Jharkhand news, Jamtara news : जामताड़ा : अगर आपके मोबाइल पर एनीडेस्क ऐप (Anydesk App) और टीम व्यूअर एप (Team viewer app) का लिंक आता है और आप उस लिंक को क्लिक कर कुछ भी अपडेट करते हैं, तो समझ लीजिए आपकी मेहनत की गाढ़ी कमाई अगले ही पल उड़न छू हो जायेगी. जामताड़ा के साइबर क्रिमिनल अब यह नया ट्रेंड अपनाया है. इन दोनों ऐप के माध्यम से आपके मोबाइल को हैक कर आपका सारा डाटा और गतिविधि चुरा लेता है. इस बात का खुलासा एसपी दीपक कुमार सिन्हा ने मंगलवार को 2 साइबर साइबर क्रिमिनल की गिरफ्तारी के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कही.
बताया गया कि करमाटांड़ थाना क्षेत्र के सियाटांड़ से 2 साइबर साइबर क्रिमिनल की गिरफ्तारी हुई है जो इस ऐप के माध्यम से साइबर ठगी का कारोबार चलाता है. उन्होंने बताया कि यह साइबर साइबर क्रिमिनल स्टेट वाइज डिविजन करके लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं.
सियाटांड़ गांव से गिरफ्तार साइबर साइबर क्रिमिनल सुभाष मंडल एवं धीरेन तुरी की गिरफ्तारी से बड़ा खुलासा हुआ है. साइबर साइबर क्रिमिनल ने अपराध में अपनी संलिप्तता स्वीकारते हुए राज्यों का आपस में बटवारा कर ऑर्गेनाइज तरीके से साइबर अपराध की घटना को अंजाम देने की बात स्वीकारी है. गिरफ्तार दोनों साइबर साइबर क्रिमिनल ने मुंबई, गुजरात, बिहार, झारखंड एवं पश्चिम बंगाल को अपने हिस्से में लेकर साइबर अपराध के जरिये ठगी की घटना को अंजाम देता है. सुभाष मंडल सियाटांड़ का रहने वाला है, जबकि धीरेन तुरी अमडीहा का रहने वाला है. वहीं, इस गिरोह का मास्टर माइंड सियाटांड़ निवासी राजेश मंडल छापेमारी के दौरान फरार हो गया.
Also Read: दुमका उपचुनाव में बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे नक्सली, पुलिस ने मंसूबे पर फेरा पानी
घटना के संदर्भ में एसपी ने बताया कि पश्चिम बंगाल से 3 दिन पहले शिकायत के साथ ही एक मोबाइल नंबर भी दिया गया था. जिसके जरिये 25000 रुपये की ठगी साइबर क्राइम के जरिये किया गया था. सूचना के बाद टीम गठित की गयी और ऑपरेशन में लगाया गया. बताया गया कि 2 दिनों तक मोबाइल कभी ऑफ कभी ऑन आ रहा था. लगातार ट्रैकिंग के बाद सोमवार की शाम लोकेशन को ट्रेस करते हुए पुलिस ने सियाटांड़ गांव में छापेमारी की. जहां दोनों साइबर क्रिमिनल सरगना राजेश मंडल के साथ घटना को अंजाम देने में लगे हुए थे. पुलिस को आता देख राजेश मंडल भागने में सफल रहा. वहीं, सुभाष मंडल और धीरेन तुरी पुलिस के हत्थे चढ़ गया. गिरफ्तार इन साइबर क्रिमिनल के पास से पुलिस ने 5 मोबाइल और 12 सिम भी बरामद किया है.
एसपी ने बताया कि यह साइबर क्रिमिनल एनीडेस्क या फिर टीम व्यूअर ऐप के जरिये लिंक भेजते हैं और एटीएम को अपडेट करने या केवाईसी के नाम पर 5 या 10 रुपये का चार्ज दिये जाने की बात कहते हुए पेमेंट करने को कहते हैं. जैसे ही सामने वाला व्यक्ति ऐप को डाउनलोड कर लिंक पर जाता है और पेमेंट का प्रोसेस शुरू करता है. उसकी मोबाइल या फिर सिस्टम पूरी तरह से हैक हो जाता है तथा जो भी प्रक्रिया मोबाइल धारक के द्वारा किया जाता है वह सब कुछ उनके कंट्रोल में होता है. उसके बाद उन्हीं डेटा का उपयोग कर यह साइबर क्रिमिनल उनके बैंक खाते को खंगाल देते हैं. एसपी ने बताया कि 3 महीने में सुभाष मंडल ने 10 से 12 लोगों को शिकार बनाने की बात स्वीकारी है. वहीं, धीरेन तुरी ने भी 6 से 8 लोगों को साइबर अपराध के जाल में फंसाने की बात स्वीकारी है. उन्होंने कहा कि इनके मोबाइल को खंगाला जा रहा है. संभावना है कि इसके जरिये साइबर अपराध के शिकार हुए लोगों की संख्या और अधिक होगी.
साइबर क्रिमिनल गूगल के माध्यम से बंटवारे में आये राज्यों के मोबाइल नंबर का कोड जानते हैं. उसके बाद सिरीज में नंबर डालना शुरू करते हैं और लोगों को फंसाने का प्रयास करते हैं. उसमें अज्ञानता वश जो लोग इनके झांसे में आ जाते हैं वे इनका शिकार बनते हैं. इस तरह यह लोग साइबर अपराध की घटना को अंजाम देते हुए अवैध तरीके से धन अर्जित करते हैं. उन्होंने बताया कि दोनों साइबर क्रिमिनल पूर्व में जेल जा चुका है. उसके खिलाफ सरायकेला थाना में कांड संख्या 128/17 दर्ज है, जिसमें वह जेल जा चुका है. धीरेन के हिस्से में झारखंड, बिहार और बंगाल है जहां के लोगों को अपना शिकार बनाता है. गिरफ्तार साइबर क्रिमिनल के विरूद्ध साइबर थाना में कांड संख्या 54/20 दर्ज कर जेल भेजा गया है. मौके पर साइबर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सुनील कुमार चौधरी सहित अन्य उपस्थित थे.
Posted By : Samir Ranjan.