Jamshedpur News: भुइयांडीह छायानगर निवासी साकची शारदामणि स्कूल की नौवीं की छात्रा सातवें दिन जिंदगी की जंग हार गयी. गुरुवार की रात करीब आठ बजे टीएमएच बीसीयू (बर्न केयर यूनिट) में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. आज यानि 22 अक्टूबर को छात्रा के शव का अंतिम संस्कार किया जायेगा. छायानगर निवास स्थान से सुबह 11 बजे शव यात्रा निकलेगी. शव यात्रा और अंतिम संस्कार को लेकर पुलिस बल की तैनाती की गई है.
मौत की खबर सुनते ही अस्पताल में सैकड़ों लोग जुट गये. लोगों में गम के बीच काफी आक्रोश था. प्रशासन ने पहले ही टीएमएच में क्यूआरटी की तैनाती कर दी थी. सूचना मिलने पर उपायुक्त विजया जाधव, एसडीओ संदीप मीणा, एडीएम नंद किशोर लाल, एसपी सिटी के विजय शंकर व बिष्टुपुर थाने की पुलिस वहां पहुंची. उपायुक्त ने छात्रा की मां को गले लगा कर ढाढ़स बंधाया और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. बुधवार की रात छात्रा के वेंटिलेटर पर जाते ही आक्रोश को देखते हुए प्रशासन ने टीएमएच में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये थे. छात्रा को मृत घोषित करते हुए अस्पताल का मेन गेट बंद कर दिया गया.
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मृत छात्रा की बड़ी मां आरती मुखी ने बताया कि बच्ची के इलाज के दौरान पुलिस प्रशासन की तरफ से पूरा सहयोग मिला. उपायुक्त ने बच्ची को बचाने को लेकर हरसंभव प्रयास किया. साथ ही इलाज का खर्च प्रशासन ने वहन किया.
दोषी शिक्षकों को कठोर सजा मिले. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने छात्रा के निधन को दुःखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि ऐसे शिक्षक पर प्रशासन कड़ी से कड़ी कार्रवाई कर समाज में उदाहरण पेश करे.
गुरुवार की सुबह उपायुक्त विजया जाधव टीएमएच की बर्न वार्ड गयी और डॉक्टर से छात्रा के तबीयत की जानकारी ली. उन्होंने परिवार के लोगों से भी बात की थी. उपायुक्त ने परिवार के लोगों को बताया कि इलाज में कोताही नहीं बरती जा रही है. प्रशासन हर मदद को तैयार है.
शारदामणि स्कूल में नौवीं की छात्रा रितु मुखी की तबीयत गुरुवार शाम को अचानक से बिगड़ गयी थी. वेंटिलेटर पर रहने के बाद भी उसका पल्स रेट और ब्लड प्रेशर लगातार गिर रहा था. जिसकी जानकारी डॉक्टरों ने उनके परिवार के लोगों को लगातार दे रहे थे.
शारदामणि स्कूल में नौवीं की छात्रा रितु मुखी परीक्षा के दौरान 14 अक्तूबर को चीटिंग करती पकड़ी गयी थी. आरोप है कि शिक्षिका ने छात्राओं के बीच उनके कपड़े उतरवा कर जांच की. इससे वह काफी आहत हुई और घर जाकर केरोसिन डालकर खुद को जला लिया. उनका इलाज टीएमएच में चल रहा था. छात्रा 75 प्रतिशत तक झुलस गयी थी. पहले दिन से ही उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई थी. एसडीओ की उपस्थिति में छात्रा का बयान दर्ज किया गया था. बुधवार की रात से उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था. इस मामले में आरोपी शिक्षिका को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. वहीं, शिक्षिका और स्कूल की प्रिंसिपल को प्रबंधन कमेटी ने निलंबित कर दिया है.
बेटी की मौत की खबर मिलते ही मां सरस्वती मुखी की स्थिति बिगड़ गयी. रो-रोकर उनका बुरा हाल था. उपायुक्त ने उन्हें ढाढ़स बंधाने का प्रयास किया, लेकिन वह हाथ जोड़ते हुए बस एक ही बात बोलती रहीं, मेरी बेटी को इंसाफ दिला दीजिए मैडम. मेरी बेटी कि क्या गलती थी मैडम, मैं अपनी बच्ची को बचा नहीं सकी. यह कहते हुए वह दहाड़ मारकर रोने लगी. मां की यह स्थिति देख वहां मौजूद सभी की आंखें नम हो गयीं.
छात्रा के शव का पोस्टमार्टम विशेष परिस्थिति और उपायुक्त के आदेश पर रात में कराया गया. इसके लिए तीन सदस्यीय मेडिकल बोर्ड गठित किया गया. इसमें गायनिक, फॉरेंसिक और सर्जरी के डॉक्टर शामिल थे. पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी करायी गयी. शव को एमजीएम पोस्टमार्टम हाउस के शीतगृह में रख दिया गया. पोस्टमार्टम हाउस में एसडीओ, एडीएम और सीतारामडेरा थाना प्रभारी मौजूद थे.