित ने नौकरी नहीं रहने, फ्लैट का भाड़ा नहीं दे पाने व बच्चों की महंगी पढ़ाई को लेकर आदित्यपुर लौटने की योजना बनायी थी.
सुमित ने कहा था कि आदित्यपुर में अपना घर है, वहां कम से कम रहने का भाड़ा तो नहीं लगेगा. इस बात को लेकर लगभग पूरी प्लानिंग हो गयी थी. गाजियाबाद से आदित्यपुर शिफ्ट होने के लिए सभी सामान लाने के लिए भी उन्हें तैयारी करनी थी. पंकज ने बताया कि आदित्यपुर आने की बात हाल में ही हुई थी.
दो साल से बंद है आदित्यपुर का मकान, पिता आरआइटी में डेमोस्ट्रेटर थे : सुमित के पिता सर्वदानंद सिंह एनआइटी (आरआइटी) में डेमोस्ट्रेटर थे.
सेवानिवृत्त होने के बाद वे आदित्यपुर में रहे रहे थे. 2015 में उनका निधन हो गया. सुमित की मां का भी पूर्व में निधन हो चुका है. माता-पिता के देहांत के बाद से ही आदित्यपुर स्थित घर पूरी तरह से बंद पड़ा है. दोनों भाई बाहर नौकरी करते हैं. पड़ोसियों के अनुसार दाे साल से ज्यादा समय हो गये इस घर में कोई नहीं आया है.
अब तक लापता है सुमित : पत्नी व बच्चों की हत्या कर आत्महत्या करने की बात बोल निकले सुमित सिंह का अब तक कुछ पता नहीं चला है. सुमित को गाजियाबाद की पुलिस तलाश रही है, लेकिन उनके संबंध में कोई सुराग नहीं मिला है. पुलिस ने जिले के सभी थाना को उनका फोटो भेज दिया है. स्टेशन, बस स्टैंड व शहर से बाहर जाने वाले हर जगहों पर जांच हो रही है. गाजियाबाद के एसएसपी उपेंद्र अग्रवाल ने बताया कि क्षेत्र में किसी के आत्महत्या करने या शव मिलने की सूचना नहीं मिली है. पुलिसकर्मी शहर में लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाल रहे हैं.
बिहार के छपरा का रहने वाला है दोनों परिवार सुमित का परिवार मूलरूप से बिहार के छपरा जिले के गरबा थाना के पुरवारी खदहा का रहने वाला है. वहीं, पत्नी अंशुबाला का मायका छपरा जिले के ही परसा थाना का अंजनी गांव है. सुमित के पिता के एनआइटी में कार्यरत होने के कारण परिवार शुरू से ही आदित्यपुर में रहा. इसी तरह अंशुबाला का परिवार छत्तीसगढ़ के रायपुर में रहता है और उनके पिता आर्मी में कार्यरत हैं.
सुमित ने नरभेराम स्कूल से की है पढ़ाई
सुमित की स्कूली शिक्षा बिष्टुपुर स्थित नरभेराम हंसराज स्कूल से हुई थी. इसके बाद वे अोड़िशा स्थित एमआइटीएस रायगढ़ा से इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियरिंग किया. वहीं, सुमित के संबंधी ने बताया कि सुमित की मां प्रभा देवी की मौत भी असामयिक हो गयी थी. वह सुमित के पुत्र को देखने के लिए उसकी ससुराल रायपुर छत्तीसगढ़ गयी थी. वहां से लौटते समय रायपुर स्टेशन पर ट्रेन में चढ़ने के दौरान दौरान गिर गयी थी. उसी दौरान हार्ट अटैक हो जाने के कारण उनकी मौत हो गयी थी.
सुमित भाई में छोटा था : सुमित भाई में छोटा था, उसका बड़ा भाई अमित बेंगलुरु में ही इंजीनियर है. उसकी चार बहनें हैं, सभी की शादी हो गयी है. उसके परिवार के कोई अभी आदित्यपुर में नहीं रहता है.