Jharkhand Crime News, Jamshedpur News, जमशदेपुर (पूर्वी सिंहभूम) : लॉकडाउन में नौकरी छूटने के बाद आफताब ने यूट्यूब पर वीडियो देख कर नकली नोट बनाना सीखा और उसके बाद उसका कारोबार करने लगा. पुलिस ने आफताब को मानगो स्थित उसके किराये के मकान से करीब 57 हजार के नकली नोट और अन्य सामान के साथ गिरफ्तार किया है. इसमें कुछ अर्धनिर्मित नोट भी शामिल है. इस बात की जानकारी एसएसपी डॉ एम तमिलवानन ने पत्रकारों को दी.
![Jharkhand Crime News : लॉकडाउन में नौकरी छूटने पर यूट्यूब से सीखा नकली नोट बनाना, 57 हजार के साथ एक आरोपी गिरफ्तार 1 Undefined](https://pkwp1.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/Prabhatkhabar/2021-03/c30e8304-5fa2-434d-b7bf-a5e92b736815/Fake_currency_matter_1.jpg)
चक्रधरपुर निवासी आफताब पिछले करीब डेढ़ माह से मानगो में किराये का मकान लेकर अपने परिवार के साथ रह रहा था. वह मूल रूप से कंप्यूटर और मोबाइल बनाने का काम करता था, लेकिन नौकरी छूटने के बाद वह बेरोजगार हो गया था. इस दौरान उसने यूट्यूब पर एक वीडियो देखा, जिसमें नकली नोट बनाने के तरीके को बताया गया था. उसके बाद वह उस वीडियो को देखकर नकली नोट के धंधे से जुड़ गया.
इस संबंध में एसएसपी डॉ तमिलवानन ने बताया कि शनिवार को जुगसलाई के एक फल दुकानदार से फल लेने के बाद रुपये को लेकर बहस हो रही थी. उसी दौरान जुगसलाई पुलिस के एक पदाधिकारी ने उन दोनों को शांत करने के लिए रुके. जहां नकली नोट के बारे में जानकारी मिली. नकली नोट मिलने के साथ ही जुगसलाई पुलिस ने आफताब को गिरफ्तार कर लिया. फिर रविवार की देर रात अफताब के घर में छापेमारी कर 100, 500, 50 रुपये के नकली नोट, कई सर्टिफिकेट, स्कैनर मशीन, स्टेशनरी के सामान, कंप्यूटर आदि बरामद किया गया.
एसएसपी ने बताया कि पिछले डेढ़ माह में आफताब ने नकली नोट का उपयोग कर करीब 40 हजार रुपया कमा चुका है. वह जब भी कोई सामान खरीदने जाता था, तो खुद के द्वारा बनाये गये नकली नोट का ही प्रयोग करता था. दुकानदार द्वारा खुल्ले मांगने पर भी वह कम रुपये का सामान लेकर 500 का नोट देता था, ताकि उसे वापस असली नोट अधिक से अधिक मिल सके. इन्हीं पैसों से वह अपना और अपने परिवार का लालन- पालन करने का काम भी करता था. परिवार के लोगों ने बताया कि किराये के मकान में वह अपना एक अलग कमरा में ऑफिस बनाया था, लेकिन उसमें वह क्या कारोबार करता है इसके बारे में अन्य लोगों को कोई जानकारी नहीं थी. एसएसपी ने बताया कि फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वाले लोगों पर भी कार्रवाई की जायेगी.
पुलिस ने बताया कि आफताब आलम हर दिन अलग-अलग बाजार में जाकर कारोबार करने का काम करता था. यह अधिकतर शाम के वक्त हल्का अंधेरा होने पर बाजार जाता था, ताकि दुकानदार नोट की पहचान नहीं कर पाये.
Posted By : Samir Ranjan.