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झारखंड के 10वीं पास साइबर क्रिमिनल ने 2 साल में बनायी करोड़ों की संपत्ति, ठगी के लिए करता था गूगल का इस्तेमाल

Prabhat Khabar Exclusive Report, Jharkhand/Jamshedpur news : पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत मानगो स्थित एसडीएम स्कूल से दसवीं पास शंकोसाई निवासी राहुल केसरी को देश- विदेश की कंपनियों का 'लोगो' (प्रतीक चिह्न) बनाकर ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. साइबर थाना (Cyber Crime) की पुलिस ने राहुल केसरी को कोलकाता के न्यू टाउन थाना अंतर्गत संजीवा गार्डेन से गिरफ्तार किया है. राहुल ने साइबर क्राइम के जरिये महज 2 साल में करोड़ों (Billionare) की संपत्ति अर्जित कर ली है. साइबर क्रिमिनल राहुल करीब 600 लोगों से ठगी कर चुका है.

Cyber Crime News, Jamshedpur news : जमशेदपुर (पूर्वी सिंहभूम) : पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत मानगो स्थित एसडीएम स्कूल से दसवीं पास शंकोसाई निवासी राहुल केसरी को देश- विदेश की कंपनियों का ‘लोगो’ (प्रतीक चिह्न) बनाकर ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. साइबर थाना की पुलिस ने राहुल केसरी को कोलकाता के न्यू टाउन थाना अंतर्गत संजीवा गार्डेन से गिरफ्तार किया है. राहुल ने साइबर क्राइम के जरिये महज 2 साल में करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर ली है. साइबर क्रिमिनल राहुल करीब 600 लोगों से ठगी कर चुका है.

मैट्रिक पास 29 वर्षीय राहुल एक नयी कंपनी भी बनायी है, जिसकी वार्षिक आमदनी 35 हजार करोड़ होने वाली थी. इसकी रुपरेखा भी उसने तैयार कर ली थी, लेकिन इसी बीच साइबर थाना की पुलिस ने राहुल केसरी को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार राहुल के पास से पुलिस ने एक लैपटॉप, एक टैब, एक पैनड्राइव, 2 मोबाइल, 4 एटीएम कार्ड, पैन कार्ड और एक पासपोर्ट बरामद किया है. इसके अलावा राहुल का थाइलैंड का पासपोर्ट भी जब्त किया गया है.

बुधवार (4 नवंबर, 2020) को मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी डॉ एम तमिल वाणन ने बताया कि गिरफ्तार राहुल केसरी शातिर साइबर ठग है. वह पूर्व में कोलकाता में एक निजी कंपनी में कंप्यूटर ऑपरेटर का काम करता था. वह देश- विदेश के नामी- गिरामी कंपनी का ‘लोगो’ (प्रतीक चिह्न) बनाकर उक्त कंपनी के नाम पर गूगल (Google) पर विज्ञापन देकर सस्ते दर में सामान उपलब्ध कराने का झांसा देकर लोगों को अपनी जाल में फंसाता था. इसके कारण मात्र 2 वर्षों में उसने करोड़ों रुपये की ठगी कर ली. वह काफी शातिर है. उसने सिर्फ मैट्रिक तक ही पढ़ाई की है. गिरोह का मास्टर माइंड राहुल केसरी ही था. पुलिस को काफी दिनों से उसकी तलाश थी.

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एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार राहुल के पास से थाइलेंड का वीजा भी बरामद हुआ है. इसके अलावा उसने बैंकॉक में एक किराये का मकान भी ले रखा है, जिसका हर माह वह 60 हजार रुपये किराया देता है. राहुल ने अपनी 2 फर्जी कंपनी ई- कॉमर्स साइडसीपी और फर्स क्लाउड नाम से खोल रखी है, जिसमें वह लोगों को सस्ती दर में सामानों को बेचता था. झांसा देकर पहले वह लोगों से सामान खरीदतवाता था. फिर नकली सामान भेजकर उसे वापस करने के लिए लोगों के खाता की जानकारी लेकर उनके खाते से रुपये की निकासी कर लेता था.

