Jamtara Cyber Crime News Today: जामताड़ा (अजित कुमार) : बड़े-बड़े आइएएस (IAS), आइपीएस (IPS) अधिकारियों से लेकर मंत्री और राजनेता तक को लाखों का चूना लगाने वाले जामताड़ा के साइबर अपराधियों की शिक्षा के बारे में जानकर आप दांतों तले उंगलियां दबा लेंगे. ये साइबर क्रिमिनल्स अनपढ़-गंवार होते हैं.
इनमें से बमुश्किल कोई मैट्रिक पास होता है. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी और पटियाला की महारानी परनीत कौर के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खाता से बातों-बातों में 23 लाख रुपये उड़ा लेने वाले कुतबुल अंसारी ने पुलिस के सामने यह खुलासा किया है.
साइबर क्राइम की दुनिया के जाने-माने दो नाम हैं कुतबुल अंसारी और बद्री मंडल. इन दोनों ने पुलिस के सामने खुलासा किया है कि इस अपराध को अंजाम देने वाले लोग कतई हाईटेक नहीं हैं. सुदृढ़ टेक्नोलॉजी से लैस उनका कोई कार्यालय भी नहीं होता. तकनीकी ज्ञान भी इनका बहुत नहीं होता. साइबर अपराध से जुड़े जामताड़ा के अधिकतर युवा अंगूठा छाप, मुश्किल से पांचवीं पास होते हैं. कुल मिलाकर कहें, तो कोई भी मुश्किल से हाई स्कूल पास होता है. ये अनपढ़-गंवार लोग अकूत संपत्ति के मालिक हैं. इनके मकान आलीशान हैं. इन्हें कई भाषाओं की जानकारी है, जिसके दम पर यह लोगों को चूना लगाते हैं.
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पिछले दिनों 6 अक्टूबर, 2020 को साइबर थाना पुलिस द्वारा नारायणपुर के रिंगोचिंगो से बद्री मंडल की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को जानकारी मिली कि इसके विरुद्ध केरल, महाराष्ट्र में भी मामले दर्ज हैं. वह वहां के जेल की हवा भी खा चुका है. बता दें कि करमाटांड़ थाना क्षेत्र के साइबर अपराधी मजदूरी करने के लिए केरल, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र व अन्य जगहों पर जाते हैं. दो-चार महीने वहां मजदूरी करते हैं और इसी दौरान वहां की क्षेत्रीय भाषा सीख जाते हैं. वहां से लौटने के बाद उन्हीं की भाषा में वहां के लोगों को झांसे में लेकर उनके रुपये उड़ा लेते हैं.
सबसे पहले इस तरह का मामला वर्ष 2016 में आया था. तत्कालीन एसपी कुसुम पुनिया के कार्यकाल में साइबर अपराध को लेकर जामताड़ा जिला में मुहिम शुरू की गयी थी. उसी दौरान अताउल नाम का एक व्यक्ति आंध्रप्रदेश पुलिस के हत्थे चढ़ गया था. उसने आंध्रप्रदेश के पुलिसकर्मियों को ही अपना शिकार बना डाला था. पुलिसकर्मियों के बीएसएनएल मोबाइल नंबर की पूरी सीरीज को एक साथ इस्तेमाल कर उन्हें झांसे में लिया और लगभग 20-22 पुलिसकर्मियों की सैलरी उनके बैंक खाते से उड़ा लिये. लगभग 25 लाख रुपये के साइबर क्राइम मामले में आंध्रप्रदेश की पुलिस जामताड़ा के करमाटांड़ पहुंची और यहां से अताउल को गिरफ्तार किया था.
कोर्ट में पेश किये जाने के बाद आंध्रप्रदेश की पुलिस टांजिट रिमांड पर उसे ले गयी. रास्ते में उसने डेमो करके दिखाया. अताउल फर्राटेदार तेलुगु भाषा में बात कर रहा था. बता दें कि उसने तेलुगु भाषा में बात करके ही वहां के पुलिसकर्मियों को अपना शिकार बनाया था. हाल ही में पुलिस की गिरफ्त में आये बद्री मंडल को भी कई भाषाओं की जानकारी है. लोकल स्तर पर हिंदी, खोरठा और बांग्ला भाषा तो धड़ल्ले से बोलता ही है, कई अन्य भाषाओं पर भी उसका अधिकार है. इन लोगों ने बताया है कि जिन-जिन क्षेत्रों में ये लोग मजदूरी करने गये, वहां की भाषा सीखी और फिर उसी भाषा में वहां के लोगों को चूना लगाने लगे.
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बद्री मंडल के विरुद्ध वर्ष 2017 में करमाटांड़ थाना में कांड संख्या 300/17 तथा केरल के मल्लपुरम जिला के मंजेरी थाना में कांड संख्या 521/17 दर्ज है. वहीं, महाराष्ट्र के मुंबई सिटी के कफ परेड थाना में वर्ष 2019 में कांड संख्या सीआर- 57/ 19 दर्ज किया गया है. बता दें कि करमाटांड़ एवं नारायणपुर थाना क्षेत्र के कई ऐसे साइबर अपराधी हैं, जिन्हें तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, मराठी आदि कई भाषाओं की जानकारी है. इनके शैक्षणिक योग्यता की बात करें, तो कम ही लोग हैं, जो मैट्रिक या मैट्रिक से आगे पढ़े होंगे. मजदूरी के लिए किसी राज्य में बिताये गये उनके चार से छह माह काफी होते हैं, वहां की भाषा को समझने के लिए. भाषा में निपुण होकर वहां के लोगों को आसानी से अपना शिकार बना लेते हैं.
Posted By : Mithilesh Jha