जामताड़ा (अजित) : हेलो सर, मैं बैंक मैनेजर बोल रहा हूं… आपका अकाउंट बंद होने जा रहा है… जल्दी से अपडेट करवाएं… साइबर अपराधी राजेश मंडल ने एसपी दीपक कुमार सिन्हा के सामने यह डेमोंस्ट्रेशन दिया. किस तरह लोगों को अपने झांसे में लेकर उनके खाते से पैसे उड़ा लेता है, इसके बारे में जानकारी दी. उसने बताया कि उसके गांव के 90 प्रतिशत युवा साइबर अपराध से जुड़े हैं. गांव का नाम है सियाटांड़.
साइबर अपराधी राजेश मंडल और सुशील मंडल सगे भाई हैं. वर्ष 2015 से साइबर अपराध के जरिये लोगों के बैंक अकाउंट खाली कर रहे हैं. दोनों भाई जेल भी जा चुके हैं. राजेश और संजय सहित 9 साइबर अपराधी शनिवार को जामताड़ा साइबर थाना पुलिस के हत्थे चढ़े. एसपी ने बताया कि गिरफ्तार किये गये साइबर क्रिमिनल्स में से अधिकतर का पुराना क्रिमिनल रिकॉर्ड है.
एसपी ने बताया कि साइबर थाना पुलिस को लगातार सफलता मिल रही है. शनिवार को करमाटांड़ थाना क्षेत्र के सियाटांड़ गांव से 9 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया. इनके खिलाफ जामताड़ा के साइबर थाना में आइटी एक्ट एवं आइपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. इनके पास से 9 मोबाइल फोन, एक मोबाइल का डिब्बा, 10 सिम कार्ड तथा एक आधार कार्ड बरामद हुए हैं.
एसपी श्री सिन्हा ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर सियाटांड़ में साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए साइबर डीएसपी सुमित कुमार की अगुवाई में टीम गठित कर छापेमारी करायी गयी. इसमें विनोद मंडल, पन्नालाल मंडल, दिलीप मंडल, रोबिन मंडल, विवेश मंडल, राजेश मंडल, भीम मंडल, राजेश मंडल तथा सुशील मंडल पुलिस के हत्थे चढ़ गये.
एसपी ने बताया कि इन सभी अपराधियों का पुराना आपराधिक इतिहास भी है. उन्होंने कहा कि साइबर अपराध के विरुद्ध अभियान को और तेज किया जायेगा. एसपी ने कहा कि पुलिस सभी साइबर क्रिमिनल्स का इतिहास खंगालने में जुटी है. साइबर क्रिमिनल्स ने ठगी के जरिये लाखों की संपत्ति अर्जित की है.
राजेश मंडल ने बताया कि वह 50 प्रतिशत पर काम करता है. साइबर फिशिंग का पैसा एक अकाउंट में भेजा जाता है. जिसके खाते में पैसे जाते हैं, वह 50 प्रतिशत यानी आधा पैसे अपने पास रख लेता है और आधा साइबर क्राइम से जुड़े लोगों को दे देता है. सारा डील फोन पर हो जाता है. सामने वाला अपना नाम गुप्त रखता है. राजेश ने बेझिझक बताया कि गांव के 90 प्रतिशत युवा इस अपराध में लिप्त हैं.
लगातार बढ़ रहे साइबर अपराध पर अंकुश लगाने एवं साइबर क्रिमिनल्स को सुधारने की दिशा में पहल करने की बात एसपी ने कही. एसपी ने कहा कि इन अपराधियों को जेल की बजाय कोरेंटिन सेंटर बनाकर उसमें रखने की आवश्यकता है.
कहा कि साइबर अपराधियों को जेल में बेहतर सुविधा मिलती है. घरवाले प्रतिदिन घर से खाना उपलब्ध करा देते हैं. उन्हें एहसास ही नहीं होता कि वे जेल में हैं. लिहाजा ऐसे अपराधियों की मानसिकता बदलने के लिए कोरेंटिन सेंटर जैसी जगह पर रखने की आवश्यकता है.
Posted By : Mithilesh Jha