Jharkhand News: सुवर्णरेखा नदी पर बने सोनारी-डोबो को जोड़नेवाले पुल के नामकरण को लेकर बुधवार देर रात रघुनाथ महतो के समर्थक और बिरसा मुंडा के समर्थक तीर-धनुष, तलवार, फरसा, लाठी-डंडा लेकर आमने-सामने हो गये. एक-दूसरे पर अपने पूर्वजों-शहीदों को अपमानित करने का आरोप लगाया. सूचना पाकर कपाली थाना पुलिस वहां पहुंची. दोनों के समर्थकों को पुलिस ने दूर किया. गुरुवार को प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर समाधान का आश्वासन दिया गया. दोनों गुट के लोग वहां देर रात तक जमे हुए थे.
मूर्ति क्षतिग्रस्त कर बोर्ड पर किया पेंट : महतो
स्वर्गीय रघुनाथ महतो स्मारक समिति के नारायण महतो ने बताया कि बुधवार को रघुनाथ महतो की पुण्यतिथि होने के कारण उन्होंने वहां मूर्ति की स्थापना की थी, पुल का नामकरण रघुनाथ महतो के नाम से किया था. शाम में जय नारायण मुंडा, दिनकर कच्छप, सुनील हेंब्रम ने मूर्ति क्षतिग्रस्त कर दी. हाथ में रखा तीर तोड़ दिया. बोर्ड पर लिखे रघुनाथ महतो पुल पर पेंट पोत दिया. यह सारा काम पूर्व प्रयोजित था. पुल पर किसी भी शहीद का नाम पूर्व में नहीं लिखा गया था. बैठक में उपायुक्त स्तर पर ही बात होगी.
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बिरसा मुंडा के नाम का बोर्ड हटाया : जेएन मुंडा
बिरसा मुंडा समिति के जय नारायण मुंडा ने बताया कि तीन साल पहले ग्राम प्रधान लाल सिंह के नेतृत्व में आयोजित ग्राम सभा में पुल का नाम भगवान बिरसा मुंडा सेतु किया गया था. मंगलवार देर रात वहां पहुंच कर कुड़मी समाज के कुछ लोगों ने रातों-रात मूर्ति की स्थापना कर दी. बिरसा मुंडा के नाम पर लगा बोर्ड हटा दिया. जानकारी मिलने पर लोग पहुंचे और विरोध किया. रघुनाथ महतो की मूर्ति रात के वक्त लगाने का क्या औचित्य है. गुरुवार को समाज की बैठक बुलायी गयी है, जिसमें आगे रणनीति बनायेंगे.