जमशेदपुर (कुमार आनंद) : झारखंड के एक अस्पताल ने बकाया बिल जमा नहीं करा पाने की वजह से 48 घंटे तक शव को अपने पास रखा. लाख मिन्नतों के बाद भी शव देने से इनकार कर दिया. झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के चार विधायक और पूर्व सांसद जब जमशेदपुर स्थित टाटा मेन हॉस्पिटल (TMH) पहुंचे, तब जाकर अस्पताल प्रबंधन झुका और शव को रिलीज किया.
दरअसल, नक्सल प्रभावित डुमरिया नरसिंह बहाल के रहने वाले पिंटू महतो की पत्नी लतिका महतो (19) और गुलाम पहाड़पुर निवासी बाबूराम मुर्मू की बेटी जानकी मुर्मू (8) की मृत्यु के 48 घंटे बाद अस्पताल प्रबंधन ने बकाया बिल जमा नहीं करने से शव छोड़ने से मना कर दिया था.
इसकी जानकारी मिलते ही गुरुवार को झामुमो के चार विधायक (बहरागोड़ा से समीर मोहंती, घाटशिला से रामदास सोरेन, पोटका से संजीव सरदार और जुगसलाई से मंगल कालिंदी के अलावा जमशेदपुर की पूर्व सांसद सुमन महतो व अन्य) एमएस गेट पर पहुंचे. शव रिलीज करने के लिए इन्होंने वहां जमकर हंगामा किया.
इस मुद्दे पर घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन ने टाटा स्टील के उपाध्यक्ष चाणक्य चौधरी से बात की. विधायकों ने टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) के जेनरल मैनेजर व वरीय पदाधिकारियों के साथ वार्ता कर मामले को सुलझाया. वार्ता में अस्पताल प्रबंधन ने बाबूराम मुर्मू के करीब ढाई लाख रुपये और लतिका महत्व के 2.25 लाख रुपये का बिल माफ किया.
इतना ही नहीं, दोनों शवों को भी रिलीज करने पर सहमति बन गयी. इसके बाद जाकर हंगामा थमा. वार्ता समाप्त होने के बाद विधायक रामदास सोरेन ने 2:15 बजे पत्रकारों से बातचीत की. पत्रकार वार्ता में उन्होंने बताया कि अस्पताल प्रबंधन की सहमति और बिना देरी किये शवों को छोड़ दिया गया है.
Posted By : Mithilesh Jha