जमशेदपुर (संजीव भारद्वाज) : झारखंड की राजधानी रांची के एक निजी अस्पताल में कोरोना से संक्रमित जमशेदपुर के एक व्यक्ति की मृत्यु हो गयी. उसके शव को जमशेदपुर भेजा गया. जमशेदपुर में शव को दफनाने के लिए परिवार के लोग कब्रिस्तान ले गये और आखिरी बार चेहरा देखा, तो उनके होश उड़ गये. शव किसी महिला का था. इसके बाद रांची के अस्पताल से लेकर जमशेदपुर के कब्रिस्तान तक हंगामा मच गया.
इसके बाद रांची के ओरमांझी प्रखंड अंतर्गत इरबा थाना क्षेत्र में स्थित अस्क्लेपियस सेंटर फॉर मेडिकल साइंसेज की इस लापरवाही से परिवार के लोगों का गुस्सा भड़क उठा. परिवार के सदस्यों ने कब्रिस्तान से ही अस्क्लेपियस हॉस्पिटल प्रबंधन काे फाेन पर जमकर खरी-खाेटी सुनायी. उन्हें भाई का पार्थिव शरीर देने और महिला का पार्थिव शरीर ले जाने काे कहा.
देर शाम रांची से आजादनगर के मृतक का शव जमशेदपुर भेजा गया, जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया. रांची से शव पहुंचने के बाद उसका चेहरा देखा गया. शव की पहचान की गयी और इसके बाद रांची के कोकर की रहने वाली इस महिला का शव रांची भेजा गया.
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साकची कब्रिस्तान कमेटी के सचिव रियाज शरीफ ने बताया कि आजादनगर थाना के पास रहने वाले 60 वर्षीय हाजी काे 12 दिन पहले निमाेनिया की शिकायत के बाद रांची के अस्क्लेपियस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्हें सांस लेने की में दिक्कत हाे रही थी. अस्पताल प्रबंधन ने तीन दिन पहले बताया कि भर्ती कराये गये हाजी काेराेना संक्रमित हैं. शुक्रवार देर उनकी मौत हो गयी.
अस्पताल ने परिजनों को सूचना दी कि हार्ट अटैक समेत अन्य कारणाें से उनका इंतकाल हुआ है. इसके बाद उन्हाेंने रांची प्रशासन से बात कर पार्थिव शरीर काे जमशेदपुर भिजवाने का आग्राह किया. रांची से क्वालिस एंबुलेंस में शव लेकर चालक साकची कब्रिस्तान पहुंचा. पार्थिव शरीर काे पूरी तरह प्लास्टिक किट में पैक करके भेजा गया था. कोरोना पॉजिटिव बताते हुए अस्पताल प्रबंधन ने शव को छूने और देखने से मना किया था.
अस्पताल प्रबंधन की बाताें काे मानकर अंतिम संस्कार की तैयारी में सभी लोग जुट गये. जनाजे की नमाज भी पढ़ी गयी. लेकिन, कब्रिस्तान में परिवार के कुछ सदस्य इस बात पर अड़ गये कि उन्हें आखिरी बार चेहरा देखना है. उन्हें समझाया गया यह काेराेना संक्रमित हैं, संक्रमण फैल सकता है, लेकिन परिवार के लाेग नहीं माने. दंडाधिकारी की उपस्थिति में चेहरा दिखाने का फैसला किया गया.
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जब प्लास्टिक हटाकर लोगों ने चेहरा देखा, ताे सभी के हाेश फाख्ता हाे गये. पार्थिव शरीर हाजी का नहीं, बल्कि किसी महिला का था. परिवार के सदस्याें ने कहा कि इस मामले की शिकायत स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से करेंगे. अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ पुलिस थाना में शिकायत भी दर्ज करायी जायेगी. दूसरी तरफ, रांची में अस्क्लेपियस हॉस्पिटल में कोकर की महिला के परिजनों ने जमकर हंगामा किया. सुरक्षाकर्मियों ने किसी तरह मामले को शांत कराया.
Posted By : Mithilesh Jha