उमेश कुमार, जामताड़ा. झारखंड का जामताड़ा जिला आज देश-विदेश में मशहूर है. इस जिले के देश के साइबर क्रिमिनल्स का हब (jamtara cyber crime capital) माना जाता है. बेहद कम पढ़े-लिखे लोग साइबर ठगी में एक्सपर्ट हो गये हैं. इन्हें आम आदमी से लेकर सरकारी अधिकारी और सांसद तक को चूना लगाने में महारत हासिल कर ली है. मिनटों में लाखों रुपये के वारे-न्यारे कर देते हैं. जामताड़ा का एक साइबर क्रिमिनल (jamtara cyber crime news today) पुलिस के हत्थे चढ़ा. उसकी संपत्ति के बारे में जानकर पुलिस अधिकारी भी हैरान रह गये. इसने करोड़ों की प्रॉपर्टी बना रखी है.
जामताड़ा साइबर थाना की पुलिस ने जामताड़ा थाना क्षेत्र के चेंगायडीह गांव (jharkhand cyber crime village) से इस करोड़पति साइबर ठग को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार साइबर ठग का नाम असीम अंसारी है. पुलिस को पता चला है कि साइबर अपराध के जरिये असीम अंसारी ने करोड़ों की संपदा अर्जित की है. असीम का कहना है कि वह दिल्ली, मुंबई में लेबर सप्लाई करने का काम करता है. लेकिन, इसके जरिये वह लोगों के बैंक खाते का दुरुपयोग साइबर अपराध के जरिये ठगी की गयी राशि को एडजस्ट करने में करता था.
छापेमारी के दौरान असीम अंसारी का एक सहयोगी वीरगांव निवासी जलालुद्दीन अंसारी मौके से फरार हो गया. गिरफ्तार साइबर ठग के पास से तीन स्वाइप मशीनें, 15 एटीएम कार्ड, चेक बुक सहित अन्य समान पुलिस ने जब्त किये हैं. जानकारी के अनुसार, असीम अंसारी को पहले भी साइबर क्राइम के मामले में दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था. इस मामले को लेकर जामताड़ा साइबर थाना की पुलिस दिल्ली साइबर सेल के संपर्क में है. साइबर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अजय पंजीकार ने बताया कि इस बात की तफ्तीश की जा रही है.
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पुलिस के मुताबिक, असीम अंसारी ने स्वीकार किया है कि 1 साल से वह साइबर क्राइम में लिप्त है. साइबर अपराधियों द्वारा ठगी की राशि को बैंक खाते में खपाने और निकासी करने का काम करता है. इसके एवज में उसे कमीशन मिलता है. पुलिस ने गिरफ्तार साइबर ठग को मंडल कारा जामताड़ा भेज दिया है. जानकारी के अनुसार हाल ही में उसने कई लाख की लागत से चेंगायडीह गांव में मकान बनाया है.