मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सोमवार को जमशेदपुर आयेंगे. यहां वह 2341.91 करोड़ रुपये की 230 योजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे. वह बिष्टुपुर गोपाल मैदान में आपकी योजना, आपकी सरकार आपके द्वार के दूसरे चरण के कार्यक्रम में शामिल होंगे. यहां वह 16,357 लाभुकों के बीच 244.88 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों का वितरण भी करेंगे. 418 करोड़ की लागत से एमजीएम की नयी बिल्डिंग के निर्माण का शिलान्यास भी करेंगे. वहीं दूसरी तरफ, कई योजनाएं ऐसी हैं जो सालों से अधूरी हैं.
इसमें डिमना स्थित एमजीएम कॉलेज में 3.50 अरब की लागत से बन रहा 500 बेड का नया अस्पताल शामिल है, जो शिलान्यास के बाद से ही सरकारी बाधाओं से घिरा है. बोड़ाम में छह करोड़ का भवन बनकर खाली पड़ा है, अब यहां 1.65 करोड़ से दूसरी योजना के शिलान्यास की तैयारी है. सिदगोड़ा प्रोफेशनल कॉलेज का भवन 20 करोड़ की लागत से दो वर्ष पूर्व 2020 में ही बनकर तैयार हो गया. उसका इस्तेमाल शुरू नहीं हो पाया है. जिले में ऐसी कई योजनाएं हैं, जो या तो अधूरी हैं या उदघाटन के इंतजार में हैं.
शहर में पांच घंटे रुकेंगे सीएम हेमंत सोरेन, मुख्य कार्यक्रम बिष्टुपुर गोपाल मैदान में होगा, चार जोन में सुरक्षा का विशेष इंतजाम.
11 दंडाधिकारी, नौ पुलिस पदाधिकारी, छह सशस्त्र पुलिस और 34 लाठी बल तैनात
ओल्ड सर्किट हाउस को बनाया सेफ जोन, ट्रैफिक, मेडिकल, अग्निशमन होंग तैनात.
इस पर रोक रहेगी : कोई भी हथियार, काला कपड़ा, काली फिल्म व लगेज बैग के प्रवेश की अनुमति नहीं
सुवर्णरेखा नदी के ऊपर मानगो-साकची के बीच 418 करोड़ की लागत से फ्लाईओवर, 418 करोड़ की लागत से एमजीएम अस्पताल की नयी बिल्डिंग के निर्माण तथा 50 सड़कों का शिलान्यास. 6.64 करोड़ की लागत से बन रही जुगसलाई नगर परिषद कार्यालय की बिल्डिंग, 98 लाख की लागत से टाटा पिगमेंट के समीप बन रहा पार्क, चाकुलिया नगर परिषद ऑफिस तथा पार्क का उद्घाटन होगा.
मुख्यमंत्री सोमवार को साकची स्थित एमजीएम अस्पताल में 4.18 अरब रुपये की लागत से 500 बेड के नये बिल्डिंग का शिलान्यास करेंगे. लेकिन डिमना स्थित एमजीएम कॉलेज में 3.50 अरब की लागत से बन रहा 500 बेड का नया अस्पताल शिलान्यास के बाद से ही सरकारी बाधाओं से घिरा है. एमजीएम मेडिकल कॉलेज में 2019 में ग्राउंड, बेसमेंट प्लस जी 7 बिल्डिंग की मंजूरी सरकार ने दी थी. एलएंडटी को इसका टेंडर मिला.
2021 में बिल्डिंग का कार्य पूरा करना था, लेकिन प्रोजेक्ट आज तक अधूरा है. निर्माणाधीन जी-7 एमजीएम अस्पताल का अब तक मानगो नगर निगम से नक्शा पारित नहीं हुआ. जबकि बिल्डिंग करीब 80 फीसदी बनकर तैयार है. 2021 में दलमा अभयारण्य के तत्कालीन डीएफओ ने इको सेंसेटिव जोन का हवाला देते हुए बिना अनुमति जी-7 अस्पताल बनाने को लेकर आपत्ति जतायी थी, तब मानगो नगर निगम ने नक्शे की फाइल रोक दी थी. मामला आज तक लटका हुआ है.
बोड़ाम प्रखंड़ में आश्रम विद्यालय के लिए छह करोड़ की लागत से मल्टी स्टोरी बिल्डिंग का निर्माण कराया गया. इसके आठ माह बाद भी भवन को विभाग ने हैंडओवर नहीं लिया है. आज मुख्यमंत्री इसका उद्घाटन करेंगे. हालांकि आश्रम विद्यालय के संचालन को लेकर सरकार के पास फिलहाल कोई प्लान नहीं है. बोड़ाम में ही उसी भवन के बगल में 250 बेड के मल्टी परपस हॉल निर्माण का शिलान्यास कराने की तैयारी है. इस पर 1.65 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
सिदगोड़ा प्रोफेशनल कॉलेज का भवन 20 करोड़ की लागत से दो वर्ष पूर्व 2020 में ही बनकर तैयार हो गया. वर्ष 2017 को योजना को मंजूरी मिली थी. दो साल बाद 2022 तक उसका इस्तेमाल शुरू नहीं हो पाया है. सरकार ने कॉलेज की आधारभूत संरचना को पंडित रघुनाथ मुर्मू जनजाति विश्वविद्यालय देने की औपचारिकता पूरी की गयी, लेकिन अब तक वह शुरू नहीं हो सका. बिल्डिंग की दीवार में दरार आ रही है तो प्लास्टर गिरने लगे हैं.
पटमदा बामनी में आठ करोड़ रुपये की लागत से 2018 में पांच हजार मैट्रिक टन क्षमता के कोल्ड स्टोरेज निर्माण की स्वीकृति रघुवर सरकार के समय दी गयी थी. आधारभूत संरचना बनकर 2021 में तैयार हुई. नौ माह बाद 29 दिसंबर 2021 को सीएम ने ऑनलाइन उद्घाटन किया. उद्घाटन के बाद पीपीपी मॉडल में एजेंसी का चयन का निर्णय लिया गया है, लेकिन आज तक इसका उपयोग शुरू नहीं हो सका है. इसके उपयोग नहीं होने से इस क्षेत्र के किसान आज भी इसका उपयोग नहीं कर रहे हैं. कृषि प्रधान इस क्षेत्र के किसानों के लिए यह कोल्ड स्टोरेज वरदान साबित हो सकता है.
केंद्र सरकार के फंड से बनने वाले पोटका सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के शिलान्यास की मुहूर्त पांच साल बाद आज निकली है. सोमवार को मुख्यमंत्री इसका ऑनलाइन शिलान्यास करेंगे. मालूम हो कि पांच साल पूर्व वर्ष 2017 में केंद्र सरकार के फंड से पोटका प्रखंड में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने की योजना को मंजूरी मिली थी. सरकार ने फंड भी उपलब्ध कराया, लेकिन एजेंसी के चयन, जमीन विवाद समेत अन्य अलग-अलग कारणों काम लटका हुआ था. ऐसा ही हाल नक्सल प्रभावित डुमरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भी रहा. डुमरिया में भी जमीन विवाद के कारण स्वीकृत प्रोजेक्ट का काम नहीं नहीं हो पाया. इन दोनों सीएचसी का निर्माण 11-11 करोड़ से होना है.