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जुगसलाई के दो युवक करोड़ों की ठगी के मामले में गिरफ्तार, घर से नकदी समेत लाखों रुपये के गहने बरामद

हरियाणा साइबर थाना पुलिस ने जुगसलाई के दो युवकों गिरफ्तार किया गया है. बताया जा रहा है कि दोनों युवक करोड़ों रुपये ठग कर चुके हैं.

Cyber Crime in Jharkhand: हरियाणा साइबर थाना पुलिस ने शुक्रवार को जुगसलाई में दबिश दी और दो युवकों को गिरफ्तार किया. फिर दोनों को कोर्ट में पेश किया और हरियाणा लेकर चली गयी. पुलिस ने बताया कि दोनों ठग गिरोह के सदस्य हैं. अब तक पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस के अनुसार, गिरोह के सदस्य लोगों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) में 15 करोड़ रुपये का सोना होने और पारिवारिक विवाद के कारण उसे आधी दाम में बेचने की बात कह ठगी का शिकार बनाते थे. इन लोगों ने अब तक दिल्ली, हरियाणा और पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर समेत अन्य शहरों के लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं और इनसे करोड़ों रुपये की ठगी कर चुके हैं.

शुक्रवार को हरियाणा पुलिस ने मामले में जुगसलाई मछली मोहल्ला निवासी मो. फहीम और जुगसलाई के ही होमा लाइन निवासी वाहिद अहमद अंसारी को तड़के गिरफ्तार किया. हरियाणा साइबर थाना की पुलिस ने जुगसलाई पुलिस की मदद से दोनों के घर पर छापामारी की. इनके घर से डेढ़ लाख रुपये नगद समेत लाखों रुपये के गहने बरामद किये. गिरफ्तारी के दौरान मो. फहिम और वाहिद ने आपत्ति जतायी. इनके घरवालों ने भी विरोध किया. इसके बाद हरियाणा की साइबर थाना की पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी और दोनों आरोपियों को जबरन जुगसलाई थाना ले गये. साथ ही उनकी कार भी जब्त कर ली गयी. दोनों आरोपियों से जुगसलाई थाना में कड़ी पूछताछ के बाद हरियाणा की पुलिस ने दोनों आरोपियों का सदर अस्पताल में मेडिकल कराया और कोर्ट में पेश किया. पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार मो. फहीम और वाहिद काफी शातिर हैं. दोनों ने कई कांड को अंजाम दिया है. इनसे जुड़े गिरोह के पांच सदस्य अबतक पकड़े जा चुके हैं. जामताड़ा से राकिब नामक युवक को भी गिरफ्तार किया गया है. जबकि हरियाणा से गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है.

फहीम ने अपना नाम रोहित अग्रवाल, वाहिद अहमद अंसारी ने अजय सिन्हा रखा था

गिरोह के सदस्य हरियाणा, दिल्ली, दुर्गापुर समेत अन्य शहरों में होटल में ठहरते थे. लोगों को जाल में फंसाते थे. सभी नाम बदल कर होटल में रहते थे. मो. फहीम ने अपना नाम रोहित अग्रवाल रखा था और खुद को कारोबारी बताता था. वाहिद अहमद अंसारी ने अपना नाम अजय सिन्हा रखा था, जबकि जामताड़ा से गिरफ्तार मो. राकिब ने अपना नाम मनीष रखा था. मो. फहीम लोगों को झांसा देता था कि उसका 15 करोड़ का सोना रिजर्व बैंक में जमा है. पारिवारिक विवाद के कारण वह आधे दाम में उसे बेचना चाहता है. लोगों को भरोसा दिलाने के लिए गिरोह के सदस्य रिजर्व बैंक के कागजात भी लोगों को दिखाते थे. इसी बीच गिरोह का सदस्य सोना खरीदने व कारोबार करने के लिए बैग में रुपये लेकर पहुंचता था. हालांकि बंडल में ऊपर में पांच सौ या दो हजार रुपये के नोट होते थे. जबकि नीचे सादा कागज होता था. ताकि सामने बैठे व्यक्ति को भरोसा दिलाया जा सके कि कारोबार सही है. इसी तरह लोगों को जाल में फंसाकर करोड़ों रुपये ठगी कर फरार हो जाते थे. गिरोह के सदस्यों के खिलाफ दिल्ली, हरियाणा, दुर्गापुर समेत अन्य शहरों के साइबर थानों में केस दर्ज है.

ठगी के रुपये से खरीदे जमीन, घर और कार

जुगसलाई निवासी मो, फहीम और वाहिद अहमद अंसारी ने ठगी के रुपये से सरायकेला के सीनी, चक्रधरपुर और मुरिया में जमीन खरीदी है. वाहिद में मोहा लाइन में डेढ़ माह पूर्व ही 35 लाख रुपये में एक घर खरीदा है. इसके अलावा होमा लाइन में अपने पुराने घर की मरम्मत कर आलीशान बंगला बनाया है. मो. फहीम ने भी आलीशान बंगला बनाया है. वाहिद कार का शौकीन है. उसके पास चार कार है, जिसमें स्विफ्ट डिजायर, इनोवा, हेक्सा व एक अन्य कार शामिल है. वहीं, फहीम ने 25 लाख रुपये में नयी कार खरीदी है.

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