डॉ मनीष वार्ष्णेय, ऑर्थेपेडिक सर्जन बढ़ती उम्र के साथ लोगों को कई प्रकार की बीमारियों की संभावनाएं बनी रहती हैं. उन्हीं में से एक है- ऑस्टियो ऑर्थराइटिस. उम्र के साथ शरीर में जोड़ों व कमर के जोड़ घिसते हैं. इसके कारण यह बीमारी होती है. शरीर के कमर का जोड़ यदि घिसे तो उसे स्पॉन्डलाइटिस के नाम से भी जाना जाता है. वहीं घुटने के जोड़ यदि घिसने लगें तो उस बीमारी को ऑस्टियो ऑर्थराइटिस के नाम से जाना जाता है. इस बीमारी के होने से मरीज के जोड़ों में काफी दर्द होता है. खासतौर से सीढ़ी पर चढ़ते व उतरते समय. मरीज के जोड़ों में सूजन का आ जाता है. यदि इस प्रकार के लक्षण दिखायी दें तो उन्हें डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए. अमूमन देखा गया है कि यह बीमारी 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में ज्यादा होती है. इस बीमारी की शुरुआती अवस्था में मरीज को एक्सरसाइज और मांसपेशियों को मजबूत करने वाली दवाएं दी जाती हैं. यदि, इससे भी बीमारी ठीक नहीं होती तो कुछ महीनों तक इंजेक्शन देकर इलाज किया जाता है. असाध्य होने पर जोड़ प्रत्यारोपण किया जाता है. इस बीमारी से बचाव के लिए वजन को कंट्रोल में रखना चाहिए, रेगुलर एक्सरसाइज करना चाहिए, मांसपेशियों को मजबूत रखने के लिए खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए. बीमारी : ऑस्टियो ऑर्थराइटिस लक्षण : जोड़ों में काफी दर्द होना, सीढ़ी उतरने या चढ़ने में परेशानी का होना, जोड़ों में सूजन आना. उपाय : वजन को कंट्रोल में रखें, एक्सरससाइज करें, खान-पान पर विशेष ध्यान दें.
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50 के बाद बढ़ जाता है ऑस्टियो ऑर्थराइटिस का ख्रतरा
डॉ मनीष वार्ष्णेय, ऑर्थेपेडिक सर्जन बढ़ती उम्र के साथ लोगों को कई प्रकार की बीमारियों की संभावनाएं बनी रहती हैं. उन्हीं में से एक है- ऑस्टियो ऑर्थराइटिस. उम्र के साथ शरीर में जोड़ों व कमर के जोड़ घिसते हैं. इसके कारण यह बीमारी होती है. शरीर के कमर का जोड़ यदि घिसे तो उसे स्पॉन्डलाइटिस […]
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