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माझी और मल जाति को SC और पुरान को ST में शामिल करने को लेकर राष्ट्रपति से मिले बीजेपी सांसद व विधायक

jharkhand news: जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र के दंड-क्षत्र (माझी) एवं मल जाति को SC और पुरान जाति को ST में शामिल करने की मांग को लेकर सांसद विद्युत वरण महतो समे अन्य भाजपा सांसद व विधायक ने राष्ट्रपति रामनाथ काेविंद से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा.

Jharkhand news: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भाजपा सांसद और विधायक ने भेंट कर दंड-क्षत्र (माझी) एवं मल जाति को अनुसूचित जाति (Scheduled Caste- SC) और पुरान को अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribe- ST) में शामिल करने संबंधी मांगपत्र सौंपा. राष्ट्रपति से मिलने वालों में जमशेदपुर सांसद विद्युत वरण महतो के अलावा गिरिहीड सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी, पश्चिम बंगाल के पुरुलिया के सांसद ज्योतिर्मयी सिंह महतो और झारखंड के गोमिया विधायक लंबोदर महतो भी शामिल थे.

जनगणना में कुड़माली के लिए अलग भाषा कोड देने की मांग

राष्ट्रपति श्री कोविंद से मुलाकात के दौरान सौंपे मांगपत्र में झारखंड में बढ़ते नक्सलवाद के साथ-साथ जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र के दंड-क्षत्र (माझी) एवं मल जाति को अनुसूचित जाति की श्रेणी में शामिल किये जाने एवं पुरान जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने संबंधी मांग रखी. जमशेदपुर सांसद विद्युत वरण महतो ने शुरू होनेवाली जनगणना में कुड़माली के लिए अलग से भाषा कोड दिये जाने की भी मांग की.

झारखंड में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति से कराया अवगत

जमशेदपुर सांसद श्री महतो ने राष्ट्रपति को बताया कि झारखंड में दो वर्षों के अंदर नक्सलवादी/उग्रवादी गतिविधियां काफी बढ़ गयी हैं. हिंसक गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है, जिसके कारण राज्य में विधि और व्यवस्था की समस्या गंभीर हो गयी है. बड़ी संख्या में महिलाओं एवं बच्चियों के साथ दुष्कर्म हो रहा है. आदिवासी एवं पिछड़ा बहुल क्षेत्र का विकास कार्य लगभग बाधित हो गया है. इस दिशा में समुचित कदम उठाये जाने की सख्त जरूरत है.

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SC-ST में शामिल करने की मांग

उन्होंने कहा कि जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत दंड छत्र (माझी) एवं माल जाति के लोग निवास करते हैं. इनका रहन-सहन एवं जीवन स्तर काफी दयनीय है. ये लोग लंबे समय से अनुसूचित जाति की श्रेणी में शामिल होने की मांग कर रहे हैं. उसकी सभी अर्हता पूरी करते हैं. उसी तरह पुरान जाति के लोग अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल होने की मांग कर रहे हैं. दंड छत्र (मांझी) एवं माल जाति को अनुसूचित जाति में एवं पुरान जाति को अनुसूचित जनजाति में श्रेणी में शामिल करने के लिए राष्ट्रपति से समुचित दिशा निर्देश मांगा है.

कुड़मी जनजपति समुदाय

संपूर्ण छोटनागपुर पठार अंतर्गत झारखंड, पश्चिम बंगाल व ओड़िशा के अलावे असम राज्य के विभिन्न जिलों में लगभग दो करोड़ से भी अधिक की जनसंख्या के साथ निवासित कुड़मी जनजाति समुदाय की स्वायत कबिलावाची जनजातीय मातृभाषा कुड़माली है. जिसे इनके सानिध्य वसोवास करने वाले अन्य समुदायों द्वारा भी बोली जाती है. दुःखद स्वरूप भारत की जनगणना की भाषा सूची में कुड़माली भाषा कोड नहीं दिया गया है, जिससे जनगणना में कुड़माली भाषा की समुचित संख्या दर्ज नहीं हो पा रही है.

राष्ट्रपति से अपील

उन्होंने कहा कि एक आदिम विशिष्टता से परिपूर्ण भाषा और उससे संबंधित आदि विशिष्ट संस्कृति व परंपरा के विलोपित होने का खतरा मंडरा रहा है. इन गंभीर व महत्वपूर्ण विषय पर त्वरित संज्ञान लें. कुड़मियों की मातृभाषा कुड़माली के लिए भारत की जनगणना 2021 के भाषा सूची में जनजातीय भाषा के तौर पर स्वतंत्र रूप से भाषा कोड शामिल करने का निवेदन राष्ट्रपति से किया. इस पर राष्ट्रपति महोदय ने आवश्यक एवं सम्यक पहल करने का आश्वासन दिया.

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Posted By: Samir Ranjan.

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