Coronavirus 3rd Wave News (जमशेदपुर) : झारखंड के पूर्व सीएम एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने कहा कि डाक्टर्स, पारा मेडिकल स्टाफ एवं अन्य फ्रंटलाइन वर्कर्स की कड़ी मेहनत के कारण कोरोना वायरस संक्रमण पर कुछ हद तक नियंत्रण पाया जा सका है. उन्होंने कोरोना की सम्भावित तीसरी लहर से चौंकन्ना एवं मुस्तैद रहने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि कोरोना से मुकाबला में पीएम नरेंद्र मोदी का मंत्र ‘जहां बीमारी वहां उपचार’ सहायक सिद्ध होगा. राज्य सरकार इसके लिए व्यापक तैयारी कर ले. उन्होंने कहा कि झारखंड में संक्रमित कोरोना मरीजों की संख्या में कमी आयी है.
पूर्व सीएम रघुवर दास ने कोरोना महामारी की रफ्तार में आयी कमी के लिए सरकारी, गैर-सरकारी अस्पतालों (निजी एवं कॉरपोरेट हॉस्पिटल) के चिकित्सकों एवं गैर-चिकित्सा कर्मियों की लगन की सराहना करते हुए कहा कि ये युद्ध स्तर पर अपने कर्त्तव्य पथ पर डटे हैं. उन्होंने कोरोना काल की दूसरी लहर के उफान की चर्चा करते हुए कहा कि तब अस्पतालों में जहां मरीजों के लिए बेड मिलना कठिन हो गया था, वहीं आज साधारण कोविड बेड आसानी से मिल रहे हैं.
उन्होंने कोविड महामारी के दौरान टाटा स्टील द्वारा झारखंड के अलावा पश्चिम बंगाल, ओडिशा और उत्तर प्रदेश सहित देश के कई प्रांतों में प्रति दिन हजारों टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए टाटा स्टील की सराहना करते हुए कहा कि टाटा घराना ने देश की विपत्ति के समय हमेशा आगे बढ़कर मदद की है. इसके लिए उद्योगपति रतन टाटा की जितनी भी तारीफ की जाए कम है.
कोरोना मामलों में आयी गिरावट की चर्चा करते हुए पूर्वी सीएम श्री दास ने कोरोना नियंत्रण में मिल रही सफलता के लिए जिला प्रशासन की भूमिका को अहम बताया. इस मुस्तैदी के लिए जिला प्रशासन के अलावा सभी अस्पताल प्रबंधन, चिकित्सक और अन्य गैर चिकित्सा कर्मियों को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि वे जिस प्रकार इस कठिन समय में अपने कर्त्तव्यों का निर्वाहन कर रहें हैं उसी ऊर्जा और लगन के साथ कोरोना की अगली जंग का भी मुकाबले कि तैयारी करें.
पूर्व सीएम श्री दास ने हेमंत सरकार पर पत्रकारों के प्रति असंवेदनशील होने का आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना महामारी के इस दौर में सरकार द्वारा राज्य के सभी पत्रकारों को फ्रंटलाइन वाॅरियर्स का दर्जा नहीं देना, पत्रकारों के लिए प्रस्तावित पेंशन योजना लागू नहीं करना और कोरोना काल के दिवंगत पत्रकारों के परिजनों को 5-5 लाख की अनुग्रह राशि नहीं देना पत्रकारों के प्रति हेमंत सरकार के अन्यायपूर्ण रवैये का नमूना है.
उन्होंने इस सिलसिले में सीएम हेमंत सोरेन से किये गये अपने आग्रह को दोहराते हुए इस पर तुरंत अमल करने की अपील की. राज्य सरकार पत्रकारों को फ्रंटलाइन वाॅरियर्स का दर्जा दे देती है, तो कोरोना पीड़ित पत्रकारों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा सहित अन्य लाभ मिल सकेगा. इसी प्रकार अगर पत्रकारों के लिए प्रस्तावित पेंशन योजना लागू करती है, तो इस मुश्किल दौर में बहुत बड़ा संबल मिलेगा. उन्होंने बताया कि उनके मुख्यमंत्रित्व काल में किसी पत्रकार के निधन के बाद उनके परिजनों को 5-5 लाख की अनुग्रह राशि देने का प्रावधान किया गया था, लेकिन वर्तमान सरकार इस जिम्मेदारी से भी भाग रही है.
Posted By : Samir Ranjan.