Jharkhand News: झारखंड के जमशेदपुर स्थित टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन (टीएसएएफ) की सीनियर इंस्ट्रक्टर अस्मिता दोरजी माउंट एवरेस्ट के अभियान पर जायेंगी. कोरोना के कारण पिछले दो वर्षों से एवरेस्ट एक्सपीडिशन बंद था. टाटा स्टील आज मंगलवार को इसकी आधिकारिक घोषणा कर सकती है. टाटा स्टील के सहयोग से अभी तक 11 क्लाइंबर माउंट एवरेस्ट को फतह कर चुके हैं. आपको बता दें कि माउंट एवरेस्ट एक्सपीडिशन की शुरुआत दो अप्रैल से होगी. जमशेदपुर की रहने वाली 37 वर्षीया क्लाइंबर अस्मिता दोरजी ने कोरोना काल के दौरान माउंट एवरेस्ट अभियान के लिए काफी कड़ी ट्रेनिंग की है.
11 कर चुके हैं माउंट एवरेस्ट फतह
टाटा स्टील के सहयोग से जो 11 क्लाइंबर माउंट एवरेस्ट फतह कर चुके हैं, उनमें बछेंद्री पाल, प्रेमलता अग्रवाल, राजेंद्र पाल सिंह, विनीता सोरेन, मेघलाल महतो, सुसेन महतो, अरुणिमा सिन्हा, हेमंत गुप्ता, संदीप तोलिया, स्वर्णलगता दलाई व पूनम राणा का नाम शामिल है. माउंट एवरेस्ट एक्सपीडिशन की शुरुआत दो अप्रैल से होगी. ये 31 मई तक चलेगा.
37 वर्षीया अस्मिता ने की है कड़ी मेहनत
जमशेदपुर की रहने वाली 37 वर्षीया क्लाइंबर अस्मिता दोरजी ने कोरोना काल के दौरान माउंट एवरेस्ट अभियान के लिए काफी कड़ी ट्रेनिंग की है. उन्होंने बछेंद्री पाल की देखरेख में उत्तरकाशी के कालफो में ट्रेकिंग व क्लाइंबिंग से संबंधित ट्रेनिंग की. अस्मिता दोरजी के पिता शेरपा अंग दोरजी (अंग, बछेंद्र पाल ने जब 1984 में एवरेस्ट फतह करके इतिहास रचा था, तो उस वक्त वह उनके साथ शेरपा की भूमिका में थे) हैं. अस्मिता अढवाल हिमालया एक्सपीडिशन, ले लद्दाक एक्सपीडिशन व केदारनाथ एक्सपीडिश की सदस्य थीं. टाटा स्टील ने 2017 में जमशेदपुर की पायो मुर्मू को भी एवरेस्ट फतह करने के कठिन अभियान पर भेजा था, लेकिन बर्फीली तूफान के कारण पायो अभियान को पूरा नहीं कर पायी थीं.
रिपोर्ट: निसार