‘हम हिंदी मीडियम के स्टूडेंट्स हैं, क्या कर सकते हैं’. आपने अक्सर लोगों को यह कहते सुना होगा. लेकिन मानगो के प्रतीक कुमार ने इस कथन को गलत साबित कर दिया है. बिष्टुपुर सेंट मेरीज हिंदी मीडियम के छात्र प्रतीक ने अपने बचपन के शौक को पूरा करने के लिए चॉकलेट की स्टार्टअप कंपनी बना डाली. आज उसकी बनायी नेचुरल चॉकलेट पूरे देश में बिक रही है.
कॉरपोरेट कंपनियों की बनी पसंद
जमशेदपुर में शुरू हुआ यह बिजनेस स्टार्टअप अब कई कॉर्पोरेट और बड़े कारोबारियों की पहली पसंद बन चुका है. गोवा फेस्टिवल हो या मुंबई कार्निवल, कई शो में उसका जलवा देखने को मिला है. पैन इंडिया में करीब छह साल से वह यह कारोबार कर रहा है. प्रतीक कुमार ने ‘प्रतिक्स कोकोआलेन’ के नाम से प्रोडक्ट तैयार किया है, बिष्टुपुर में उन्होंने नेचुरल चॉकलेट का अपना बड़ा शोरूम भी खोला है. साथ ही यह चॉकलेट पूरे देश में अब ऑनलाइन बिक रही है. सिर्फ जमशेदपुर में उनका कस्टमर बेस 10 हजार है.
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2015 में शुरू किया कारोबार
प्रतीक ने 2015 में इस कारोबार की शुरुआत की थी. सात साल बाद उनकी कंपनी अब स्थापित हो चुकी है. 29 साल के इस नौजवान ने करीब 15 लोगों को रोजगार दिया है. अन्य एजेंसियों की भी मदद चॉकलेट पहुंचाने में ली जा रही है. मानगो सुभाष कॉलोनी निवासी अवधेश कुमार चौबे और मंजू चौबे के छोटे बेटे प्रतीक ने बिष्टुपुर सेंट मेरीज स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की. केएमपीएम कॉलेज से इंटर करने के बाद कंपनी सेक्रेटरी की पढ़ाई की. एक्जीक्यूटिव की पढ़ाई के दौरान ही वे गोवा गये थे. जहां होममेड नेचुरल चॉकलेट देखा. बचपन से चॉकलेट प्रेमी प्रतीक इससे काफी प्रभावित हुए. पढ़ाई के साथ ही घर में खुद चॉकलेट बनाना शुरू किया.
चार लाख ग्राहकों की स्टडी के बाद शुरू किया स्टार्टअप
प्रतीक ने शुरुआत में मेले में अपने चॉकलेट का स्टॉल लगाया. देश के कई हिस्से में मेले व कार्निवल में लोगों का रिस्पांस परखा. करीब चार लाख ग्राहकों की स्टडी करने के बाद अपना स्टार्टअप शुरू किया और इसे बड़ा रूप दिया. बिष्टुपुर पीएंडएम मॉल में स्टॉल लगाकर खालसा क्लब के सामने अपना बड़ा शोरूम संचालित कर रहे हैं. प्रतीक ने बताया कि वे चाहते है कि लोगों को सिर्फ फ्लेवर नहीं, बल्कि नेचुरल चीजें चॉकलेट में मिलें. इसे लोगों का बेहतर रिस्पांस मिल रहा है.
रिपोर्ट : ब्रजेश सिंह