जमशेदपुर. बागबेड़ा के ट्रैफिक कॉलोनी में रेलवे की लीज जमीन पर कब्जा दिलाने के विवाद में आत्मदाह का प्रयास करने वाले रेलकर्मी सुनील पिल्लई (58) की टाटा मेन अस्पताल में इलाज के दौरान रविवार को मौत हो गयी. उनका पार्थिव शरीर पोस्टमार्टम के बाद ट्रैफिक कॉलोनी स्थित रेलवे क्वार्टर लाया गया. सुनील पिल्लई का शव पहुंचते ही पत्नी, बेटी और परिवार के लोग चित्कार मार कर रोने लगे. बेटी बार-बार पापा लौट के आ जाओ कहकर शव से लिपट कर रो रही थी. अंतिम दर्शन के बाद पार्वती घाट पर सुनील पिल्लई का अंतिम संस्कार कर दिया गया.
मालूम हो कि पिता के नाम से क्वार्टर के बगल लीज पर जमीन होने का दावा सुनील पिल्लई कर रहे थे. जमीन विक्रमा तिवारी के नाम से 1984 से लीज पर बतायी जा रही थी. वह वर्ष 2011 में उसे ओम प्रकाश कसेरा को पावर ऑफ एट्रॉनी पर दे दिया गया था. 28 जून को आरपीएफ और लैंड विभाग के अधिकारी जमीन पर ओम प्रकाश को कब्जा दिलाने पहुंचे थे. सुनील पिल्लई की पत्नी और बेटी ने ससुर रामनाथ पिल्ले के नाम लीज होने की बात कहकर विरोध किया. आरपीएफ की टीम दोनों को पकड़कर पोस्ट ले गयी, इस बीच सुनील पिल्लई ने आत्मदाह का प्रयास किया था. उन्हें पहले रेलवे अस्पताल फिर टीएमएच में भर्ती कराया गया था. वहीं इलाज के दौरान आज उनकी मौत हो गयी. सुनील पिल्लई टाटानगर लोको शेड के सीनियर टेक्नीशियन थे. उनकी दो बेटी और एक बेटा है.
प्रताड़ना से तंग आकर पति ने किया आत्मदाह : निरुपमा
सुनील पिल्लई के मौत के बाद पत्नी निरुपमा पिल्लई उर्फ नीरू और बेटी ने बताया कि रेलवे के अधिकारी और कारोबारी ओम प्रकाश कसेरा जबरन उनकी जमीन को कब्जा करना चाहते थे. जमीन सुसर के नाम पर थी. आरपीएफ के अधिकारी, आइओडब्लू और ओम प्रकाश कसेरा ने मिलकर पति को आत्मदाह करने के लिए प्रेरित किया है. पति के मौत के जिम्मेवार यहीं लोग हैं. प्रताड़ना से तंग आकर उन्होंने आत्मदाह किया. बेटी ने बताया कि 28 जून को आरपीएफ और आइओडब्ल्यू के अधिकारी यह बताने पर भी जमीन का केस कोर्ट में लंबित है, उनकी बात नहीं सुनी. घसीट कर आरपीएफ हाजत में बंद कर दिया. गंदी-गंदी गालियां दी गयी. दुर्व्यवहार किया गया. बाद में तीनों को बागबेड़ा थाना ले जाकर माफीनामा लिखवाया गया. घर आयी तो पिता के आत्मदाह करने की बात पता चली. सुनील पिल्लई की पत्नी निरुपमा पिल्लई ने बागबेड़ा थाना में कारोबारी ओम प्रकाश कसेरा, आइओडब्लू के एसएसई आरके सिंह, कल्याण, नंदू के अलावा आरपीएफ प्रभारी एसके तिवारी, जीके राय, अमरेंद्र के खिलाफ पति को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का आरोप लगा कर शिकायत दर्ज करायी है.
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सुनील पिल्लई के पास जमीन का पेपर नहीं : आरपीएफ
सुनील पिल्लई की मौत के बाद आनन फानन में आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त केसी नायक ने संवाददाता सम्मेलन बुलाकर घटनाक्रम पर रेलवे का पक्ष रखा. उन्होंने बताया कि सुनील पिल्लई का दावा था कि प्लांट नंबर टीसी-53-टाटा 1000 स्क्वायर फीट जमीन पिता रामनाथ पिल्लई को 1984 में लीज में मिली थी. हालांकि वह लीज के पेपर नहीं दिखा सका. किसी रेलकर्मी को जमीन लीज पर नहीं देने का प्रावधान है. रेलवे रिकॉर्ड में जमीन 1984 में विक्रमा तिवारी के नाम से दर्ज है. उसने ही रेंट 455 रुपये जमा कराया है. साल 2004 में आये प्रावधान के आधार पर विक्रमा तिवारी ने वर्ष 2011 में बिना किराया जमा किये जमीन का पावर ओम प्रकाश कसेरा को दे दिया था. 2011 में ओम प्रकाश ने 1985 से 2011 तक का किराया जमा कराया. मार्च 2024 तक का किराया भी जमा कराया. इधर, विक्रमा तिवारी ने 18 अप्रैल 2023 काे डीआरएम कार्यालय में लीज जमीन पर कार्य कराने का आवेदन दिया था. सभी विभागों से क्लियरेंस मिलने के बाद 14 जून 2023 को आदेश जारी हुआ. एइएन के पत्र पर 28 जून को आरपीएफ की टीम जमीन पर कार्य में सहयोग देने गयी थी. सुनील पिल्लई की पत्नी नीरू और दोनों बेटियों अंजली और मनीषा ने विरोध किया. नीरू बदन पर केरोसिल डालकर आत्मदाह करने की बात कहकर बाहर आयी. उसे व बेटियों के साथ समझाने के लिए पोस्ट लाया गया. इस बीच सूचना मिली कि सुनील पिल्लई ने आग लगा ली है. उसे रेलवे अस्पताल लाया गया है. आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त केसी नायक ने बताया कि सुनील ने जब आत्मदाह किया तो आरपीएफ का कोई भी जवान या पदाधिकारी वहां नहीं था. शाम में दोनों बेटियों और पत्नी ने आरपीएफ के समझ माफीनामा लिखा कि भविष्य में वे लोग ऐसी गलती नहीं करेगी. एक रिश्तेदार के साथ तीनों को घर भेजा गया. संवाददाता सम्मेलन के दौरान आइओडब्लू के एसएसई आरके सिंह, आरपीएफ टाटा पोस्ट के प्रभारी एसके तिवारी मौजूद थे.