Jharkhand News (जमशेदपुर, पूर्वी सिंहभूम) : पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत मानगो नगर निगम (Mango Municipal Corporation) और जुगसलाई नगर परिषद (Jugsalai Municipal Council) के चुनाव की तैयारी तेज हो गयी है. राज्य निर्वाचन आयोग ने मानगो के 36 वार्ड और जुगसलाई के 22 वार्ड का गठन (क्षेत्र का नाम, चौहद्दी और आबादी), परिसीमन और संख्यांकन 14 जून से 29 जून तक कर लेने को कहा गया है.
एक जुलाई को कौन एरिया किस वार्ड में रहेंगे इसके प्रारूप का प्रकाशन होगा और 15 जुलाई तक दावा, आपत्ति या सुझाव लिया जायेगा. 16 से 30 जुलाई तक दावा- आपत्ति का निराकरण किया जायेगा तथा 2 अगस्त तक आयोग से सत्यापन कराने के बाद 3 अगस्त तक अधिसूचना के माध्यम से गजट में प्रकाशित किया जायेगा.
राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जिला प्रशासन के पदाधिकारियों ने बैठक कर वार्ड के गठन, परिसीमन और संख्यांकन कार्य किस प्रकार किया जायेगा इसको लेकर विचार-विमर्श की और वार्ड गठन को लेकर टीम गठित करने का निर्णय लिया गया. बैठक में डीआरडीए के निदेशक सौरभ सिन्हा, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी सह जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी अभिषेक कुमार, मानगो नगर निगम के कार्यपालक पदाधिकारी दीपक सहाय, जिला पंचायत राज पदाधिकारी डॉ रजनीकांत मिश्रा, जुगसलाई नगर परिषद के प्रतिनिधि मौजूद थे.
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मानगो में 2011 की जनगणना के अनुसार, 2.23 लाख आबादी पर 36 वार्ड और जुगसलाई में 49 हजार आबादी पर 22 वार्ड का निर्धारण पूर्व में किया गया था, लेकिन 36 और 22 वार्ड में कौन-कौन क्षेत्र होंगे, कौन क्षेत्र किस वार्ड में रहेंगे तथा उसकी आबादी और परिसीमन व संख्यांकन को तय किया जायेगा. कागज में इसे तैयार करने के साथ- साथ वार्ड वार नक्शा भी बनाया जायेगा.
गठन, परिसीमन और संख्यांकन के संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राधेश्याम प्रसाद ने डीसी को पत्र लिखा है. लिखे पत्र में कहा गया है कि मानगो नगर निगम और जुगसलाई नगर परिषद के निर्वाचन क्षेत्र (वार्ड) का गठन, परिसीमन एवं संख्याकंन का निर्देश प्राप्त है. कहा कि नगरपालिका अधिनियम के प्रावधान के आलोक में दोनों नवसृजित नगरपालिका में वार्ड पार्षदों की संख्या का अवधारण की अधिसूचना नगर विकास विभाग द्वारा 23 अगस्त, 2017 को जारी की थी.
झारखंड नगरपालिका निर्वाचन एवं चुनाव याचिका नियमावली 2012 के नियम में प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों के गठन एवं उनके संख्यांकन की कार्रवाई की प्रक्रिया का प्रावधान है. 2011 की जनगणना में प्रकाशित आंकड़ों के आधार पर प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों (वार्ड) का गठन, परिसीमन एवं संख्यांकन कार्य किया जाना है.
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निर्वाचन (वार्ड) क्षेत्रों के संख्यांकन के क्रम में आयोग द्वारा राज्य के सभी जिलों का एक कोड आवंटित किया गया है. इसके बाद श्रेणीवार नगर निकाय को आवंटित कोड संख्या रहेगी जो अरबी अंक में होगी. इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग स्तर से जिलों के आवंटित कोड के बाद नगर निकाय के निर्वाचन क्षेत्रों का संख्याकंन किया जायेगा और वार्ड संख्या भी अंकित की जायेगी.
Posted By : Samir Ranjan.