जमशेदपुर के सोनारी के कचरा डंपिंग में लगी आग और कचरा डंपिंग से फैलने वाले दुर्गंध के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल पूर्वोत्तर बेंच कोलकाता ने अहम सुनवाई की. जस्टिस बी अमित सथेलकर और डॉ अफरोज अहमद ने संयुक्त रूप से इसकी सुनवाई की, जिसमें शिकायतकर्ता संजय उपाध्याय हाजिर हुए. यह सुनवाई वर्चुअल माध्यम से की गयी. इस दौरान यह बताया गया कि 15 फरवरी को झारखंड राज्य प्रदूषण बोर्ड की ओर से एक जवाब दाखिल किया गया है. इसमें प्रदूषण बोर्ड ने जानकारी दी है कि उन्होंने वहां जाकर स्थिति की जानकारी ली थी, जिसके बाद पाया था कि दोमुहानी के पास कचरा की डंपिंग गैर साइंटिफिक तरीके से किया जा रहा है.
जमशेदपुर अक्षेस और मानगो नगर निगम को उन्होंने तत्काल आदेश दिया कि कचरा में लगी आग को बुझाये और सही तरीके से सॉलिड वेस्ट का निस्तारन करें. इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जनवरी में क्षेत्रीय पदाधिकारी प्रदूषण विभाग ने पहले जनवरी में निरीक्षण किया था जबकि 7 फरवरी को भी जब निरीक्षण किया था तो आग निकल ही रहा था. यह भी बताया गया है कि जहां डंपिंग की जा रही है, वह स्थायी डंपिंग साइट नही है. एनजीटी ने आश्चर्य व्यक्त किया कि प्रदूषण बोर्ड ने इसके नियंत्रण को लेकर कोई स्पष्ट आदेश नहीं दिया है, जो चौंकाने वाला कृत्य है. सुनवाई के दौरान झारखंड राज्य प्रदूषण बोर्ड की ओर से शपथ पत्र दायर किया गया है. इसके अलावा सेंट्रल प्रदूषण बोर्ड ने भी अपना शपथ पत्र दायर किया है. इस सुनवाई के दौरान कहा गया है कि जमशेदपुर की डीसी कचरा निस्तारन की विस्तृत रिपोर्ट अगले तिथि की सुनवाई 5 अप्रैल के तीन दिन पहले जवाब दाखिल करने को काह गया है.
जमशेदपुर अक्षेस की ओर से उपायुक्त के माध्यम से शपथ पत्र दिया किया गया है. इस सुनवाई के दौरान सौंपे गये शपथ पत्र में बताया गया है कि तत्काल कचरा का निस्तारन का कदम उठाया जा रहा है. अभी आग को बुझा दिया गया है. आग बाद में भी नहीं लगे, इसके लिए पूरे एरिया की घेराबंदी की जा रही है, जिसके लिए टाटा स्टील की ओर अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया जा चुका है. इसके अलावा वहां पानी के दो टैंकर, दो एक्सकेवेटर को स्थायी. तौर पर तैनात कर दिाय गया है. स्थायी तौर पर दो सिक्यूरिटी गार्ड और सुपरवाइजर को तैनात कर दिया गया है.
यह भी बताया गया है कि वहां के कचरा के निस्तारन और शिफ्टिंग को लेकर लखनऊ के आरसीयूइएस और आदित्यप कंस्ट्रक्शन कंसोरटियम को बहाल किया गया है, जिसके माध्यम से डीपीआर तैयार किया जा चुका है. तीन माह में सारे कचरा का निस्तारन कर लेने की बात कहीं गयी है और बायो रेमेडिएशन वर्क इसके जरिये किया जा सकेगा. इसके अलावा घर घर से कचरा का उठाव का टेंडर किया जा चुका है, जो 20 साल के लिए किया जा चुका है. यह भी बताया गया है कि तत्काल टाटा स्टील की ओर से मिले 14.95 हेक्टेयर की पोटका के बेगुनडीह के जमीन पर लैंडफिल साइट को विकसित किया जायेगा. इसके लिए पर्यावरणीय स्वीकृति मिल चुकी है. इसके अलावा खैरबनी में भी कचरा प्लांट की स्थापना की जा रही है ताकि सोनारी दोमुहानी के पास किसी तरह का डंपिंग नहीं हो सके.
जमशेदपुर के जुगसलाई नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत वार्ड नंबर नौ के नया बाजार बोरा पट्टी, वार्ड नंबर 12 के जुगसलाई नगर परिषद सभागार एवं वार्ड नंबर 3- हिल्व्यू एरिया में स्वयं सहायता समूह द्वारा प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान के लिए शपथ ली गयी. जुगसलाई नगर परिषद कार्यालय में वार्ड नंबर 12 के प्रेरणा महिला समिति की अध्यक्ष, सीआरपी एवं ब्रांड एंबेसडर द्वारा कचरे के निस्तारीकरण करने की प्रक्रिया को विभिन्न स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के बीच साझा किया गया.
ममता शर्मा द्वारा गीला कचरा से खाद बनाने के तरीके, चंद्रलता जैन द्वारा गोबर के इस्तेमाल से अगरबत्ती, धूप, दीया एवं राखी बनाने की प्रक्रिया, अरविंदर कौर द्वारा टिशू पेपर के इस्तेमाल से सैनिटरी पैड बनाने की प्रक्रिया व उमरावती द्वारा मैदा या आटे का प्रयोग कर चाय के गिलास एवं कप बनाने की प्रक्रिया को साझा किया गया. सुलेखा चौधरी द्वारा सब्जी एवं फल के बीजों का इस्तेमाल कर एवं बेकार की वस्तुएं का इस्तेमाल कर सजावट की चीजें को बनाने की प्रक्रिया बताया गया. साथ ही साथ वार्ड नंबर 3 में सामूहिक स्वच्छता शपथ एवं ‘कचड़े का स्रोत पृथक्करण’ को लेकर जन जागरूकता अभियान चलाया गया. इस मौके पर जुगसलाई नगर परिषद से नगर प्रबंधक समेत कई उपस्थित थे.