केंद्र की भाजपा सरकार में साढ़े छह साल में ही दूसरी बार नोटबंदी के फैसले की अधिकतर शहरवासियों ने सराहना की है. लोगों का कहना है कि अब 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने के फरमान के बाद सही मायने में नोटबंदी का उद्देश्य अब पूरा हुआ है. कई घटनाओं में कालाधन रखने के लिए दो हजार रुपये के नोटों के इस्तेमाल का खुलासा हुआ था. 2019 से ही आरबीआइ ने भी इसको छापना बंद कर दिया था. आम लोगों के पास अब बहुत कम ही दो हजार के नोट बचे थे, लेकिन बड़ी संख्या में लोगों के पास अब भी दो हजार के नोटों के रूप में कालाधन है. सरकार के इस फैसले से अब बाकी कालाधन भी वापस आयेगा. जब साल 2016 में आरबीआइ ने हजार और पांच सौ के नोटों को बैन करके दो हजार रुपये के नोट जारी किये थे, तभी यह तय था कि इसे ज्यादा समय तक नहीं चलन में रखा जायेगा. केंद्र सरकार ने अपनी रणनीति के तहत काम किया और आज नोटबंदी को पूरी तरह से अंजाम दिया जा रहा है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 में 500 और 1000 के नोटों को बंद करने का ऐलान किया था.
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने 2,000 रुपये के नोट को सितंबर, 2023 के बाद चलन से बाहर करने की शुक्रवार को घोषणा की.
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने 2,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने की घोषणा के साथ बैंकों से 2,000 रुपये का नोट देना तत्काल प्रभाव से बंद करने को कहा है.
हाल की घटनाओं पर नजर डालें तो लोग अब काला धन रखने के दो हजार रुपये के नोटों का प्रयोग करने लगे थे. इसे सरकार भी मानती है. 2019 से ही आरबीआइ ने दो हजार के नोटों को छापना बंद कर दिया था. आम लोगों के पास अब बहुत कम ही दो हजार के नोट बचे थे, लेकिन बड़ी संखया में ऐसे लोग थे, जिहोंने इन दो हजार के नोटों का इस्तेमाल काली कमाई रखने और काला धन रखने में करना शुरू कर दिया. अब जब आरबीआइ ने इन नोटों को बंद करने का एलान कर दिया है, तो साफ है कि एक बार फिर से बड़े पैमाने पर काला धन बाहर आयेगा.
-विजय आनंद मूनका, अधयक्ष, सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमस
आरबीआइ के निर्देश से साफ है कि दो हजार रुपये के नोट लीगल टेंडर बने रहेंगे, लेकिन हो सकता है कि बाजार में इसके माध्यम से लेन-देन में दिक्कतें आये. ऐसे में आसान तरीका यही है कि आप बैंक जाकर ही नोट बदलवा लें. आरबीआइ ने 30 सितंबर के बाद भी दो हजार रुपये के नोट लीगल टेंडर बने रहने का सर्कुलर जारी किया है. चार महीने का वक्त लोगों के लिए पर्याप्त है. यह एक रूटीन कवायद है और इससे लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है.
-शिबू बर्मन, चेयरमैन,बिल्डर एसोसिएशन ऑफ इंडिया, झारखंड
2016 में जब 500 और हजार के नोट बंद हुए थे, तो आतंकवादियों की फंडिंग में भी बड़ा ब्रेक लगा था. इसी तरह मनी लॉन्ड्रिंग भी रुक गयी थी. धीरे-धीरे इस काम में दो हजार के नोटों का इस्तेमाल होने लगा था. अब इसके माध्यम से आतंकवादियों को फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर एक बार फिर से सरकार ने कड़ा प्रहार किया है.
-सुरेंद्र पाल सिंह, पूर्व चेयरमैन, बिल्डर एसो. ऑफ इंडिया
दो हजार के नकली नोटों की छपाई भी तेजी से होने लगी थी, ऐसा इसलिए क्योंकि ये आसानी से बाजार में चलाया जा सकता था. इसकी सप्लाई में ज्यादा दिक्कत नहीं होती थी. अब चूंकि इस पर बैन लग रहा है, तो साफ है कि दो हजार के जितने भी नकली नोट बाजार में होंगे वो भी साफ हो जायेंगे. इसके अलावा नकली नोटों की छपाई पर भी काफी हद तक ब्रेक लगेगा.
-अशोक भालोटिया, उद्यमी
नोटबंदी के बाद दो हजार रुपये के नोट लाये गये थे. जब दूसरे मूल्य के बैंक नोट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो गये, तब दो हजार रुपये को चलन में लाने का उद्देश्य भी पूरा हो गया. लिहाजा, 2018 में दो हजार रुपये के नोटों की छपाई भी बंद कर दी गयी. दो हजार रुपये के नोट आमतौर पर लेन-देन में बहुत ज्यादा इस्तेमाल में भी नहीं आ रहे. इसके अलावा, अन्य मूल्य के नोट भी आम जनता के लिए चलन में पर्याप्त रूप से मौजूद हैं. लिहाजा, आरबीआइ की क्लीन नोट पॉलिसी के तहत यह फैसला लिया गया है कि दो हजार रुपये के नोटों को चलन से हटा लिया जाये.
-सतिंदर पाल सिंह बंटी,व्यवसायी
जब साल 2016 में आरबीआइ ने हजार और पांच सौ के नोटों को बैन करके दो हजार रुपये के नोट जारी किये थे, तभी ये तय था कि इसे ज्यादा समय तक नहीं चलन में रखा जायेगा. केंद्र सरकार ने अपनी रणनीति के तहत काम किया और आज नोटबंदी को पूरी तरह से अंजाम दिया जा रहा है.
-मानव केडिया,महासचिव, सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स
सरकार की बेहतर पहल है. नोट बदलने जो लोग भी बैंकों में जायेंगे, उन पर सरकार की नजर होगी. अगर अधिक मात्रा में किसी के पास दो हजार के नोट होंगे, तो वह सीधे इडी व आरबीआइ के निशाने पर आ जायेगा. सरकार ने एक बार फिर बड़े स्तर पर काला कारोबार खत्म करने के लिए अभियान शुरू किया है, जिसका असर दिखेगा.
-ओम प्रकाश जग्गी,संरक्षक पंजाबी समाज, जमशेदपुर
काफी दिनों पहले से ही दो हजार का नोट बाजार में नहीं आ रहा है. सरकार द्वारा दो हजार का नोट सितंबर तक जमा करने के लिए कहा गया है. यह बहुत सही कदम है. इससे जो भी लोग दो हजार का नोट जमाकर रखे होंगे वह सब बाहर आ जायेगा. इससे कुछ दिन तो बाजार में नोट दिखेगी.
-डॉ नकुल चौधरी
बाजार में पहले भी दो हजार का नोट लोगों को नहीं मिल रहा था. नोटबंदी के बाद कुछ महीनों के अंदर ही यह नोट मिलना बंद हो गया था. इससे लग रहा है कि लोगों द्वारा इसको जमा किया जा रहा था. दो हजार का नोट बंद होने से जमा पैसा बाजार में आयेगा. इससे सरकार को लाभ होगा.
-डॉ एके लाल
लघु उद्योग भारती के महासचिव समीर सिंह ने कहा कि दो हजार के नोट को वापस लिये जाने का निर्णय यदि जमाखोरी व भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए लिया गया है, तो यह अच्छा कदम है. आर्थ व्यवस्था प्रभावित न हो इसके लिए इसकी वैकल्पिक व्यवस्था हो और छोटे नोट का संचरण बना रहे, ताकि आम आदमी को परेशानी नहीं हो. क्योंकि हरेक स्तर व जगहों पर कैशलेस सिस्टम उपलब्ध नहीं है. जब बड़े नोट आये थे, तब लोगों को खुदरा के लिए काफी समस्या झेलनी पड़ रही थी. यह धरातल से जुड़ी समस्या है.
वरीष्ठ नागरिक संघ के अध्यक्ष अधिवक्ता रवींद्र नाथ चौबे ने कहा कि दो हजार के नोट को हटाया जाना स्वागत योग्य व अच्छा कदम है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार व काला धन को समाप्त करने के लिए सरकार को सिर्फ नोटबंदी ही नहीं करनी चाहिए, बल्कि न्यायपालिका में सुधार कर दंड के अनुपात में वृद्धि करनी चाहिए.