Prabhat Khabar Special: ऑटो की संख्या, निजी वाहन, किराया और बसों के मेंटेनेंस खर्च बढ़ने का असर जमशेदपुर शहर में मिनी बसों के संचालन पर पड़ा है. कोरोना से पहले जमशेदपुर में 110 मिनी बसें चलती थीं, जो घटकर 64 रह गयी हैं. बस संचालकों का कहना है कि इसकी बड़ी वजह गलत स्थानों पर ऑटो स्टैंड का बन जाना और डीजल के दाम का बढ़ना है.
2012 तक करीब 150 बसें चलती थी
भारत सरकार और प्रदूषण नियंत्रण पर्षद का मानना है कि सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था दुरुस्त होने से लोगों को दिक्कतें नहीं होंगी और सड़कों पर निजी वाहनों का परिचालन कम हो सकेगा. लेकिन, शहर में निजी वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है. जमशेदपुर में 2012 तक जहां करीब 150 बसें चलती थी, वहीं कोरोना काल के पहले 2019 तक 110 बसें चलती थी. ऐसे कई एरिया है जहां बस चलनी बंद हो गयी हैं. साकची से टेल्को तक की बसें किसी तरह चालू हो पायी हैं. तीन बसें अभी इस रूट में शुरू की गयी है. कई एरिया में तो बसें वर्षों से नहीं चल पा रही हैं.
बसों के मेंटेनेंस में हो रही है दिक्कतें, कई रूट पर बसों को चलाने की इजाजत नहीं : महामंत्री
शिक्षित बेरोजगार मिनी बस एसोसिएशन के महासचिव विवेक सिंह ने बताया कि बसों के मेंटेनेंस खर्च काफी बढ़ गये हैं. कई रूट पर बसों को चलाने तक की इजाजत नहीं है. स्ट्रेट माइल रोड समेत कई सड़कों पर बसों को नहीं ले जाने के निर्देश के बाद बसों का फेरा ज्यादा होने लगा, जिससे बसों को चलाना बंद करना पड़ा.
बसों को लेकर कोई सब्सिडी देने की जरूरत : शिवराम
बस एसोसिएशन के शिवराम झा उर्फ दिलीप ने कहा कि बस चलाने में काफी ज्यादा खर्च आता है. ऊपर से बस स्टैंड में ही ऑटो स्टैंड बना दिया गया है. ऑटो स्टैंड हर जगह खोल दिये जाने के कारण परिचालन में दिक्कतें हैं और ग्राहकों को भी आराम हो रहा है, जिससे बसें बंद हो रही हैं.
जमशेदपुर शहर से कई बसों का होता परिचालन
रूट : बसों की संख्या
साकची- कांड्रा : 16
साकची- सुंदनगर : 23
साकची- गोविंदपुर : 9
साकची- राहरगोड़ा : 4
साकची- डिमना : 9
साकची- टेल्को : 3
इन क्षेत्रों में बसों का चलना हो गया है बंद : साकची से सोनारी, कदमा, बारीडीह, आदित्यपुर कॉलोनी और अन्य.