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मोमेंटम झारखंड के तीन साल बाद भी कोल्हान में उद्योगों की स्थापना की क्या है जमीनी हकीकत, पढ़िए ये रिपोर्ट

जमशेदपुर (मनीष सिन्हा) : झारखंड में निवेश के लिए पिछली सरकार ने जोर-शोर से ‘मोमेंटम झारखंड’ की शुरुआत की थी, लेकिन कोल्हान में निवेश की स्थिति क्या है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि तीन साल बाद भी 186 में से मात्र नौ कंपनियों की स्थापना हुई है. सूचना के अधिकार के तहत जियाडा द्वारा दी गयी जानकारी में इसका खुलासा हुआ है. ‘मोमेंटम झारखंड’ के बाद उद्योगों की स्थापना के लिए कोल्हान में 507.03 एकड़ जमीन दी गयी, जिसमें पूर्वी सिंहभूम जिले में 247.32 एकड़ और सरायकेला- खरसावां जिले में 259. 71 एकड़ जमीन शामिल है. पश्चिमी सिंहभूम जिले में मोमेंटम झारखंड के बाद उद्योगों की स्थापना के लिए जमीन नहीं दी गयी थी और न ही उद्योगों की स्थापना का प्रस्ताव था.

जमशेदपुर (मनीष सिन्हा) : झारखंड में निवेश के लिए पिछली सरकार ने जोर-शोर से ‘मोमेंटम झारखंड’ की शुरुआत की थी, लेकिन कोल्हान में निवेश की स्थिति क्या है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि तीन साल बाद भी 186 में से मात्र नौ कंपनियों की स्थापना हुई है. सूचना के अधिकार के तहत जियाडा द्वारा दी गयी जानकारी में इसका खुलासा हुआ है. ‘मोमेंटम झारखंड’ के बाद उद्योगों की स्थापना के लिए कोल्हान में 507.03 एकड़ जमीन दी गयी, जिसमें पूर्वी सिंहभूम जिले में 247.32 एकड़ और सरायकेला- खरसावां जिले में 259. 71 एकड़ जमीन शामिल है. पश्चिमी सिंहभूम जिले में मोमेंटम झारखंड के बाद उद्योगों की स्थापना के लिए जमीन नहीं दी गयी थी और न ही उद्योगों की स्थापना का प्रस्ताव था.

बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में दूसरा मोमेंटम झारखंड कार्यक्रम 19 अगस्त 2017 को हुआ था. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री स्मृति जुबीन ईरानी शामिल हुई थीं और मुख्यमंत्री एवं अन्य अतिथियों ने 74 कंपनियों की आधारशिला रखी थी.

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सरायकेला जिले में सात उद्योगों की स्थापना हुई और 162 उद्योग नहीं लगे, जबकि पूर्वी सिंहभूम जिले में दो की स्थापना हुई व 24 उद्योग नहीं लगे. उद्योगों की स्थापना के लिए दी गयी जमीन की वर्तमान स्थिति के बारे में बताया गया कि जिस जिले में आधारभूत संरचना मौजूद है, वहां उद्योग निर्माणाधीन है.

सूचना के अधिकार के तहत जानकारी की मांग करने वाले सदन कुमार ठाकुर ने बताया कि किस जिले में कहां-कहां जमीन दी गयी और कहां-कहां उद्योग की स्थापना हुई, इसकी सूची की मांग की गयी है. सूची मिलने के बाद वे स्थल का सत्यापन कर देखेंगे कि धरातल पर कितने उद्योगों की स्थापना हुई है.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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