Jharkhand News: टाटा संस के डायरेक्टर भास्कर भट्ट ने कहा कि विश्वास का दूसरा नाम है टाटा. हमने यह विश्वास कमाया है. यह एक दिन की प्रैक्टिस में नहीं, बल्कि इसके लिए कंपनी के बड़े अधिकारियों से लेकर अंतिम पायदान के कर्मचारियों ने पूरी निष्ठा, ईमानदारी व नैतिक मूल्यों के साथ अनवरत कार्य किया. टाटा ग्रुप के 9,35,000 कर्मचारी दुनिया के अलग-अलग करीब 100 देशों में कार्य कर रहे हैं. उनकी बदौलत ही टाटा ग्रुप को लगातार सातवां साल दुनिया की सबसे एथिकल कंपनी घोषित की गयी है. यह बिजनेस एथिक्स के प्रति टाटा के कमिटमेंट को दर्शाता है. वे शनिवार को एक्सएलआरआई में आयोजित 30वें जेआरडी टाटा ऑरेशन के दौरान ये बातें कहीं.
बिजनेस एथिक्स की दी गयी जानकारी
इससे पूर्व उन्होंने टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन, एक्सएलआरआई के डायरेक्टर फादर एस जॉर्ज, डीन एकेडमिक्स संजय पात्रो व जेआरडी टाटा सेंटर फॉर बिजनेस एथिक्स के चेयरमैन फादर कुरुविला पांडिकट्टू के साथ संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. मौके पर एक्सएलआरआई प्रबंधन द्वारा भावी मैनेजरों को दी जा रही बिजनेस एथिक्स के बारे में भी जानकारी दी गयी. बताया गया कि एक्सएलआरआई में सभी विद्यार्थियों को बिजनेस एथिक्स के 11 कोर्स करने अनिवार्य होते हैं.
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भास्कर के अनुसार ये हैं दुनिया के 10 मोस्ट ट्रस्टेड ब्रांड
1. टाटा
2. इंफोसिस
3. एलआइसी
4. रिलायंस
5. एयरटेल
6. एसबीआई
7. एचडीएफसी बैंक
8. विप्रो
9. महिंद्रा
10. एचसीएल
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तीन साल में अनएथिकल प्रैक्टिस करने वाली कई कंपनियां हो गयीं बर्बाद
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित टाट स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने कहा कि कोई भी मैनेजमेंट कोर्स बिना एथिक्स के पूरा नहीं हो सकता है. इस दिशा में एक्सएलआरआई द्वारा किये जा रहे कार्यों की उन्होंने सराहना की. इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में दुनिया ने देखा कि अनएथिकल प्रैक्टिस करने वाली कई कंपनियां बर्बाद हो गयीं.
रिपोर्ट : संदीप सावर्ण, जमशेदपुर