Jharkhand News (जमशेदपुर, पूर्वी सिंहभूम) : कोरोना काल में सरायकेला जिला अंतर्गत आदित्यपुर की सिमरन श्रीवास्तव ने मदद की अनोखी मिसाल पेश की है. जब संक्रमितों को मदद की सबसे अधिक जरूरत थी, तब सिमरन आगे आयीं. वह खुद कोरोना पॉजिटिव हुईं, तो उन्हें संक्रमितों के दर्द का अहसास हुआ. इसके बाद ऑनलाइन फंडिंग का फैसला लिया. इस अभियान के तहत 32 लाख रुपये जमा कर संक्रमितों तक मदद पहुंचायी.
दरअसल, सिमरन दिल्ली की अमेटी यूनिवर्सिटी से साइकोलॉजी में मास्टर्स कर रही हैं. दिल्ली में लॉकडाउन लगने के बाद वह वापस सरायकेला जिला के आदित्यपुर लौट आयीं. यहां अपने घर में रहते हुए वह संक्रमित हो गयीं और 14 दिनों तक होम आइसोलेशन में रहीं.
बकौल सिमरन, उन्होंने महसूस किया कि उनके पास सारे संसाधन मौजूद थे, इस वजह से दवा से लेकर पौष्टिक आहार ले पा रही थीं, लेकिन देश में कई ऐसे लोग हैं, जिन्हें न दवा मिल पा रही थी, न खाना अौर न ही किसी प्रकार की अन्य कोई सुविधा. उनके इसी दर्द को अपने प्रयास से कम करने के उद्देश्य से सिमरन ने ऑनलाइन फंड जमा करने का फैसला लिया, जिसमें दोस्तों से भी मदद ली. कोरेंटिन पीरियड में ही सिमरन ने करीब 32.33 लाख रुपये जुटा लिये. यह राशि उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से ही जमा की और 17 संस्थाओं के माध्यम से देश भर के कोरोना पीड़ितों को मदद पहुंचायी है.
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सिमरन ने जमा किये करीब 32 लाख की राशि का इस्तेमाल दिल्ली एनसीआर की संस्था टाइसिया फाउंडेशन, प्रोजेक्ट उम्मीद, मजदूर किचेन, द यूथ नेटवर्क, बी ह्यूमन, किस्से कहानियां, बेंगलुरु के 365 स्कमाइल, ओ 2 ड्राइव, महाराष्ट्र के अनुभूति ट्रस्ट, शी एंड आइ फाउंडेशन, चेन्नई का ट्रांस कम्यूनिटी किचेन, रैपिड रिस्पांस, भोला के सांगवारी गौंड यूथ नेटवर्क, गुवाहाटी के सोमोननाय, कांजिवरम के फार्म फाउंडेशन, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बेंगलुरु व मुंबई के ग्रामीण इलाकों के संस्थानों को मदद की है. इसके अलावा पैन इंडिया के अंतर्गत माइग्रेंट वर्कर्स सोलिडैरिटी नेटवर्क और हेल्प नाव एंबुलेंस एड के साथ-साथ मुंबई के प्रवीण लता संस्थान को मदद पहुंचायी.
Posted By : Samir Ranjan.