महेश को ट्रेनिंग के साथ देता था 50 हजार रुपये

एसएसपी डॉ एम तमिल वाणन ने बताया कि गिरोह में राहुल केसरी के अलावा महेश पोद्दार, राहुल मिश्रा, मंतोष पोद्दार, योगेश शर्मा, राकेश महतो और धीरज कुमार शामिल थे. गिरोह का सरगना खुद राहुल केसरी था. वर्ष 2009 में उसने गूगल पर नकली ‘लोगो’ बनाने का काम सीखा. करीब 9 वर्षों तक उसने गूगल पर फर्जीवाड़ा करना सीखा. इस बीच वह छोटी- मोटी फर्जीवाड़ा करता था. जिसके बाद उसने अपने स्कूल के साथी शंकोसाई निवासी महेश पोद्दार को अपना सहयोगी बनाया. इसके लिए राहुल केसरी साथी महेश पोद्दार को ट्रेनिंग देता था. वहीं, ट्रेनिंग करने के एवज में उसे 50 हजार रुपये भी देता था. धीरे-धीरे उसने अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया था. मानगो में उसने एक कार्यालय भी खोल रखा था. महेश पोद्दार की गिरफ्तारी के बाद उसने कार्यालय बंद कर दिया था. उसके अन्य साथी पूर्व में पकड़े गये हैं. कोलकाता संजीवा गार्डेन में वह किराये के मकान में रहता था.

यूके का सिम इस्तेमाल करता था राहुल

उन्होंने बताया कि गिरफ्तार राहुल केसरी यूके का मोबाइल सिम इस्तेमाल करता था. जिसके जरिये वह लोगों का डाटा चोरी कर लिया करता था. उसने अबतक करीब 600 लोगों से ठगी की है. हालांकि, बिष्टुपुर साइबर थाना में उसपर 4 अलग- अलग प्राथमिकी दर्ज है. पुलिस को काफी दिनों से राहुल केसरी की तलाश थी.

आरके ग्रुप इंटरनेशनल के नाम से बनायी थी नयी कंपनी

एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार राहुल केसरी ने आरके ग्रुप इंटरनेशनल के नाम से नयी कंपनी बनाया था, जिसकी शुरुआत 15 नवंबर, 2020 को करने वाला था. कंपनी का टर्नओवर उसने 35 सौ करोड़ रुपये बताया था. जिसमें उसने विश्व की कई कंपनी का ‘लोगो’ इस्तेमाल करता था. इसके अलावा करेंसी बदलने का काम भी करता था. राहुल ने गूगल पे और पेटीएम की तरह ‘पे फ्रीक्वेंट’ नामक रुपये ट्रांसफर बनाने वाली कंपनी की भी शुरुआत करने की तैयारी में था. आरके ग्रुप इंटरनेशनल में उसने पे फ्रीक्वेंट, पेएफक्यू, 24 गुणा 7 क्रैप्टो, वालाडॉटआईओ, स्वापिंग, न्यूज पित्रा, यार्नस्वैप और पीपलोन फाइनेंस के नाम का विज्ञापन देकर उसे अपनी कंपनी बताता था. कंपनी में राहुल केसरी ने अपने आपको कंपनी का सीईओ बताया है. विज्ञापन में उसने अपनी प्रेमिका की भी तस्वीर लगायी है. उसने बताया है कि आरके ग्रुप इंटरनेशनल यूनाइटेड किंगडम से रजिस्टर्ड है. कंपनी का कार्यालय का पता उसने लंदन के 160 सिटी रोड कैंप हाउस का दिया था. उसने फेसबुक और ट्विटर पर भी कंपनी की जानकारी साझा की है.

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वर्ष 2007 में दी थी मैट्रिक की परीक्षा

उन्होंने बताया कि गिरफ्तार राहुल केसरी ने मानगो स्थित एसडीएम स्कूल से वर्ष 2007 में मैट्रिक की परीक्षा पास की थी. जिसके बाद कोलकाता में एक कंपनी में कंप्यूटर ऑपरेटर का काम करता था. वह अपने दादा- दादी के साथ कोलकाता में रहता था. उसने कोलकाता में भी कार्यालय खोल कर रखा था.

Posted By : Samir Ranjan.

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