12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बछेंद्री पाल: एन एंजल ऑफ द हिमालय की हुई स्क्रीनिंग, भुवनेश्वर के सुशांत दास ने बनायी है ये डॉक्यूमेंट्री

डॉक्यूमेंट्री में निर्देशक सुशांत दास ने बताया कि इस डॉक्यूमेंट्री को बनाने में लगभग सात वर्ष का समय लगा है. डॉक्यूमेंट्री राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में भी प्रदर्शित की गयी है. इस डॉक्यूमेंट्री में बछेंद्री पाल के जीवन से जुड़ी कहानियों को दिखाया गया है.

जमशेदपुर, निसार: झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के कदमा स्थित कुड़ी मोहंती ऑडिटोरियम में भारत की महान पर्वतारोही व पद्म भूषण बछेंद्री पाल के जीवन पर बनी डॉक्यूमेंट्री ‘बछेंद्री पाल: एन एंजल ऑफ द हिमालय’ की विशेष स्क्रीनिंग की गयी. 25 मिनट की इस डॉक्यूमेंट्री में निर्देशक सुशांत दास ने बछेंद्री पाल से जुड़ी छोटी-बड़ी घटनाओं और उनके जीवन के अन्य पहलुओं को लोगों के बीच लाने कि कोशिश की है. सुशांत दास ने कहा कि 1993 में जब पहली बार बछेंद्री पाल ने वीमेन एक्सपीडिशन को लीड किया, तो पुरुष प्रधान समाज में बछेंद्री पाल को काफी विरोध का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने एक्सपीडिशन को पूरा करके इतिहास रच दियामूल रूप से भुवनेश्वर के रहने वाले डॉक्यूमेंट्री निर्देशक सुशांत दास ने बताया कि इस फिल्म को जल्द ही आम लोगों के लिए यू-ट्यूब व अन्य ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज किया जायेगा. इसके साथ ही देश के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में भी डॉक्यूमेंट्री प्रदर्शित की जायेगी.

डॉक्यूमेंट्री को बनाने में लगे लगभग सात वर्ष

डॉक्यूमेंट्री में निर्देशक सुशांत दास ने बताया कि इस डॉक्यूमेंट्री को बनाने में लगभग सात वर्ष का समय लगा है. डॉक्यूमेंट्री राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में भी प्रदर्शित की गयी है. इस डॉक्यूमेंट्री में बछेंद्री पाल के जीवन से जुड़ी उन कहानियों को भी दिखाया गया है, जहां वह एक क्रांतिकारी की तरह दिख रही हैं.

Also Read: पीवीटीजी छात्रों के लिए मुफ्त आवासीय कोचिंग शुरू करने वाला झारखंड देश का पहला राज्य, बोले सीएम हेमंत सोरेन

1993 में पहली बार बछेंद्री पाल ने वीमेन एक्सपीडिशन को किया लीड

डॉक्यूमेंट्री में निर्देशक सुशांत दास ने कहा कि 1993 में जब पहली बार बछेंद्री पाल ने वीमेन एक्सपीडिशन को लीड किया, तो पुरुष प्रधान समाज में बछेंद्री पाल को काफी विरोध का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने एक्सपीडिशन को पूरा करके इतिहास रच दिया. साथ ही महिलाओं के लिए आइकॉन बन गयीं. डॉक्यूमेंट्री में बछेंद्री पाल के एवरेस्ट फतह, वीमेंस एक्सपीडिशन, गंगा मिशन, डेजर्ट एक्सपीडिशन, रिवर रॉफ्टिंग एक्सपीडिशन को बखूबी दिखाया गया है.

Also Read: Explainer: झारखंड की 30 हजार से अधिक महिलाओं की कैसे बदल गयी जिंदगी? अब नहीं बेचतीं हड़िया-शराब

जल्द यूट्यूब पर होगी रिलीज

मूल रूप से भुवनेश्वर के रहने वाले डॉक्यूमेंट्री निर्देशक सुशांत दास ने बताया कि इस फिल्म को जल्द ही आम लोगों के लिए यू-ट्यूब व अन्य ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज किया जायेगा. इसके साथ ही देश के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में भी प्रदर्शित की जायेगी. मौके पर टाटा स्टील खेल विभाग के प्रमुख हेमंत गुप्ता, द्रोणाचार्य अवॉर्डी पूर्णिमा महतो, अंतरराष्ट्रीय कोच फिरोज खान, हसन इमाम मलिक, नागेश्वर राव व अस्मिता दोरजी और विभिन्न ट्रेनिंग सेंटर व एकेडमी के बच्चे उपस्थित थे.

Also Read: झारखंड: गरीबी को मात देकर कैसे लखपति किसान बन गयीं नारो देवी? ड्राइवर पति के साथ जी रहीं खुशहाल जिंदगी

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें