जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति ग्रीन एंड क्लीन एनर्जी की तरफ आगे बढ़ रही है. जेएनएसी ने बढ़ते प्रदूषण व ईंधन के खर्च को रोकने के लिए डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन करने वाले वाहनों में से 30 सीएनजी वाहनों का इस्तेमाल कर रही है. आने वाले समय में केवल सीएनजी वाहनों से ही कचरे का उठाव होगा. इसके अलावा जेएनएसी एरिया में गली-मोहल्ला में लगभग तीन हजार सोलर रोड लाइट लगायी जा चुकी है और दो जगहों पर सोलर प्लांट लगाने की योजना तैयार की गयी है.
वर्तमान में सिदगोड़ा टाउन हॉल और सोन मंडप में सोलर पैनल लगा हुआ है. इसके अलावा शहरवासियों को बेहतर व प्रदूषण रहित बस सर्विस देने की योजना जमशेदपुर में जल्द शुरू होने वाली है. जेएनएसी 100 सीएजी बसों की खरीदारी करने जा रही है. पहले चरण में 50 सीएनजी वाहनों की खरीदारी होगी. इसकी प्रक्रिया अंतिम चरण में चल रही है. शहर में बस यात्रियों की बढ़ती संख्या व प्रदूषण के स्तर को कम करने की दिशा में कदम उठाये जा रहे हैं.
हर साल लगभग 50 लाख की बचत. जेएनएसी के कचरा उठाव वाहनों में सीएनजी वाहनों के शामिल होने से जहां हर साल 50 लाख रुपये से ज्यादा डीजल मद में जेएनएसी को बचत हो रही है. वहीं प्रदूषण भी कम हो रहा है. आने वाले समय में नगर निकाय सभी वाहनों को सीएनजी में बदलने जा रहा है. नगर निकाय सीएनजी वाहनों पर अपनी निर्भरता बढ़ाने जा रहा है.
कचरा कलेक्शन के लिए सभी वाहन सीएनजी में होंगे तब्दील. डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के लिए आने वाले समय में सीएनजी वाहनों की खरीदारी की योजना नगर निकायों ने तैयार की है. डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के अलावा आने वाले समय में निकायों के अफसरों को भी सीएनजी गाड़ियां उपलब्ध कराये जाने की प्लानिंग है.
जमशेदपुर शहर में हवा की गुणवत्ता की जांच में लिए मानगो नगर निगम और जुगसलाई नगर परिषद के इलाके में एयर इंडेक्स मशीन लगायी गयी है. मानगो चौक पर नवंबर 2022 में स्थापित हुई मशीन पांच माह में दस बार खराब हो चुकी है. निगम बार-बार मशीन में आ रही तकनीकी गड़बड़ी से परेशान है तो स्थानीय लोगों का कहना है कि एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) की खराब स्थिति पर पर्दा डालने के लिए मशीन को बंद रखा गया है. जुगसलाई में मशीन काम कर रही है और यहां एक्यूआइ 192 के करीब है. मानगो में यह 400 के करीब पहुंच जाता है. मौसम में होने वाले बदलाव के साथ एक्यूआइ लेवल में भी बदलाव दिखता है. ठंड में एक्यूआइ की स्थिति खराब रहती है. गर्मी में इसमें कुछ सुधार दिखता है.
प्रदूषण फैलने से सांस संबंधित बीमारियों के अलावा दिल से जुड़े मामले भी आते है. इसको लेकर कई तरह के केस आते है. इस कारण प्रदूषण को नियंत्रित करना जरूरी है.
– डॉ अभिषेक मुंडू
प्रदूषण की जांच और उस पर नजर रखने के लिए जो मशीन लगायी गयी है, वह अक्सर खराब ही रहती है. लोगों को मालूम ही नहीं चले कि प्रदूषण बढ़ रहा है या घट रहा है. हमें तो लगता है कि साजिश के तहत मशीन खराब कर दी जाती है.
-राम सिंह कुशवाहा, मानगो
प्रदूषण मापक यंत्र को जब यहां लगाया गया था, तब से ही यह जानकारी मिल जा रही थी कि प्रदूषण का लेवल कैसा है. अखबारों में यह बातें आयी, उसके बात से लगातार मशीन खराब हो रहा है. प्रदूषण के लेवल को छिपाने की यह कोशिश लग रहा है.
संदीप शर्मा, मानगो