Jharkhand News: टाटा स्टील में बोनस (Bonus in Tata Steel) समझौता के बाद उससे जुड़ी कंपनियों और अन्य इकाइयों में भी बोनस का सिलसिला शुरू हो गया है. प्राय: सभी इकाइयों में कर्मचारियों को उम्मीद के अनुरूप बोनस मिल रहे हैं. जमशेदपुर आई हॉस्पिटल (Jamshedpur Eye Hospital) प्रबंधन और यूनियन के बीच बोनस समझौता पर हस्ताक्षर हुआ. अस्पताल में सर्वाधिक 20 प्रतिशत बोनस समझौता हुआ है.
अधिकतम 68,795 रुपये और न्यूतम 56,908 रुपये मिलेंगे
जमशेदपुर आई हॉस्पिटल के कर्मचारियों को न्यूनतम 56,908 रुपये जबकि अधिकतम 68,795 रुपये मिलेंगे. बोनस की राशि 13 सितंबर तक सभी कर्मियों के खाते में चली जायेगी. बोनस का लाभ अस्पताल के 30 कर्मियों को मिलेगा. इस मौके पर सचिव सह अधीक्षक डॉ एसपी जखनवाल, कोषाध्यक्ष मनोज कुमार रांगा, मेंबर विशाल वत्स व यूनियन की ओर से अध्यक्ष राकेश्वर पांडे, उपाध्यक्ष मीरा कुमारी, महासचिव बीके डिंडा, सहायक सचिव सुशांत खालको, यूसीएम मन मोहिनी लेंका व अन्य मौजूद रहे.
जुस्को के कर्मचारियों को लगातार तीसरे साल मिलेगा एकतरफा बोनस
टाटा स्टील यूटिलिटी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेस लिमिटेड (पूर्व में जुस्को) के कर्मियों को लगातार तीसरे साल एकतरफा बोनस मिलेगा. क्योंकि जुस्को यूनियन का चुनाव विवाद और मामला हाईकोर्ट में होने के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है. हालांकि, एकतरफा बोनस से कर्मचारियों को कोई नुकसान नहीं होगा. क्योंकि बोनस तय फॉर्मूला के आधार पर ही दिया जाना है. वर्ष 2021 में 6.43 करोड़ रुपये, वर्ष 2020 में 6.08 करोड़ रुपये बोनस के रूप में कर्मचारियों को मिले थे. फॉर्मूला की गणना करें, इस वर्ष (2022 में) बोनस की राशि लगभग सात करोड़ होने की उम्मीद है. कयास लगाये जा रहे हैं कि विश्वकर्मा पूजा के पहले जुस्को के 710 कर्मियों को बोनस की घोषणा कर दी जायेगी. मार्च 2020 में ही यूनियन का कार्यकाल खत्म हो गया था. ढाई साल बाद भी यूनियन का चुनाव नहीं हो पाया है. इस कारण कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था या नेता मान्य नहीं है.
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ये है बोनस फॉर्मूला
जुस्को का बोनस विभिन्न मानदंडों के आधार पर दिया जाता है. इसमें पीबीटी , सेफ्टी परफॉर्मेंस, कम्प्याएंस टू कंप्लेन, टॉप बॉक्स, ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रिब्यूशन लॉस, कस्टमर सैटिस्फैक्शन इंडेक्स, रिपीट कम्प्लेन, प्रोडक्टिविटी एंड टोटल प्रोडक्टिव मेन्टेंस, गुड परफॉर्मेंस अन्य पर आधारित है.
क्या है मामला
मार्च 2020 में जुस्को श्रमिक यूनियन की आमसभा हुई जिसे विपक्ष ने असंवैधानिक करार दिया. आरोप था कि रघुनाथ पांडेय ने विपक्ष को बाहर रखकर आम सभा करायी. इसकी शिकायत उपश्रमायुक्त से की.श्रमायुक्त ने आमसभा को असंवैधानिक करार दिया और फिर से आमसभा कराने का निर्देश दिया. रघुनाथ पांडेय इस आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट गये. उसके बाद मामला लटका हुआ है. ढाई साल से यूनियन नहीं होने से कर्मियों को नुकसान हो रहा है.