जमशेदपुर : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य में कानून-कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि जिस राज्य का मुखिया, वहां का मुख्यमंत्री ही असुरक्षित हो और उसे जान से मारने की धमकी दी जाये, वहां आम लोगों का क्या हाल होगा?
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मीडिया से बातचीत करते हुए आश्चर्य व्यक्त किया कि आठ जुलाई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जान से मारने की धमकी देने वाला शख्स आज भी पुलिस की पकड़ के बाहर है. मजबूरी में प्रशासन को मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी करनी पड़ी है.
पूर्व मुख्यमंत्री श्री दास ने कहा कि झारखंड में कानून और व्यवस्था की मशीनरी फेल हो गयी है. उन्होंने कहा कि राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर हो गयी है. लोग अपने ही राज्य में स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि जिस राज्य का मुख्यमंत्री ही स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहा हो और उसे जान से मारने की धमकी देने वाला शख्स पुलिस की पकड़ से बाहर हो, प्रशासन को मुख्यमंत्री की सुरक्षा हर दिन कड़ी करनी पड़े, तो इससे अधिक चिंता का विषय और क्या हो सकता है?
श्री दास ने मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र बरहेट में पिछले माह एक युवा व्यवसायी अरुण शाह की अपहरण के बाद गोली मारकर हत्या करने की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि इस घटना से अपराधियों का मनोबल बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि इस हत्याकांड के आरोपी की तलाश में पहुंची बरहेट थाने की पुलिस जीप पर अपराधियों ने हमला बोल दिया.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हमले में बरहेट के थानेदार हरीश पाठक और जमादार सोरेन को गंभीर चोट आयी. 19 जुलाई को श्री सोरेन की इलाज के दौरान रांची में मृत्यु हो गयी. एक माह बीत जाने के बावजूद अब तक अपहरणकर्ताओं का कोई अता-पता नहीं चल सका है.
श्री दास ने साहिबगंज की एक अन्य घटना का उल्लेख करते हुए कहा है कि यहां सिदो-कान्हू के वंशज रामेश्वर मुर्मू की अपराधियों ने 12 जून को नृशंस हत्या कर दी. अभी तक दोषियों का कोई सुराग पुलिस को नहीं मिला है.
श्री दास ने आरोप लगाया कि राज्य में हालात इतने खराब हो गये हैं कि शहीद सिदो-कान्हू के वंशज को पुलिस पर भरोसा नहीं रहा और हाल में मुख्यमंत्री से राज्य सचिवालय में मुलाकात करके पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है.
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उन्होंने कहा कि सरकार नक्सलियों से निबटने में भी असफल साबित हुई है. पूर्ववर्ती भाजपा शासन काल में राज्य में नक्सलवाद लगभग समाप्ति की ओर था, लेकिन आज राज्य के हर इलाके में नक्सली गतिविधियां फिर से बढ़ गयी हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री के हाथ में प्रशासन की कमान है ही नहीं, क्योंकि वह कहते कुछ हैं और होता कुछ और है.
उन्होंने कहा कि एक तरफ राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों और इसके संक्रमण से होने वाली मौतों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, वहीं राज्य सरकार तेजी से बढ़ रहे मरीजों के इलाज के लिए अस्पतालों में अधिक बिस्तर की व्यवस्था करने की बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठी है.
Posted By : Mithilesh Jha